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प्रश्न
निम्नलिखित प्रश्न के उत्तर लगभग 50-60 शब्दों में लिखिए:
फिराक गोरखपुरी की गज़ल के शेरों से उभरने वाले प्रकृति-सौंदर्य को अपने शब्दों में लिखिए।
लघु उत्तरीय
उत्तर
फ़िराक की ग़ज़ल के पहले दो शेरों में प्रकृति के सुंदर वर्णन को प्रस्तुत किया गया है। पहले शेर में कवि ने कलियों के खिलने की प्रक्रिया का भावपूर्ण चित्रण किया है। कवि ग़ज़ल की शुरुआत नव रसों के साथ करता है।
कलियों के खिलने का तात्पर्य केवल उनकी कोमल गाँठों के खुलने से नहीं है, बल्कि इसका एक प्रतीकात्मक अर्थ भी है, जैसे कि सभी बंधनों से मुक्ति पाना और संबंधों का सुधर जाना। इसके बाद कवि वर्णन करता है कि कलियों के खिलने से कैसे रंग और सुगंध चारों ओर फैल जाते हैं।
यह वर्णन पाठक के मन में एक सुंदर बिंब उकेरता है, जहाँ वह सौंदर्य और सुगंध को एक साथ अनुभव करता है।
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