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प्रश्न
भारतीय किसान यूनियन किसानों की दुर्दशा की तरफ़ ध्यान आकर्षित करने वाला अग्रणी संगठंन है। नब्बे के दशक में इसने किन मुद्दों को उठाया और इसे कहाँ तक सफलता मिली?
संक्षेप में उत्तर
उत्तर
- भारतीय किसान यूनियन द्वारा उठाए गए मुद्दे निम्नलिखित है।
- बिजली की दरों में बढ़ोतरी का विरोध करना।
- 1980 के दशक के उत्तरार्ध से भारतीय अर्थव्यवस्था के उदारीकरण के प्रयास हुए और इस क्रम में नगदी फसलों के बाजार को संकट का सामना करना पड़ा। भारतीय किसान यूनियन ने गन्ने और गेहूं की सरकारी खरीद मूल्य में बढ़ोत्तरी करने, कृषि उत्पादों की अंतर्राष्टीय आवाजाही पर लगी पाबंदियाँ हटाने, समुचित दर पर गारंटीशुदा बिजली आर्पूति करने तथा किसानों के लिए पेंशन का प्रावधान करने की माँग की।
- सफलता - भारतीय किसान यूनियन द्वारा उठाए गए मुद्दों में निम्नलिखित
सफलताएँ मिली -
- भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्त्ता और नेता जिला समाहर्त्ता के दफ्तर के बहार तीन हफ़्तों तक डेरा डाले रहे। इसके बाद इनकी मांग मान ली गई। किसानों का यह बड़ा अनुशासित धरना था और जिन दिनों वे धरने पर बैठे थे उन दिनों आस - पास के गाँवो से उन्हें निरंतर राशन - पानी मिलता रहा। मेरठ के इस धरने को ग्रामीण शक्ति का कहा जाए की काश्तकारों की शक्ति का एक बड़ा प्रर्दशन सामाजिक आंदोलन था।
- 1990 के दशक के आरम्भिक वर्षों तक भारतीय किसान यूनियन ने अपने को सभी राजनितिक दलों से दूर रखा था। यह अपने सदस्यों की संख्या बल के दम पर राजनिति में एक दबाव समूह की तरह सक्रिय था। इस संगठन ने राज्यों में मौजूदा अन्य किसान संगठनों का साथ लेकर अपनी कुछ अन्य मांगे मनवाले में भी सफलता पाई। इस अर्थ में किसान - आंदोलन अस्सी - के दशक में सबसे ज्यादा सफल सामाजिक आंदोलन था।
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भारतीय किसान यूनियन
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