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किन आधारों पर यह अधिकार अपनी प्रकृति में सार्वभौमिक माने जाते हैं? - Political Science (राजनीति विज्ञान)

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प्रश्न

किन आधारों पर यह अधिकार अपनी प्रकृति में सार्वभौमिक माने जाते हैं?

थोडक्यात उत्तर

उत्तर

17 वीं और 18वीं सदी में राजनीतिक सिद्धान्तकार तर्क प्रस्तुत करते थे कि हमारे लिए अधिकार प्रकृति या ईश्वर प्रदत्त हैं। हमें जन्म से वे अधिकार प्राप्त हैं। परिणामस्वरूप कोई व्यक्ति या शासक उन्हें हमसे छीन नहीं सकता। उन्होंने मनुष्य के तीन प्राकृतिक अधिकार चिह्नित किए। थे-जीवन को अधिकार, स्वतन्त्रता का अधिकार और सम्पत्ति का अधिकार। अन्य विभिन्न अधिकार इन बुनियादी अधिकारों से ही निकले हैं। हम इन अधिकारों का दावा करें या न करें, व्यक्ति होने के कारण हमें यह प्राप्त हैं। यह विचार कि हमें जन्म से ही कुछ विशिष्ट अधिकार प्राप्त हैं, बहुत शक्तिशाली अवधारणा है, क्योंकि इसका अर्थ है जो ईश्वर प्रदत्त है और उन्हें कोई मानव शासक या राज्य हमसे छीन नहीं सकता।

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अधिकार कहाँ से आते हैं ?
  या प्रश्नात किंवा उत्तरात काही त्रुटी आहे का?
पाठ 5: अधिकार - प्रश्नावली [पृष्ठ ७६]

APPEARS IN

एनसीईआरटी Political Science [Hindi] Class 11
पाठ 5 अधिकार
प्रश्नावली | Q 2. | पृष्ठ ७६
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