हिंदी

निम्नलिखित का संक्षिप्त वर्णन कीजिए- बायोरिएक्टर - Biology (जीव विज्ञान)

Advertisements
Advertisements

प्रश्न

निम्नलिखित का संक्षिप्त वर्णन कीजिए-

बायोरिएक्टर

संक्षेप में उत्तर

उत्तर

बायोरिएक्टर एक बर्तन के समान है, जिसमें सूक्ष्मजीवों, पौधों, जंतुओं एवं मानव कोशिकाओं का उपयोग करते हुये कच्चे माल को जैव रूप से विशिष्ट उत्पादों व्यष्टि एंजाइम आदि में परिवर्तित किया जाता है। वांछित उत्पाद पाने के लिये जीव-प्रतिकारक अनुकूलतम परिस्थितियाँ, जैसे-तापमान, पीएच, क्रियाधार, विटामिन, लवण, ऑक्सीजन आदि उपलब्ध कराता है।

सामान्यतया सर्वाधिक उपयोग में लाया जाने वाला बायोरिएक्टर विडोलन (स्टिरिंग) प्रकार का है। विडोलित हौज रिएक्टर सामान्यतया बेलनाकार होते हैं या इसमें घुमावदार आधार होता है। जिससे रिएक्टर के अंदर की अंतर्वस्तु में सहायता मिलती है। विडोलक प्रतिकारक के अंतर्वस्तु को मिश्रित करने के साथ-साथ प्रतिकारक में सभी जगह ऑक्सीजन की उपलब्धता भी कराते हैं। प्रत्येक जीव-प्रतिकारक रिएक्टर में एक प्रक्षोभक तंत्र (एजिटेटर सिस्टम) होता है। इसके अतिरिक्त उसमें ऑक्सीजन प्रदाय तंत्र, झाग नियंत्रण तंत्र, तापक्रम नियंत्रण तंत्र, पीएच नियंत्रण तंत्र होता है। प्रतिक्रिया नियन्त्रण तंत्र तथा प्रतिचयन द्वारा होता है जिससे समय-समय पर संवर्धित उत्पाद की थोड़ी मात्रा निकाली जा सकती है।

shaalaa.com
पुनर्योगज डीएनए प्रौद्योगिकी के प्रक्रम
  क्या इस प्रश्न या उत्तर में कोई त्रुटि है?
अध्याय 11: जैव प्रौधोगिकी - सिद्धांत व प्रक्रम - अभ्यास [पृष्ठ २२६]

APPEARS IN

एनसीईआरटी Biology [Hindi] Class 12
अध्याय 11 जैव प्रौधोगिकी - सिद्धांत व प्रक्रम
अभ्यास | Q 10. (ख) | पृष्ठ २२६
Share
Notifications

Englishहिंदीमराठी


      Forgot password?
Use app×