CBSE Class 11 [कक्षा ११] Economics (अर्थशास्त्र) Syllabus - Free PDF Download
CBSE Syllabus 2025-26 Class 11 [कक्षा ११]: The CBSE Class 11 [कक्षा ११] Economics (अर्थशास्त्र) Syllabus for the examination year 2025-26 has been released by the Central Board of Secondary Education, CBSE. The board will hold the final examination at the end of the year following the annual assessment scheme, which has led to the release of the syllabus. The 2025-26 CBSE Class 11 [कक्षा ११] Economics (अर्थशास्त्र) Board Exam will entirely be based on the most recent syllabus. Therefore, students must thoroughly understand the new CBSE syllabus to prepare for their annual exam properly.
The detailed CBSE Class 11 [कक्षा ११] Economics (अर्थशास्त्र) Syllabus for 2025-26 is below.
CBSE Class 11 [कक्षा ११] Economics (अर्थशास्त्र) Revised Syllabus
CBSE Class 11 [कक्षा ११] Economics (अर्थशास्त्र) and their Unit wise marks distribution
CBSE Class 11 [कक्षा ११] Economics (अर्थशास्त्र) Course Structure 2025-26 With Marking Scheme
# | Unit/Topic | Weightage |
---|---|---|
I | अर्थशास्त्र में सांख्यिकी | |
1 | परिचय | |
2 | आँकड़ों का संग्रह | |
3 | आँकड़ों का संगठन | |
4 | आँकड़ों का प्रस्तुतीकरण | |
5 | केंद्रीय प्रवृत्ति की माप | |
6 | परिक्षेपण के माप | |
7 | सहसंबंध | |
8 | सूचकांक | |
9 | सांख्यिकीय विधियों के उपयोग | |
II | व्यष्टि अर्थशास्त्र एक परिचय | |
2.1 | परिचय | |
2.2 | उपभोक्ता के व्यवहार का सिद्धांत | |
2.3 | उत्पादन तथा लागत | |
2.4 | पूर्ण प्रतिस्पर्धा की स्तिथि में फर्म का सिद्धांत | |
2.5 | बाज़ार संतुलन | |
2.6 | प्रतिस्पर्धारहित बाज़ार | |
Total | - |
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Syllabus
CBSE Class 11 [कक्षा ११] Economics (अर्थशास्त्र) Syllabus for Chapter 1: अर्थशास्त्र में सांख्यिकी
- अर्थशास्त्र क्यों?
- अर्थशास्त्र में सांख्यिकी
- सांख्यिकी क्या है?
- सांख्यिकी क्या करती है?
- सारांश
- आँकड़ों का संग्रह - प्रस्तावना
- आँकड़ों के स्रोत क्या हैं?
- हम आँकड़े कैसे संगृहीत करते हैं?
- सर्वेक्षण के साधनों की तैयारी
- आँकड़ा-संग्रह की विधि
- वैयक्तिक साक्षात्कार
- डाक द्वारा प्रश्नावली भेजना
- टेलीफोन साक्षात्कार
- प्रायोगिक सर्वेक्षण
- जनगणना तथा प्रतिदर्श सर्वेक्षण
- जनगणना या पूर्ण गणना (Census or Complete Enumeration)
- जनसंख्या तथा प्रतिदर्श (Population and Sample)
- यादृच्छिक प्रतिचयन
- अयादृच्छिक प्रतिचयन
- प्रतिचयन एवं अप्रतिचयन त्रुटियाँ
- प्रतिचयन त्रुटियाँ (Sampling Errors)
- अप्रतिचयन त्रुटियाँ (Non sampling Errors)
- आँकड़ा अर्जन में त्रुटियाँ
- अनुतर संबंधी त्रुटियाँ
- प्रतिदर्श अभिनति (Sampling Bias)
- भारत की जनगणना तथा राष्ट्रीय प्रतिदर्श सर्वेक्षण (NSS)
- आँकड़ों का संग्रह - सारांश
- आँकड़ों का संगठन - प्रस्तावना
- अपरिष्कृत आँकड़े
- आँकड़ों का वर्गीकरण
- कालानुक्रमिक वर्गीकरण
- स्थानिक वर्गीकरण
- मात्रात्मक वर्गीकरण
- चर - सतत और विविक्त
- बारंबारता वितरण क्या है?
- बारंबारता वितरण कैसे तैयार करें?
- वर्ग अंतराल, समान अंतराल के हों या असमान अंतराल के?
- वर्गो की संख्या कितनी होनी चाहिए?
- प्रत्येक वर्ग का आकार क्या होना चाहिए?
- हमें वर्ग सीमाएँ कैसे निर्धारित करनी चाहिए?
- वर्ग अंतराल के प्रकार
- समावेशी वर्ग अंतराल
- अपवर्जी वर्ग अंतराल
- वर्ग अंतराल में समायोजन
- हमें प्रत्येक वर्ग की बारंबारता कैसे प्राप्त करनी चाहिए?
