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महाराष्ट्र राज्य शिक्षण मंडळएचएससी वाणिज्य (इंग्रजी माध्यम) इयत्ता १२ वी

भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम पर फीचर लेखन कीजिए। - Hindi

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प्रश्न

भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम पर फीचर लेखन कीजिए।

थोडक्यात उत्तर

उत्तर

भारत का अंतरिक्ष कार्यक्रम डॉ विक्रम साराभाई की संकल्पना है। उन्हें भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम का जनक कहा जाता है। वर्तमान में इस कार्यक्रम की कमान भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के हाथों में है। इसरो की स्थापना १९६९ में डॉ. विक्रम साराभाई की अध्यक्षता में की गई। इसका मुख्यालय बंगलौर में है। भारत ने अपने पहले अंतरिक्ष कार्यक्रम की शुरुआत बेहद सीमित संसाधनों के साथ की थी। जब पहले उपग्रह को अंतरिक्ष में भेजा गया तब शायद ही किसी ने सोचा हो कि भारत का अंतरिक्ष यान किसी दिन मंगल ग्रह के लिए जा सकेगा। भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम से कई बड़े वैज्ञानिक जुड़े रहे हैं। पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम भी भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम में योगदान दे चुके हैं।

स्थापना के बाद से ही भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम अच्छी तरह से ऑर्केस्ट्रेटेड किया गया है और इसमें संचार और रिमोट सेंसिंग के लिए उपग्रह, अंतरिक्ष परिवहन प्रणाली और अनुप्रयोग कार्यक्रम जैसे तीन अलग-अलग तत्त्व थे। प्राकृतिक संसाधनों और आपदा प्रबंधन सहायता की निगरानी और प्रबंधन के लिए दूरसंचार, टेलीविजन प्रसारण और मौसम संबंधी सेवाओं और रिमोट सेंसिंग सैटेलाइट के लिए दो प्रमुख परिपालन प्रणालियों को भारतीय राष्ट्रीय उपग्रह स्थापित किया गया है।

१९६० और १९७० के दशक के दौरान भारत ने भू राजनीतिक और आर्थिक विचारों के कारण अपना स्वयं का लॉन्च वाहन कार्यक्रम प्रारंभ किया। देश ने एक साउंडिंग रॉकेट प्रोग्राम विकसित किया और १९८० के दशक तक सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल -३ और अधिक उन्नत, संवर्धित सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (ए एस एल वी) को परिचालन सहायक बुनियादी ढाँचे के साथ पूरा किया।

सबसे पहले थुंबा को रॉकेट लॉन्चिग सेंटर के तौर पर चुना गया था। धरती की भू चुंबकीय भूमध्य रेखा थुंबा से गुजरती है। भारत ने पहला रॉकेट २१ नवंबर १९६३को लॉन्च किया था यानी मंगल यान से करीब ५0 साल पहले। ये एक नाइक-अपाचे रॉकेट था। १९७५ में भारत ने अपना पहला उपग्रह आर्यभट्ट लॉन्च किया और इस तरह अंतरिक्ष युग में प्रवेश किया। इसका वजन सिर्फ ३६० किलोग्राम था और इसका नाम प्राचीन भारत के प्रसिद्ध खगोलविद् आर्यभट्ट के नाम पर रखा गया था।

भास्कर - १ भारत का पहला रिमोट सेंसिंग सैटेलाइट था, इस उपग्रह का कैमरा जो तस्वीरें भेजता था, उन्हें वन, पानी और सागरों के अध्ययन में इस्तेमाल किया जाता था। चंद्रयान का भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम में महत्त्वपूर्ण स्थान है। चंद्रयान ने चंद्रमा की सतह पर पानी की खोज की थी।

इसरो ने प्रक्षेपण यान प्रौद्योगिकी की उन्नति के लिए अपनी ऊर्जा को आगे बढ़ाया, जिसके परिणामस्वरूप पी एस एल वी और जी एस एल वी प्रौद्योगिकियों का निर्माण हुआ। पिछले साढ़े चार दशकों में भारत का अंतरिक्ष कार्यक्रम ने एक सुसंगठित, आत्मनिर्भर कार्यक्रम के माध्यम से प्रभावशाली प्रगति की है।

