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प्रश्न
विद्युत-अपघटन विधि द्वारा डाइहाइड्रोजन बृहद् स्तर पर किस प्रकार बनाई जा सकती है? इस प्रक्रम में वैद्युत-अपघट्य की क्या भूमिका है?
उत्तर
विद्युत-अपघटन विधि द्वारा डाइहाइड्रोजन का निर्माण (Formation of Dihydrogen by electrolytic process) - सर्वप्रथम शुद्ध जल में अम्ल तथा क्षारक की कुछ बूँदे मिलाकर इसे विद्युत का सुचालक बना लेते हैं। अब इसका विद्युत-अपघटन (वोल्टामीटर में) करते हैं। जल के विद्युत-अपघटन से ऋणोद (कैथोड) पर डाइहाइड्रोजन और धनोद (ऐनोड) पर ऑक्सीजन (सहउत्पाद के रूप में) एकत्रित होती है। ऐनोड तथा कैथोड को एक ऐस्बेस्ट्स डायफ्राम की सहायता से पृथक्कृत कर दिया जाता है जो मुक्त होने वाली हाइड्रोजन तथा ऑक्सीजन को मिश्रित नहीं होने देता।
\[\ce{H2O <=> H+ + OH-}\]
`{:("H"^+ + "e"^- -> "H"),("H" + "H" -> "H"_2 ↑):}}"ऋणोद पर"`
`{:("OH"^- - "e"^- -> "OH"),(4"OH" -> 2"H"_2"O" + "O"_2↑):}}"धनोद पर"`
अम्लीय जल के विद्युत्-अपघटन द्वारा H2 प्राप्त करना।
इस प्रकार प्राप्त डाइहाइड्रोजन पर्याप्त रूप से शुद्ध होती है।
विद्युत-अपघट्य की भूमिका (Role of electrolyte) - शुद्ध जल विद्युत-अपघट्य नहीं होता और न ही विद्युत का चालक होता है। शुद्ध जल में अम्ल या क्षार की कुछ मात्रा मिलाकर इसे, विद्युत अपघट्य बनाया जाता है।
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\[\ce{CO(g) + H2(g) ->[\triangle][{उत्प्रेरक}]}\]
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