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वन और वन्य जीव संरक्षण में सहयोगी रीति-रिवाजों पर एक निबंध लिखिए। - Social Science (सामाजिक विज्ञान)

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प्रश्न

वन और वन्य जीव संरक्षण में सहयोगी रीति-रिवाजों पर एक निबंध लिखिए।

संक्षेप में उत्तर

उत्तर

भारत में वन और वन्य जीव संरक्षण में सहयोगी रीति-रिवाज इस प्रकार हैं

  1. भारत के जनजातीय लोग प्रकृति की पूजा सदियों से करते आ रहे हैं। उनके इन विश्वासों ने विभिन्न वनों को मूल एवं कौमय रूप में बचाकर रखा है, जिन्हें पवित्र पेड़ों के झुरमुट (देवी-देवताओं के वन) कहते हैं। वनों के इन भागों में या तो वनों के ऐसे बड़े भागों में न तो स्थानीय लोग घुसते हैं तथा न ही किसी और को छेड़छाड़ करने देते।
  2. कुछ समाज कुछ विशेष पेड़ों की पूजा करते हैं और आदिकाल से उनका संरक्षण करते आ रहे हैं। छोटानागपुर क्षेत्र में मुंडा और संथाल जन-जातियाँ महुआ और कदंब के पेड़ों की पूजा करते हैं। उड़ीसा और बिहार की जनजातियाँ शादी के समय इमली और आम के पेड़ों की पूजा करते हैं।
  3. कई लोग पीपल और वट की पूजा करते हैं।
  4. भारतीय समाज में अनेकों संस्कृतियाँ हैं और प्रत्येक संस्कृति में प्रकृति और इसकी कृतियों को संरक्षित करने के अपने पारंपरिक तरीके हैं। भारतीय झरनों, पहाड़ी चोटियों, पेड़ों और पशुओं को पवित्र मानकर उनका संरक्षण करते हैं, जैसे वे मंदिरों या अन्य स्थलों पर बंदरों को खिलाते हैं।
  5. राजस्थान के बिश्नोई गाँवों के आस-पास काले हिरण, चिंकारा, नीलगाय और मोरों के झुंड देखे जाते हैं जोकि इनके समाज के अभिन्न अंग हैं और इन्हें कोई नुकसान नहीं पहुँचा सकता।
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भारत में वनस्पतिजात और प्राणिजात
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अध्याय 2: वन और वन्य जीव संसाधन - अभ्यास [पृष्ठ २४]

APPEARS IN

एनसीईआरटी Social Science - Contemporary India 2 [Hindi] Class 10
अध्याय 2 वन और वन्य जीव संसाधन
अभ्यास | Q 5. (ii) | पृष्ठ २४
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