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फीचर लेखन
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पाठ 15: फीचर लेखन - व्यावहारिक प्रयोग [पृष्ठ ९०]

APPEARS IN

बालभारती Hindi - Yuvakbharati 12 Standard HSC Maharashtra State Board
पाठ 15 फीचर लेखन
व्यावहारिक प्रयोग | Q 1 | पृष्ठ ९०

संबंधित प्रश्‍न

फीचर लेखन की विशेषताएँ लिखिए ।


फीचर लेखन के सोपानों को स्पष्ट कीजिए ।


निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर ८० से १०० शब्दों में लिखिए:

फीचर लेखन करते समय बरती जाने वाली सावधानियों पर प्रकाश डालिए।


लता मंगेशकर पर फीचर लेखन कीजिए ।


विषय का ______ शीर्षक फीचर की आत्मा है।


फीचर लेखन के मुख्य तीन अंगों में से एक है:


निम्नलिखित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

रोचक प्रसंगों के साथ स्नेहा विद्यार्थियों को फीचर लेखन की विशेषताएँ बताने लगी, “अच्छा फीचर नवीनतम जानकारी से परिपूर्ण होता है। किसी घटना की सत्यता अथवा तथ्यंता फीचर का मुख्य तत्व है। फीचर लेखन में राष्ट्रीय स्तर के तथा अन्य महत्त्वपूर्ण विषयों का समावेश होना चाहिए क्योंकि समाचार पत्र दूर-दूर तक जाते हैं। इतना ही नहीं ; फीचर का विषय समसामयिक होना चाहिए। फीचर लेखन में भावप्रधानता होनी चाहिए क्योंकि नीरस फीचर कोई नहीं पढ़ना चाहता। फीचर के विषय से संबंधित तथ्यों का आधार दिया जाना चाहिए। '' स्नेहा आगे बोलती जा रही थी,' विश्वसनीयता के लिए फीचर में विषय की तार्किकता को देना आवश्यक होता है। तार्किकता के बिना फीचर अविश्वसनीय बन जाता है। फीचर में विषय की नवीनता का होना आवश्यक है क्योंकि उसके अभाव में 'फीचर अपठनीय बन जाता है। फीचर में किसी व्यक्ति अथवा घटना विशेष का उदाहरण दिया गया हो तो उसकी संक्षिप्त जानकारी भी देनी चाहिए।''

पाठक की मानसिक योग्यता और शैक्षिक पृष्ठभूमि को ध्यान में रखकर फीचर लेखन किया जाना चाहिए। उसे प्रभावी बनाने हेतु प्रसिद्ध व्यक्तियों के कथनों, उदाहरणों, लोकोक्तियों और मुहावरों का प्रयोग फीचर में चार चाँद लगा देता है।

1. प्रश्न के उत्तर लिखिए।   (2)

  1. फीचर का मुख्य तत्त्व लिखिए।
  2. फीचर लेखन में भाव प्रधानता क्यों होनी चाहिए?
  3. किस के बिना फीचर अविश्वसनीय बन जाता है?
  4. फीचर लेखन में किससे चार चाँद लगते है?

2. निम्नलिखित शब्दों के विरुद्धार्थी शब्द लिखिए।  (2)

  1. नीरस × ______
  2. निष्पक्ष × ______
  3. विख्यात × ______
  4. क्लीष्ट × ______

3. निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर 40 से 50 शब्दों में लिखिए।  (2)

लता मगेंशकर का फीचर लेखन कीजिए।


फीचर लेखक को ______ रूप से अपना मत व्यक्त करना चाहिए।


विषय का औचित्यपूर्ण ______ फीचर की आत्मा हैं।


______ को पत्रकारिता के क्षेत्र में फीचर लेखन के लिए दिए जाने वाले ‘सर्वश्रेष्ठ फीचर लेखन’ के राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।


फीचर लेखन में ______  होनी चाहिए।


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