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दिन प्रतिदिन कृषि के अंतर्गत भूमि कम हो रही है। क्या आप इसके परिणामों की कल्पना कर सकते हैं? - Social Science (सामाजिक विज्ञान)

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प्रश्न

दिन प्रतिदिन कृषि के अंतर्गत भूमि कम हो रही है। क्या आप इसके परिणामों की कल्पना कर सकते हैं?

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उत्तर

कृषि के अंतर्गत भूमि कम होने से खाद में कमी आने से खाद्य सुरक्षा को गंभीर खतरा हो जाएगा। तथा हमारे देश में अनाज की कमी होने से हमें अकाल का सामना करना पड़ेगा। भारतीय कृषि में सुधार के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद व कृषि विश्वविद्यालय की स्थापना, पशु चिकित्सा सेवाएं और पशु प्रजनन केंद्र की स्थापना, बागवानी विकास मौसम विज्ञान तथा मौसम के पूर्वानुमान के क्षेत्र में अनुसंधान और विकास को वरीयता दी गई।

वर्षों में सकल घरेलू उत्पाद में वृद्धि हुई है लेकिन इससे देश में पर्याप्त मात्रा में रोजगार के अवसर उपलब्ध नहीं हो रहे हैं। कृषि में विकास दर लगातार कम हो रही है। जो कि एक चिंताजनक स्थिति है। वर्तमान में भारतीय किसान को अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा से एक बड़ी चुनौती का सामना, कृषि सेक्टर में विशेष रुप से करना पड़ रहा है।

इसके अतिरिक्त कृषि उत्पादों पर आयात घटने से भी कृषि पर हानिकारक प्रभाव पड़ा है। किसान कृषि में पूंजी निवेश करने के करता रहे हैं। जिसके कारण कृषि में रोजगार घट रहे हैं।

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कृषि की राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था, रोजगार और उत्पादन में योगदान
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अध्याय 4: कृषि - अभ्यास [पृष्ठ ४९]

APPEARS IN

एनसीईआरटी Social Science - Contemporary India 2 [Hindi] Class 10
अध्याय 4 कृषि
अभ्यास | Q 2. (iv) | पृष्ठ ४९
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