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मानसून को एक सूत्र में बाँधने वाला क्यों समझा जाता है? - Social Science (सामाजिक विज्ञान)

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प्रश्न

मानसून को एक सूत्र में बाँधने वाला क्यों समझा जाता है?

थोडक्यात उत्तर

उत्तर

विभिन्न अक्षाशों में स्थित होने एवं उच्चावच लक्षणों के कारण भारत की मौसम संबंधी परिस्थितियों में बहुत अधिक भिन्नताएँ पाई जाती हैं। किंतु ये भिन्नताएँ मानसून के कारण कम हो जाती हैं क्योंकि मानसून पूरे भारत में बहती हैं। संपूर्ण भारतीय भूदृश्य, इसके जीव तथा वनस्पति, इसका कृषि-चक्र, मानव-जीवन तथा उनके त्योहार-उत्सव, सभी इस मानसूनी लय के चारों ओर घूम रहे हैं। मानसून के आगमन का पूरे देश में भरपूर स्वागत होता है। भारत में मानसून के आगमन का स्वागत करने के लिए विभिन्न त्योहार मनाएँ जाते हैं। मानसून झूलसाती गर्मी से राहत प्रदान करती है। मानसून वर्षा कृषि क्रियाकलापों के लिए पानी उपलब्ध कराती है। वायु प्रवाह में ऋतुओं के अनुसार परिवर्तन एवं इससे जुड़ी मौसम संबंधी परिस्थितियाँ ऋतुओं का एक लयबद्ध चक्र उपलब्ध कराती हैं जो पूरे देश को एकता के सूत्र में बांधती है। ये मानसूनी पवनें हमें जल प्रदान कर कृषि की प्रक्रिया में तेजी लाती हैं एवं संपूर्ण देश को एक सूत्र में बाँधती हैं। नदी, घाटियाँ जो इन जलों का संवहन करती हैं, उन्हें भी एक नदी घाटी इकाई का नाम दिया जाता है। भारत के लोगों का संपूर्ण जीवन मानसून के इर्द-गिर्द घूमता है। इसलिए मानसून को एक सूत्र में बांधने वाला समझा जाता है।

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मानसून का आगमन एवं वापसी
  या प्रश्नात किंवा उत्तरात काही त्रुटी आहे का?
पाठ 4: जलवायु - अभ्यास [पृष्ठ ४०]

APPEARS IN

एनसीईआरटी Social Science - Contemporary India 1 [Hindi] Class 9
पाठ 4 जलवायु
अभ्यास | Q 2. (vii) | पृष्ठ ४०
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