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प्रश्न
निम्नलिखित मुद्दों के आधार पर 70 से 80 शब्दों में कहानी लिखकर उसे उचित शीर्षक दीजिए तथा सीख लिखिए।
एक लड़का - रेल-पटरी के किनारे-किनारे जाना - एक जगह रेल-पटरी उखड़ी हुई देखना - सोचना - दुर्घटना की आशंका - उसे टालने का तरीका ढूँढ़ना, - दूर से गाड़ी को आते देखना - निर्णय लेना - ब्लेड से ऊँगली काटना - खून से कमीज रँगना - गाड़ी के पास आने पर कमीज का लहराना - गाड़ी का रुकना - लड़के का बेहोश हो जाना - गार्ड द्वारा उपचार करना - लड़के को राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त होना। |
उत्तर
सूरज की बहादुरी और सूझबूझ
शहर के बाहर दूर एक बस्ती में सूरज नाम का एक होशियार लेकिन गरीब लड़का रहता था। उसके घर के पास रेल की पटरी थी, जहाँ से रोज़ कई ट्रेनें गुजरती थीं। एक दिन, जब सूरज दोपहर में विद्यालय से घर लौट रहा था, उसने देखा कि रेल की पटरी का एक हिस्सा उखड़ा हुआ है। यह देखकर वह डर गया और उसे बड़ी दुर्घटना की आशंका हुई। वह सोचने लगा कि इस खतरे की सूचना किसे और कैसे दी जाए।
तभी सूरज ने दूर से एक ट्रेन को तेज़ी से उसी दिशा में आते देखा। स्थिति की गंभीरता को समझते हुए उसने तुरंत हिम्मत और सूझबूझ से काम लिया। अपने बैग से ब्लेड निकालकर उसने अपनी उँगली को काट लिया, जिससे खून बहने लगा। उसने अपनी सफेद कमीज उतारकर खून से लाल कर दी। जैसे ही ट्रेन करीब आई, सूरज ने खून से रंगी हुई लाल कमीज को लहराना शुरू किया। लाल रंग का संकेत देखकर गाड़ी के गार्ड और चालक ने ट्रेन रोक दी।
गार्ड और चालक ने सूरज से इसका कारण पूछा, तब उसने पूरी बात बताई। खून अधिक बहने के कारण सूरज बेहोश हो गया। गार्ड ने उसका प्राथमिक उपचार किया और उसे अस्पताल पहुँचाया। सूरज की इस बहादुरी और समझदारी की चर्चा पूरे समाचार-पत्रों में हुई। उसके माता-पिता को उस पर गर्व हुआ। कुछ समय बाद, भारत सरकार ने सूरज को राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया।
सीख: मुसीबत के समय हिम्मत और समझदारी से काम लिया जाए, तो बड़ी से बड़ी समस्या को हल किया जा सकता है।