CBSE Class 12 [कक्षा १२] Economics (अर्थशास्त्र) Syllabus - Free PDF Download
CBSE Syllabus 2025-26 Class 12 [कक्षा १२]: The CBSE Class 12 [कक्षा १२] Economics (अर्थशास्त्र) Syllabus for the examination year 2025-26 has been released by the Central Board of Secondary Education, CBSE. The board will hold the final examination at the end of the year following the annual assessment scheme, which has led to the release of the syllabus. The 2025-26 CBSE Class 12 [कक्षा १२] Economics (अर्थशास्त्र) Board Exam will entirely be based on the most recent syllabus. Therefore, students must thoroughly understand the new CBSE syllabus to prepare for their annual exam properly.
The detailed CBSE Class 12 [कक्षा १२] Economics (अर्थशास्त्र) Syllabus for 2025-26 is below.
CBSE Class 12 [कक्षा १२] Economics (अर्थशास्त्र) Revised Syllabus
CBSE Class 12 [कक्षा १२] Economics (अर्थशास्त्र) and their Unit wise marks distribution
CBSE Class 12 [कक्षा १२] Economics (अर्थशास्त्र) Course Structure 2025-26 With Marking Scheme
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Syllabus
CBSE Class 12 [कक्षा १२] Economics (अर्थशास्त्र) Syllabus for Chapter 1: समष्टि अर्थशास्त्र एक परिचय
- समष्टि अर्थशास्त्र का उद्भव
- समष्टि अर्थशास्त्र की वर्तमान पुस्तक का संदर्भ
- समष्टि अर्थशास्त्र की कुछ मूलभूत संकल्पनाएँ
- आय का वर्तुल प्रवाह और राष्ट्रीय आय गणना की विधि
- उत्पाद अथवा मुल्यवर्धित विधि
- व्यय विधि
- आय विधि
- साधन लागत आधारित कीमतें तथा बाज़ार कीमतें
- कुछ समष्टि अर्थशास्त्रीय तादात्म्य
- मोद्रिक सकल घरेलू और वास्तविक कर
- सकल घरेलू उत्पाय और कल्याण
- मुद्रा के कार्य
- मुद्रा की माँग और मुद्रा की पूर्ति
- मुद्रा की माँग
- मुद्रा की पूर्ति
- बैंकिंग व्यवस्था द्वारा साख सृजन
- एक काल्पनिक बैंक का चिट्ठा
- सारा सृजन की सीमाएँ तथा मुद्रा-गुणक
- मुद्रा पूर्ति के नियंत्रण के नीतिगत उपकरण
- समग्र माँग तथा इसके अवयव
- दो-सेक्टर मॉडल में आय का निर्धारण
- लघु अवधि में संतुलन आय का निर्धारण
- स्थिर कीमत स्तर के साथ समष्टि अर्थशास्त्रीय संतुलन
- समग्र माँग में परिवर्तन का आय तथा उत्पादन पर प्रभाव
- गुणक क्रियाविधि
- कुछे अन्य संकल्पनाएं
- सरकारी बजट-अर्थ तथा इसके अवयव
- सरकारी बजट के उद्देश्य
- प्राप्तियों का वर्गीकरण
- पूँजीगत लेखा
- संतुलित, अधिशेष एवं घाटा बजट
- सरकारी घाटे की माप
- अदायगी-संतुलन
- चालू खाता
- पूँजी खाता
- अदायगी-संतुलन और घाटा
- विदेशी विनिमय बाजार
- विदेशी विनिमय दर
- विनिमय दर का निर्धारण
- तिरती और स्थिर विनिमय दर प्रणालियों के गुण और दोष
- प्रबंधित तिरती
CBSE Class 12 [कक्षा १२] Economics (अर्थशास्त्र) Syllabus for Chapter 2: भारतीय अर्थव्यवस्था का विकास
- स्वतंत्रता की पूर्व संध्या पर भारतीय अर्थव्यवस्था
- औपनिवेशिक शासन के अंतर्गत निम्न-स्तरीय आर्थिक विकास
- कृषि क्षेत्रक
- औद्योगिक क्षेत्रक
- विदेशी व्यापार
- जनांकिकीय परिस्थिति
- व्यावसायिक संरचना
- आधारिक संरचना
- स्वतंत्रता की पूर्व संध्या पर भारतीय अर्थव्यवस्था - निष्कर्ष
- भारतीय अर्थव्यवस्था (1950-1990) का परिचय
- पंचवर्षीय योजनाओं के लक्ष्य
- संवृद्धि
- आधुनिकीकरण
- आत्मनिर्भरता
- समानता
- कृषि
- भू-सुधार
- सीमा निर्धारण
- हरित क्रांति
- सहायिकी पर बहस
- उद्योग और व्यापार
- भारतीय औद्योगिक विकास में सार्वजनिक और निजी क्षेत्रक
- औद्योगिक नीति प्रस्ताव, 1956
- लघु उद्योग
- व्यापार नीति - आयात प्रतिस्थापन
- औद्योगिक विकास पर नीतियों का प्रभाव
- भारतीय अर्थव्यवस्था (1950 - 1990) - निष्कर्ष
- उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण - एक समीक्षा
- उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण की पृष्ठभूमि - एक समीक्षा
- उदारीकरण
- औद्योगिक क्षेत्रक का विनियमीकरण
- वित्तीय क्षेत्रक सुधार
- कर व्यवस्था में सुधार
- विदेशी विनिमय सुधार
- व्यापार और निवेश नीति सुधार
- निजीकरण
- वैश्वीकरण
- बाह्य प्रापण
- विश्व व्यापार संगठन
- सुधारकालीन भारतीय अर्थव्यवस्था - एक समीक्षा
- संवृद्धि और रोजगार
- कृषि में सुधार
- उद्योगों में सुधार
- विनिवेश
- सुधार और राजकोषीय नीतियाँ
- उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण का निष्कर्ष - एक समीक्षा
- निर्धनता का परिचय
- निर्धन कौन हैं?
