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पत्र बोलते हैं, भावों के मर्म खोलते हैं। - Marathi (Second Language) [मराठी (द्वितीय भाषा)]

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प्रश्न

पत्र बोलते हैं, भावों के मर्म खोलते हैं।

दीर्घउत्तर

उत्तर

यह पंक्ति पत्रों के महत्व को दर्शाती है। पत्र केवल शब्दों का संकलन नहीं होते, बल्कि वे व्यक्ति की भावनाओं, विचारों और संवेदनाओं को प्रकट करने का सशक्त माध्यम होते हैं। पत्रों के माध्यम से हम अपने मन की गहराइयों को व्यक्त कर सकते हैं, जो कभी-कभी आम बातचीत में संभव नहीं होता। पुराने समय में पत्र ही संचार का प्रमुख साधन थे, और आज भी वे हमारी भावनात्मक अभिव्यक्ति का एक महत्वपूर्ण तरीका बने हुए हैं।

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अध्याय 1.4: संदेश - पाठ्य प्रश्न [पृष्ठ १३]

APPEARS IN

बालभारती Integrated 7 Standard Part 3 [Hindi Medium] Maharashtra State Board
अध्याय 1.4 संदेश
पाठ्य प्रश्न | Q ११. | पृष्ठ १३
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