मराठी
महाराष्ट्र राज्य शिक्षण मंडळएस.एस.सी (इंग्रजी माध्यम) इयत्ता ७ वी

मैंने समझा स्कूल चलो कहानी से - Marathi (Second Language) [मराठी (द्वितीय भाषा)]

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प्रश्न

मैंने समझा स्कूल चलो कहानी से 

सविस्तर उत्तर

उत्तर

मैंने इस कहानी से समझा कि पढ़ाई की कोई उम्र नहीं होती। यदि मन में सीखने की इच्छा हो, तो हालात चाहे जैसे भी हों, रास्ता जरूर निकलता है।

कहानी ने यह भी सिखाया कि किसी को थोड़ा सा प्रोत्साहन और सहारा भी उसका जीवन बदल सकता है, जैसे सरिता देवी और रमेश ने भरतू की मदद की।

यह कहानी हमें संवेदनशील बनने की प्रेरणा देती है – दूसरों के दुख को समझना और उन्हें आगे बढ़ने में मदद करना एक बहुत बड़ा मानव धर्म है।

सबसे बड़ी बात यह सीखी कि कभी भी उम्मीद नहीं छोड़नी चाहिए। अगर लगन सच्ची हो, तो सपने जरूर पूरे होते हैं।

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पाठ 1.5: स्कूल चलो - पाठ्य प्रश्न [पृष्ठ १९]

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बालभारती Integrated 7 Standard Part 4 [Hindi Medium] Maharashtra State Board
पाठ 1.5 स्कूल चलो
पाठ्य प्रश्न | Q १०. | पृष्ठ १९
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