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ग्रामीण और शहरी बेरोजगारी में अंतर स्पष्ट करें। क्या यह करना सही होगा कि निर्धनता गाँवों से शहरों में आ गई है? अपने उत्तर के पक्ष में निर्धनता अनुपात प्रवृत्ति का प्रयोग करें। - Economics (अर्थशास्त्र)

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प्रश्न

ग्रामीण और शहरी बेरोजगारी में अंतर स्पष्ट करें। क्या यह करना सही होगा कि निर्धनता गाँवों से शहरों में आ गई है? अपने उत्तर के पक्ष में निर्धनता अनुपात प्रवृत्ति का प्रयोग करें।

टीपा लिहा

उत्तर

स्वतंत्रता के समय से ग्रामीण बेरोजगारी शहरी बेरोज़गारी से अधिक रही है। यह कहना सही होगा कि निर्धनता गाँवों से शहरों में आ गई है। ग्रामीण क्षेत्र में छोटे तथा सीमांत किसान और कृषि श्रमिकों में मौसमी तथा प्रच्छन्न बेरोज़गारी है। वे कर्ज के जंजाल में भी फँस जाते हैं। ऐसे हालात में वे एक बेहतर आय की आशा में शहरों की ओर भागते हैं। इन क्षेत्रों में वे रेड़ी विक्रेता, रिक्शा चालकों तथा अनियत दिहाड़ी मजदूरों के रूप में काम करते हैं और शहरी बेरोज़गारी को बढ़ाते हैं।

समय के साथ जनसंख्या में वृद्धि से, निर्धनता रेखा से नीचे रहने वालों की संख्या उतनी कम नहीं हुई जितना उनका प्रतिशत कम हुआ है।

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निर्धनों की पहचान कैसे होती है?
  या प्रश्नात किंवा उत्तरात काही त्रुटी आहे का?
पाठ 4: निर्धनता - अभ्यास [पृष्ठ ८१]

APPEARS IN

एनसीईआरटी Economics [English] Class 12
पाठ 4 निर्धनता
अभ्यास | Q 9. | पृष्ठ ८१
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