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प्रश्न
मारीआन और जर्मेनिया कौन थे? जिस तरह उन्हें चित्रित किया गया उसका क्या महत्त्व था?
संक्षेप में उत्तर
उत्तर
फ्रांसीसी क्रांति के समय कलाकारों ने स्वतंत्रता, न्याय और गणतंत्र जैसे विचारों को व्यक्त करने के लिए नारी प्रतीकों का सहारा लिया इनमें मारीआन और जर्मेनिया अत्यधिक प्रसिद्ध हैं।
- मारीआन – यह लोकप्रिय ईसाई नाम है। अतः फ्रांस ने अपने स्वतंत्रता के नारी प्रतीक को यही नाम दिया। यह छवि जन राष्ट्र के विचार का प्रतीक थी। इसके चिह्न स्वतंत्रता व गणतंत्र के प्रतीक लाल टोपी, तिरंगा और कलगी थे। मारीआन । की प्रतिमाएँ सार्वजनिक चौराहों और अन्य महत्त्वपूर्ण स्थानों पर लगाई गई ताकि जनता को राष्ट्रीय एकता के राष्ट्रीय प्रतीक की याद आती रहे और वह उससे अपनी तादात्मय (तालमेल) स्थापित कर सके। मारीआन की छवि सिक्कों व डाक टिकटों पर अंकित की गई थी।
- जर्मेनिया – यह जर्मन राष्ट्र की नारी रूपक थी। चाक्षुष अभिव्यक्तियों में वह बलूत वृक्ष के पत्तों को मुकुट पहनती है। क्योंकि जर्मनी में बलूत वीरता का प्रतीक है। उसने हाथ में जो तलवार पकड़ी हुई थी उस पर यह लिखा हुआ है “जर्मन तलवार जर्मन राइन की रक्षा करती है। इस प्रकार जर्मेनिया, जर्मनी में स्वतंत्रता, न्याय और गणतंत्र की प्रतीक बन कर उभरी एक नारी छवि थी।
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राष्ट्र की दृश्य-कल्पना
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