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सेठ कपड़ा लेने किस दिन आया होगा? - Hindi (हिंदी)

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प्रश्न

सेठ कपड़ा लेने किस दिन आया होगा?

एक पंक्ति में उत्तर

उत्तर

सेठ समझ गया कि अवंती को उसकी चाल पता चल गई है इसलिए वह कपड़ा लेने नहीं आया होगा।

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कब आऊँ
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अध्याय 9: कब आऊँ - कब आऊँ [पृष्ठ ७०]

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एनसीईआरटी Hindi - Rimjhim Class 3
अध्याय 9 कब आऊँ
कब आऊँ | Q 3. | पृष्ठ ७०

संबंधित प्रश्न

सेठ ने किस रंग में कपड़ा रंगने को कहा?


नीचे के वाक्य में कुछ हरी-भरी सब्ज़ि का नाम छुपा हैं। ढूँढ़ो तो ज़रा –

अब भागो भी, बारिश होने लगी है।


नीचे के वाक्य में कुछ हरी-भरी सब्ज़ि का नाम छुपा हैं। ढूँढ़ो तो ज़रा –

मामू लीला मौसी कहाँ है?


नीचे के वाक्य में कुछ हरी-भरी सब्ज़ि का नाम छुपा हैं। ढूँढ़ो तो ज़रा –

रानी बोली – हमसे मत बोलो।


नीचे के वाक्य में कुछ हरी-भरी सब्ज़ि का नाम छुपा हैं। ढूँढ़ो तो ज़रा –

गोपाल कबूतर उड़ा दो।


चित्र को देखो। क्या इसे देखकर तुम्हें कुछ मुहावरा या कहावत याद आती हैं? उन्हें लिखो।

  अँधेरा
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चित्र को देखो। क्या इसे देखकर तुम्हें कुछ मुहावरा या कहावत याद आती हैं? उन्हें लिखो।

आरसी
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चित्र को देखो। क्या इसे देखकर तुम्हें कुछ मुहावरा या कहावत याद आती हैं? उन्हें लिखो।

आस्तीन
____________________

चित्र को देखो। क्या इसे देखकर तुम्हें कुछ मुहावरा या कहावत याद आती हैं? उन्हें लिखो।

ग्यारह
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विद्यालय, गुरुजी, छुट्टी, बंदर, डंडा, पेड़, केला, ताली, बच्चे, भूख। इन शब्दों को पढ़कर तुम्हारे मन में कुछ बातें आई होंगी। इन सब चीज़ों के बारे में एक छोटी-सी कहानी बनाओ और अपने साथियों को सुनाओ।


रंगाई शब्द रंग से बना है। इसी तरह और शब्द बनाओ –

रंग

रंगाई

साफ़

______

चढ़

______

बुन

______


जिन शब्द के नीचे रेखा खिंची है, उसका मतलब बताओ –

मुझे बैंगनी रंग कतई अच्छा नहीं लगता।


जिन शब्द के नीचे रेखा खिंची है, उसका मतलब बताओ –

रंग के बारे में मेरी कोई खास पसंद तो है नहीं।


कब आऊँ वाले किस्से को चित्रकथा के रूप में लिखो।


कभी-कभी हम अपनी बात करते हुए ऐसे शब्द भी बोल देते हैं, जिनकी कोई ज़रूरत नहीं होती। इसी तरह इस वाक्य में कुछ शब्द फ़ालतू हैं। उसे ढूँढ़कर अलग करो –

एक पीला पका पपीता काट लो।


कभी-कभी हम अपनी बात करते हुए ऐसे शब्द भी बोल देते हैं, जिनकी कोई ज़रूरत नहीं होती। इसी तरह इस वाक्य में कुछ शब्द फ़ालतू हैं। उसे ढूँढ़कर अलग करो –

अरे! रस में इतनी सारी ठंडी बर्फ़ क्यों डाल दी?


कभी-कभी हम अपनी बात करते हुए ऐसे शब्द भी बोल देते हैं, जिनकी कोई ज़रूरत नहीं होती। इसी तरह इस वाक्य में कुछ शब्द फ़ालतू हैं। उसे ढूँढ़कर अलग करो –

ज़ेबा, बगीचे से दो ताज़े नीबू तोड़ लो।


कभी-कभी हम अपनी बात करते हुए ऐसे शब्द भी बोल देते हैं, जिनकी कोई ज़रूरत नहीं होती। इसी तरह इस वाक्य में कुछ शब्द फ़ालतू हैं। उसे ढूँढ़कर अलग करो –

बेकार की फ़ालतू बात मत करो।


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