- मिलान चिन्ह अंकन द्वारा वर्ग बारंबारता ज्ञात करना
- सूचना की हानि
- असमान वर्गों में बारंबारता वितरण
- बारंबारता सरणी
- द्विचर बारंबारता वितरण
- आँकड़ों का संगठन - सारांश
- आँकड़ों का प्रस्तुतीकरण - प्रस्तावना
- आँकड़ों का पाठ-विषयक प्रस्तुतीकरण
- आँकड़ों का सारणीबद्ध प्रस्तुतीकरण
- सारणीय में प्रयुक्त वर्गीकरण
- गुणात्मक वर्गीकरण
- मात्रात्मक वर्गीकरण
- कालिक वर्गीकरण
- स्थानिक वर्गीकरण
- आँकड़ों का सारणीकरण तथा सारणी के अंग
- सारणी संख्या
- शीर्षक
- उप शीर्षक या स्तंभ शीर्षक
- अवशीर्ष या पंक्ति शीर्षक
- सारणी का मुख्य भाग
- माप की इकाई
- स्रोत
- टिप्पणी
- आँकड़ों का आरेखी प्रस्तुतीकरण
- ज्यामितीय आरेख
- दंड आरेख - सरल दंड आरेख, बहु दंड आरेख, और घटक दंड आरेख
- वृत्त आरेख
-
बारंबारता आरेख
- आयत चित्र
- बारंबारता बहुभुज
- बारंबारता वक्र
- तोरण
- अंकगणितीय रेखा चित्र
- आँकड़ों का प्रस्तुतीकरण - सारांश
- केंद्रीय प्रवृत्ति के माप
- माध्य
- माध्यिका
- बहुलक
- अवर्गीकृत आंकड़ों से माध्य की गणना
- वर्गीकृत आंकड़ों से माध्य की गणना
- समांतर माध्य
- समांतर माध्य का परिकलन कैसे कीया जाता है
- असमूहित आँकड़ों का समांतर माध्य
- समूहीत आँकड़ों का समांतर माध्य
- असमूहित आँकड़ों की श्रृंखला के लिए समांतर माध्य
- प्रत्यक्ष विधि
- कल्पित माध्य विधि
- पद विचलन विधि
- समूहीत आँकड़ों के लिए समांतर माध्य का परिकलन
- विविक्त श्रृंखला - प्रत्यक्ष विधि, कल्पित माध्य विधि और पद विचलन विधि
- संतत श्रृंखला
- भारित समांतर माध्य
- मध्यिका
- मध्यिका का अभिकलन
- विविक्त या असंतत श्रृंखला
- संतत श्रृंखला
- चतुर्थक
- शतमक
- बहुलक
- अवर्गीकृत आंकड़ों के लिए बहुलक की गणना
- समांतर माध्य, मध्यिका एवं बहुलक की सापेक्षिक स्थिति
- केंद्रीय प्रवृत्ति की माप - सारांश
- परिक्षेपण के माप - प्रस्तावना
- मानों के प्रसरण पर आधारित माप
- परास (Range)
- चतुर्थक विचलन (Quartile Deviation)
- औसत से परिक्षेपण के माप
- माध्य विचलन
- असमूहित आँकड़ों के लिए समांतर माध्य से माध्य विचलन का परिकलन
- असमूहित आँकड़ों के लिए मध्यिका से माध्य विचलन
- संतत वितरण के लिए माध्य से माध्य विचलन
- मध्यिका से माध्य विचलन
- मानक विचलन
- असमूहित आँकड़ों के लिए मानक विचलन का परिकलन
- वास्तविक माध्य विधि
- कल्पित माध्य विधि
- प्रत्यक्ष विधि
- पद विचलन विधि
- संतत बारंबारता वितरण में मानक विचलन
- वास्तविक माध्य विधि
- कल्पित माध्य विधि
- पद-विचलन विधि
- परिक्षेपण के निरपेक्ष तथा सापेक्ष माप
- लारेंज वक्र
- लारेंज वक्र का निर्माण
- लारेंज वक्र का अध्ययन
- परिक्षेपण के माप - सारांश
- सहसंबंध - प्रस्तावना
- संबंधों के प्रकार
- सहसंबंध किसका मापन करता है?
- सहसंबंध के प्रकार
- ऋणात्मक
- धनात्मक
- सहसंबंध को मापने की प्रविधियाँ
-
प्रकीर्ण आरेख
-
कार्ल पियरसन का सहसंबंध गुणांक
-
सहसंबंध गुणांक के गुण
-
स्पीयरमैन का कोटि सहसंबंध
-
कोटि सहसंबंध का परिकलन
-
- सहसंबंध - सारांश
- सूचकांक - प्रस्तावना
- सूचकांक क्या है?
