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(a) दर्शाइए कि आवेशित पृष्ठ के एक पाश्र्व से दूसरे पाश्र्व पर स्थिरविद्युत-क्षेत्र के अभिलम्ब घटक में असांतत्य होता है, जिसे (vec"E"_2 - vec"E"_1)hat"n" = sigma/epsilon_0 द्वारा व्यक्त किया जाता है। - Physics (भौतिक विज्ञान)

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प्रश्न

(a) दर्शाइए कि आवेशित पृष्ठ के एक पाश्र्व से दूसरे पाश्र्व पर स्थिरविद्युत-क्षेत्र के अभिलम्ब घटक में असांतत्य होता है, जिसे

`(vec"E"_2 - vec"E"_1)hat"n" = sigma/epsilon_0` द्वारा व्यक्त किया जाता है। जहाँ एक बिन्दु पर पृष्ठ के अभिलम्ब एकांक सदिश है तथा σ उस बिन्दु पर पृष्ठ आवेश घनत्व है (`hat"n"` की दिशा पाश्र्व 1 से पाश्र्व 2 की ओर है)। अतः दर्शाइए कि चालक के ठीक बाहर विद्युत-क्षेत्र `(sigmahat"n")/epsilon_0` है।

(b) दर्शाइए कि आवेशित पृष्ठ के एक पाश्र्व से दूसरे पाश्र्व पर स्थिरविद्युत-क्षेत्र का स्पर्शीय घटक संतत है।
[संकेत- (a) के लिए गौस-नियम का उपयोग कीजिए। (b) के लिए इस तथ्य का उपयोग करें कि संवृत पाश पर एक स्थिर वैद्युत क्षेत्र द्वारा किया गया कार्य शून्य होता है।)

संख्यात्मक

उत्तर

(a) माना AB एक आवेशित पृष्ठ है जिस पर पृष्ठीय आवेश घनत्व σ है। पृष्ठ के समीप प्रत्येक बिन्दु पर विद्युत-क्षेत्र `vec"E"` समान तथा पृष्ठ के लम्बवत् बाहर की ओर है।
चित्र में एक बेलनाकार गाउसीय पृष्ठ को प्रदर्शित किया गया है। इस पृष्ठ के वृत्ताकार परिच्छेदों पर अभिलम्ब सदिश `hat"n"_1` व `hat"n"_2` क्रमश: क्षेत्रों `vec"E"_1` व `vec"E"_2` के समदिश हैं जबकि वक्र पृष्ठ पर अभिलम्ब संगत क्षेत्र `vec"E"_3` के लम्बवत् हैं।

माना प्रत्येक वृत्तीय परिच्छेद का क्षेत्रफल ΔA है तब गाउसीय पृष्ठ से गुजरने वाला विद्युत फ्लक्स

`oint_"A" vec"E" * "d"vec"A" = int_"I" vec"E"_1 * "d"vec"A" + int_("II") vec"E"_2 * "d"vec"A" + int_("III") vec"E"_3 * "d"vec"A"`

`= int_("I") "E"_1 "dA" + int_("II") "E"_2 "dA" + 0    ...[because "वक्र पृष्ठ पर"  vec"E"_3 ⊥ "d" vec"A" therefore int_("III") vec"E"_1 * "d"vec"A" = 0]`

`= "E"_1 int "dA" + "E"_2 int_("II") "dA"`

`[because  "वृत्तीय पृष्ठों पर" " E"_1 व " E"_2 " नियत हैं तथा" vec" E"_1 || " d"vec"A", vec" E"_2 || " d"vec"A"]`

`= "E"_1 Delta "A" + "E"_2 Delta "A"`

परन्तु गाउस प्रमेय से, `oint vec"E" * "d"vec"A" = 1/epsilon_0 Delta "q" = 1/epsilon_0 (sigma Delta " A")`

`therefore "E"_1 Delta "A" + "E"_2 Delta "A" = (sigma Delta "A")/epsilon_0`

`"E"_1 + "E"_2 = sigma/epsilon_0`    ...(1)

जहाँ E1 व E2 क्रमशः `vec"E"_1` व `vec"E"_2` के परिमाण है।

स्पष्ट है की  `vec"E"_1 = "E"_1 hat"n"_1   "व"   vec"E"_2 = "E"_2 hat"n"_2`

`therefore vec"E"_1 * hat"n"_1 = "E"_1` व  `vec"E"_2 * hat"n"_2 = "E"_2`

परन्तु  `hat"n"_1 = - hat"n"_2`

`therefore  - vec"E"_1 * hat"n"_2 = "E"_1`

अतः समीकरण (1) में मान रखने पर,

`- vec"E"_1 * hat"n"_2 + vec"E"_2 * hat"n"_2 = sigma/epsilon_0`

`=> (vec"E"_2 - vec"E"_1)*hat"n"_2 = sigma/epsilon_0`

`hat"n"_2` के स्थान पर `hat"n"` रखने पर,

`=> (vec"E"_2 - vec"E"_1)*hat"n" = sigma/epsilon_0`      .....(2)

जहाँ `hat"n"` की दिशा (अर्थात `hat"n"_2` की दिशा) पार्श्व 2 से पार्श्व 1 की ओर है।

उपर्युक्त समीकरण (2) किसी आवेशित सतह के दोनों ओर स्थिरविद्युत क्षेत्रों के बीच सम्बन्ध को व्यक्त करता है।

अब संलग्न चित्र में प्रदर्शित अनियमित आकृति के आवेशित चालक पर विचार कीजिए। चालक का सम्पूर्ण आवेश उसकी बाह्य सतह पर फैला है, अतः चालक की बाह्य सतह एक समविभव पृष्ठ है। आइए हम समीकरण (2) को इस चालक के बाहर विद्युत क्षेत्र ज्ञात करने के लिए प्रयुक्त करते है।

चित्र से स्पष्ट है की विद्युत क्षेत्र `vec"E"_1` चालक के भीतर है, परन्तु चालक के भीतर विद्युत क्षेत्र शून्य होता है; अतः `vec"E"_1` = 0

समीकरण (2) में `vec"E"_1` = 0 रखने पर,

`vec"E"_2 * hat"n" = sigma/epsilon_0` या `"E"_2 = sigma/epsilon_0`

∴ चालक के बाहर विद्युत क्षेत्र E = `"E"_2 = sigma/epsilon_0`

या सदिश रूप में `vec"E" = (sigma hat"n")/epsilon_0`

(b) आवेशित पृष्ठ के एक ओर से दूसरी ओर जाने पर स्थिरविद्युत-क्षेत्र का स्पर्श रेखीय घटक सतत (सर्वथा शून्य) होता है, अन्यथा पृष्ठ के विभिन्न बिन्दु अलग-अलग विभवों पर होंगे तथा धनावेश पृष्ठ के अनुदिश उच्च विभव से निम्न विभव के बिन्दुओं की ओर गति करता रहेगा।

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चालक - स्थिरवैद्युतिकी
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अध्याय 2: स्थिरवैद्युत विभव तथा धारिता - अभ्यास [पृष्ठ ८७]

APPEARS IN

एनसीईआरटी Physics [Hindi] Class 12
अध्याय 2 स्थिरवैद्युत विभव तथा धारिता
अभ्यास | Q 2.16 | पृष्ठ ८७

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