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गद्य पाठ के आधार पर निम्नलिखित प्रश्न के उत्तर 25-30 शब्दों में लिखिए: 'तुम लोगों की तरह बनाव-सिंगार देखते रहते तो उमर ही बीत जाती, हो चुकती शहनाई। तब क्या खाक रियाज हो पाता?' - Hindi Course - A

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प्रश्न

गद्य पाठ के आधार पर निम्नलिखित प्रश्न के उत्तर 25-30 शब्दों में लिखिए:

'तुम लोगों की तरह बनाव-सिंगार देखते रहते तो उमर ही बीत जाती, हो चुकती शहनाई। तब क्या खाक रियाज हो पाता?' नौबतखाने में इबादत पाठ की इस पंक्ति में युवाओं के लिए क्या संदेश छिपा है?

लघु उत्तर

उत्तर

बिस्मिल्ला खाँ अपनी कला के प्रति पूर्णतः समर्पित रहते हुए कृत्रिमता से दूर सादा जीवन व्यतीत करते थे। जब उनकी शिष्या ने उन्हें फटी लुंगी पहनने पर टोका, तब उन्होंने यह वाक्य कहा था। ‘नौबतखाने में इबादत’ पाठ की इस पंक्ति के माध्यम से आज के युवाओं को यह संदेश दिया गया है कि वे बाहरी बनाव-सिंगार, रूप-आकर्षण और फैशन की ओर आकर्षित होने के बजाय सादा जीवन अपनाए, केवल सजने-संवरने में समय गवाने से लक्ष्य हासिल नहीं होते। उच्च विचारों को महत्व दें और अपने कार्य तथा कला के प्रति समर्पित रहें।
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