- सूचकांक की रचना
- समूहित विधि
- मूल्यानुपातों की माध्य विधि
- कुछ महत्वपूर्ण सूचकांक
-
उपभोक्ता कीमत सूचकांक
-
थोक कीमत सूचकांक
-
औद्योगिक उत्पादन सूचकांक
-
मानव विकास सूचकांक
-
संवेदी सूचकांक
-
- सूचकांक की रचना में मुद्दे
- अर्थशास्त्र में सूचकांक
- सूचकांक - सारांश
- सांख्यिकीय विधियों के उपयोग - प्रस्तावना
- परियोजना के चरण
- अध्ययन के क्षेत्र या समस्या को पहचानना
- लक्ष्य समूह का चुनाव
- आँकड़ों का संकलन
- आँकड़ों का संगठन एवं प्रस्तुतीकरण
- विश्लेषण एवं व्याख्या
- उपसंहार
- ग्रंथ सूची
- परियोजनाओं की प्रस्तावित सूची
- प्रतिदर्श परियोजना
CBSE Class 11 [कक्षा ११] Economics (अर्थशास्त्र) Syllabus for Chapter 2: व्यष्टि अर्थशास्त्र एक परिचय
- सामान्य अर्थव्यवस्था
- अर्थव्यवस्था की केंद्रीय समस्याएँ
- आर्थिक क्रियाकलापों का आयोजन
- केंदीकृत योजनाबद्ध अर्थव्यवस्था
- बाज़ार अर्थव्यवस्था
- सकारात्मक तथा आदर्शक अर्थशास्त्र
- व्यष्टि आदर्शक तथा समष्टि आदर्शक
- पुस्तक की योजना
- उपयोगिता
- गणनावाचक उपयोगिता विश्लेषण
- क्रमवाचक उपयोगिता विश्लेषण
- उपभोक्ता का बजट
- बजट सेट एवं बजट रेखा
- बजट सेट में बदलाव
- उपभोक्ता का इष्टतम चयन
- माँग
- माँग वक्र तथा का माँग नियम
- अनधिमान वकों तथा बजट बाध्यताओं से माँग वक्र की व्युत्पत्ति
- सामान्य और निम्नस्तरीय वस्तुएँ
- स्थानापन्न तथा पूरक
- माँग व्रक में शिफ्ट
- माँग व्रक की दिशा में गति और माँग वक्र में शिफ्ट
- बाज़ार माँग
- माँग की लोच
- रैखिक माँग व्रक की दिशा में लोच
- किसी वस्तु के लिए माँग की कीमत लोच को निर्धारित करने वाले कारक
- लोच तथा व्यय
- उत्पादन फलन
- अल्पकाल तथा दीर्घकाल
- कुल उत्पाद, औसत उत्पाद तथा सिमांत उत्पाद
- कुल उत्पाद
- औसत उत्पाद
- सिमांत उत्पाद
- हासमान सिमांत उत्पाद नियम तथा परिवर्ती अनुपात नियम
- कुल उत्पाद, सिमांत उत्पाद तथा औसत उत्पाद व्रक की आकृतियाँ
- पैमाने का प्रतिफल
- लागत
- अल्पकालीन लागत
- दीर्घकालीन लागत
- पूर्ण प्रतिस्पर्धा: पारिभाषिक लक्षण
- संप्राप्ति
- लाभ अधिकतमीकरण
- स्थिति 1
- स्थिति 2
- स्थिति 3
- लाभ अधिकतमीकरण समस्या: आरेख व्दारा प्रदर्शन
- एक फर्म का पूर्ति वक्र
- एक फर्म का अल्पकालीन पूर्ति वक्र
- एक फर्म का दीर्घकालीन पूर्ति वक्र
- उत्पादन बंदी बिंदु
- सामान्य लाभ तथा लाभ-अलाभ बिंदु
- फर्म के पूर्ति वक्र के निर्धारक तत्व
- प्रौद्योगिकीय प्रगति
- आगत कीमतें
- बाज़ार पूर्ति वक्र
- पूर्ति की कीमत लोच
- संतुलन, अधिमाँग, अधिपूर्ति
- बाज़ार संतुलन: फर्मों की स्थिर संख्या
- बाज़ार संतुलन: निर्बाध प्रवेश तथा बहिर्गमन
- अनुप्रयोग
- उच्चतम निर्धारित कीमत
- निम्नतम निर्धारित कीमत
- वस्तु बाज़ार में सामान्य एकाधिकार
- बाज़ार माँग वक्र औसत संप्राप्ति वक्र है
- कुल औसत और सीमांत संप्राप्तियाँ
- सीमांत संप्राप्ति और सीमांत माँग की कीमत लोच
- एकाधिकारी फर्म का अल्पकालीन संतुलन
- अन्य पूर्ण प्रतिस्पर्धारहित बाज़ार
- एकाधिकारी प्रतिस्पर्धा
- अल्पाधिकार में फर्म कैसे व्यवहार करती हैं?