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प्रश्न
‘अगर मैं समाचार पत्र का संपादक होता तो ...’ स्वमत लिखिए।
उत्तर
अगर मैं समाचारपत्र का संपादक होता, तो मैं समाचार रिपोर्ट/लेख प्रकाशित नहीं करूँगा जिसकी सच्चाई के बारे में मुझे शंका हो। नौकरी/रोजगार संबंधी विज्ञापन को अपर्याप्त विवरण के साथ प्रकाशित करते समय समाचारपत्र को समाज के प्रति अपने कर्तव्यों को ध्यान रख कर समाचार छापता क्योंकि इससे मानव सौदेबाज़ी की जा सकती है और इसे समुचित जाँच के बाद ही प्रकाशित किया जाए। आज के पाठक रंग-बिरंगे समाचारपत्र अधिक पढ़ते हैं। मैं इस बात पर ध्यान देता कि मेरे समाचारपत्र में भी रंग-बिरंगे चित्र छपें। मेरे समाचारपत्र के प्रथम पृष्ठ पर देश-विदेश की महत्त्वपूर्ण खबरें छपें, इस बात पर विशेष ध्यान देता। मैं एक संपादक के रूप में हर वर्ग के पाठकों की रुचि पर ध्यान देता। नवयुवकों के लिए मैं एक खेल पृष्ठ तथा मनोरंजन पृष्ठ छापता। इस पृष्ठ पर खेल और फिल्मों से संबंधित समाचार रहते। मैं समाचार पत्र के जरिये भ्रष्टाचार, साम्प्रदायिक समस्या, नवीन सुधारों और विस्तृत बातों को सामने लाकर सबको समाज को सजग करता।
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