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कुहू-कुहू आवाज़ लगाती, मधुर-मधुर मैं गीत सुनती। सबके मन को हूँ मैं भाती, देखो - मैं कहलाती। - Environmental Studies (पर्यावरण अध्ययन)

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प्रश्न

कुहू-कुहू आवाज़ लगाती, मधुर-मधुर मैं गीत सुनती। सबके मन को हूँ मैं भाती, देखो ______ मैं कहलाती।

रिकाम्या जागा भरा

उत्तर

कुहू-कुहू आवाज़ लगाती, मधुर-मधुर मैं गीत सुनती। सबके मन को हूँ मैं भाती, देखो कोयल मैं कहलाती।

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पंख फैलाएँ, उड़ते जाएँ
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पाठ 8: पंख फैलाएँ, उड़ते जाएँ - पंख फैलाएँ, उड़ते जाएँ [पृष्ठ ५३]

APPEARS IN

एनसीईआरटी Environmental Studies - Looking Around [Hindi] Class 3
पाठ 8 पंख फैलाएँ, उड़ते जाएँ
पंख फैलाएँ, उड़ते जाएँ | Q 5. | पृष्ठ ५३

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आकाश से सीधे आती हूँ, झटपट चूहा ले जाती हूँ। पूँछ है मेरी खाँचे वाली ______ हूँ मैं बड़ी निराली।


हरे-हरे हैं मेरे पंख लाल है मेरी ______ का रंग। हरी मिर्च मैं खाता हूँ ______ मैं कहलाता हूँ।


मरे जानवर खाकर मैं, जगह साफ़ कर देता हूँ। ऊँचे ______ में उड़ता हूँ गिद्ध मैं कहलाता हूँ।


रंग सलेटी, पंजे ______ गुटर गूँ की भर क्र चाबी। दिन भर शोर मचता हूँ, ______ मैं कहलाता हूँ।


पेड़ के ______ में छेद बनाऊँ, उसमें छिपे कीड़े मैं खाऊँ। टुकटुक करता जाता हूँ, कठफोड़वा कहलाता हूँ।


अब बाहर जाकर देखो तुम्हें कितने पक्षी दीखते हैं। पेड़ पर ही नहीं, मैदान में, पानी में, पानी के आस-पास तथा झाड़ियों में भी देखना।


चित्र में दिए गए पक्षियों को उनके भोजन के साथ जोड़ो।


उल्लू तो अपनी गर्दन पीछे तक घुमा सकता है। क्या तुम भी ऐसा कर सकते हो?


कई पक्षी ऐसे हैं, जो हमारी बोली की नकल कर सकते हैं। क्या तुम ऐसे किसी पक्षी का नाम जानते हो? उसका चित्र अपनी कॉपी में बनाओ और उसका नाम भी लिखो।


अगर तुम भी पक्षियों की तरह उड़ सकते, तो तुम कहाँ-कहाँ जाते? क्या-क्या करते?


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