- निर्धनों की पहचान कैसे होती है?
- निर्धनता का वर्गीकरण
- सदा निर्धन
- सामान्यतः निर्धन
- चिरकालिक निर्धन
- निरंतर निर्धन
- यदाकदा निर्धन
- अल्पकालिक निर्धन
- गैर-निर्धन
- निर्धनता रेखा
- भारत में निर्धनों की संख्या
- निर्धनता क्यों होती है?
- निर्धनता निवारण के लिए नीतियाँ और कार्यक्रम
- निर्धनता निवारण कार्यक्रम - एक समीक्षा
- निर्धनता - निष्कर्ष
- भारत में मानव पूँजी का निर्माण
- मानव पूँजी क्या है?
- मानव पूँजी के स्रोत
- मानव पूँजी और आर्थिक संवृद्धि
- मानव पूँजी और मानव विकास
- भारत में मानव पूँजी निर्माण की स्थिति
- भारत में शिक्षा क्षेत्र
- शिक्षा पर सार्वजनिक व्यय में वृद्धि
- भारत में शैक्षिक उपलब्धियाँ
- भविष्य की संभावनाएँ
- सब के लिए शिक्षा - अभी भी एक
सपना है - लिंग समता - पहले से बेहतर
- उच्च शिक्षा - लेने वालों की कमी
- सब के लिए शिक्षा - अभी भी एक
- भारत में मानव पूँजी का निर्माण का निष्कर्ष
- ग्रामीण विकास का परिचय
- ग्रामीण विकास क्या है?
- ग्रामीण क्षेत्रकों में साख और विपणन
- साख
- ग्रामीण बैंकिंग - एक आलोचनात्मक मूल्यांकन
- कृषि विपणन व्यवस्था
- वैकल्पिक क्रय-विक्रय माध्यमों का प्रादुर्भाव
- उत्पादक गतिविधियों का विविधीकरण
- पशुपालन
- मत्स्य पालन
- उद्यान विज्ञान (बागवानी)
- अन्य रोजगार/आजीविका विकल्प
- धारणीय विकास और जैविक कृषि
- जैविक कृषि के लाभ
- ग्रामीण विकास का निष्कर्ष
- रोजगार - संवृद्धि, अनौपचारीकरण एवं अन्य मुद्दे का परिचय
- श्रमिक और रोजगार
- लोगों की रोजगार में भागीदारी
- स्वनियोजित तथा भाड़े के श्रमिका
- फर्मों, कारखानों तथा कार्यालयों में रोजगार
- संवृद्धि एवं परिवर्तनशील रोजगार संरचना
- भारतीय श्रमबल का अनौपचारीकरण
- बेरोजगारी
- सरकार और रोजगार सृजन
- रोजगार - संवृद्धि, अनौपचारीकरण एवं अन्य मुद्दे का निष्कर्ष
- आधारिक संरचना
- आधारिक संरचना क्या हैं?
- आधारिक संरचना की प्रासंगिकता
- आधारिक संरचना की स्थिति
- ऊर्जा
- ऊर्जा के स्रोत
- ऊर्जा के गैर-पारंपरिक स्रोत
- व्यावसायिक ऊर्जा की उपभोग पद्धति
- ऊर्जा/विद्युत ऊर्जा
- विद्युत क्षेत्रक की कुछ चुनौतियाँ
- स्वास्थ्य
- स्वास्थ्य आधारिक संरचना की स्थिति
- निजी क्षेत्रक में स्वास्थ्य आधारिक संरचना
- चिकित्सा की भारतीय प्रणाली
- स्वास्थ्य और स्वास्थ्य आधारिक संरचना के सूचक - एक मूल्यांकन
- शहरी-ग्रामीण तथा धनी-निर्धन विभाजन
- महिला स्वास्थ्य
- पर्यावरण और धारणीय विकास का परिचय
- पर्यावरण - परिभाषा और कार्य
- भारत की पर्यावरण स्थिति
- धारणीय विकास
- धारणीय विकास की रणनीतियाँ
- ऊर्जा के गैर पारंपरिक स्रोतों का उपयोग
- ग्रामीण क्षेत्रों में एल.पी.जी. गोबर गैस
- शहरी क्षेत्रों में उच्चदाब प्राकृतिक गैस (CNG)
- वायु शक्ति
- फोटोवोल्टीय सेल द्वारा सौर शक्ति
- लघु जलीय प्लांट
- पारंपरिक ज्ञान व व्यवहार
- जैविक कंपोस्ट खाद
- जैविक-कीट नियंत्रण
- भारत और इसके पड़ोसी देशों के तुलनात्मक विकास अनुभव का परिचय
- विकास पथ - एक चित्रांकन
- चीन
- पाकिस्तान
- जनांकिकीय संकेतक
- सकल घरेलू उत्पाद एवं क्षेत्रक
- मानव विकास के संकेतक
- विकास नीतियाँ - एक मूल्यांकन
- भारत और इसके पड़ोसी देशों के तुलनात्मक विकास अनुभव का निष्कर्ष