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इन कहानियों में बीरबल की जगह यदि विद्यार्थी होते तो क्या करते, बताने के लिए प्रेरित करें। - Hindi (Second/Third Language) [हिंदी (दूसरी/तीसरी भाषा)]

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प्रश्न

इन कहानियों में बीरबल की जगह यदि विद्यार्थी होते तो क्या करते, बताने के लिए प्रेरित करें।

दीर्घउत्तर

उत्तर

यदि इन कहानियों में बीरबल की जगह विद्यार्थी होते, तो वे अपनी चतुराई, तर्कशक्ति और रचनात्मकता का प्रयोग करके समस्याओं का हल निकालने की कोशिश करते।

पहली कहानी: बीरबल और अनोखा घोड़ा

इस कहानी में अकबर ने एक ऐसा घोड़ा लाने को कहा जो कहीं भी न हो। यदि विद्यार्थी होते, तो वे भी बुद्धिमानी से जवाब देते, जैसे – "जहांपनाह, घोड़ा मिल सकता है, लेकिन उसके मालिक को भी ढूंढना होगा। जब मालिक मिलेगा, तभी घोड़ा मिलेगा!"
इस तरह, विद्यार्थी भी बिना किसी असंभव कार्य को किए, समस्या का हल निकाल लेते।

दूसरी कहानी: चित्रकार और चालाक सेठ

अगर विद्यार्थी चित्रकार की जगह होते और सेठ उनकी मेहनत का पैसा नहीं देता, तो वे अपनी बुद्धिमत्ता से सेठ को सबक सिखाते। उदाहरण के लिए, वे सेठ का मजाक उड़ाए बिना, उसे उसकी ही गलती का अहसास कराते। वे बीरबल की तरह कह सकते थे – "सेठ जी, यह रहा आपका चित्र, लेकिन इसमें आपकी असली छवि दिखाने के लिए एक बड़ा दर्पण चाहिए!"
इस तरह, विद्यार्थी भी चतुराई और तर्कशक्ति से न्याय दिलाने का प्रयास करते।

विद्यार्थी भी बीरबल की तरह धैर्य, बुद्धिमत्ता और तर्क से समस्याओं का हल निकाल सकते हैं। वे जल्दबाजी में निर्णय लेने के बजाय रचनात्मक तरीके से कठिनाइयों को हल करने का प्रयास कर सकते हैं।

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अध्याय 3.3: दो लघुकथाएँ - अंतःपाठ प्रश्न [पृष्ठ ६१]

APPEARS IN

बालभारती Integrated 7 Standard Part 3 [Marathi Medium] Maharashtra State Board
अध्याय 3.3 दो लघुकथाएँ
अंतःपाठ प्रश्न | Q ६. | पृष्ठ ६१
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