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प्रश्न
मृत्यु दर और जन्म दर का क्या अर्थ है? कारण स्पष्ट कीजिए कि जन्म दर में गिरावट अपेक्षाकृत धीमी गति से क्यों आती है जबकि मृत्यु-दर बहुत तेजी से गिरती है।
दीर्घउत्तर
उत्तर
जनसांख्यिकीय में जन्म-दर तथा मृत्यु-दर आधारभूत अवधारणाएँ हैं। जन्म-दर-जन्म-दर से तात्पर्य एक विशेष क्षेत्र में जो एक पूरा देश, राज्य अथवा कोई प्रादेशिक इकाई हो सकता है, एक निर्धारित अवधि के दौरान जन्म लेने वाले बच्चों की कुल संख्या से है।
- बच्चे के जन्म-दर को निम्नलिखित विधि से व्यक्त किया जाता है।
`B/P` x 100
B = जन्म लेने वाले बच्चों की संख्या
P= संपूर्ण जनसंख्या - यह एक कच्चा जन्म-दर है, क्योंकि इसमें आयु को व्यक्त करने वाले अनुपात को शामिल नहीं किया गया है।
- जन्म-दर को एक वर्ष में प्रति एक हजार व्यक्तियों के पीछे जन्म लेने वालों की संख्या के रूप में परिभाषित किया जा सकता है।
- जन्म-दर पर उल्लेखनीय रूप से विवाह की आयु, प्रजनन क्षमता, वातावरण की स्थितियों, सामाजिक स्थितियों, धार्मिक विश्वासों तथा शिक्षा का प्रभाव पड़ता है।
मृत्यु-दर-मृत्यु-दर से तात्पर्य एक विशेष क्षेत्र में, जो एक पूरा देश, राज्य अथवा कोई प्रादेशिक इकाई हो सकता है, प्रति एक हजार व्यक्तियों के पीछे मरने वालों की संख्या से है।
धीमी जन्म-दर का कारण-जन्म-दर सापेक्ष रूप से धीमी होती है, जबकि मृत्यु-दर को तेजी से कम किया जा सकता है। इसके निम्नलिखित कारण हैं- - सार्वजनिक स्वास्थ्य के विभिन्न उपाय तथा चिकित्सकीय प्रगति मृत्यु-दर को तत्काल नियंत्रित कर सकती है। हर कोई अच्छा स्वास्थ्य तथा दीर्घ जीवने चाहता है। जीवन से लगाव होने के कारण प्रत्येक व्यक्ति उच्च श्रेणी की बेहतर चिकित्सा तथा तकनीकी सेवाओं का सहारा लेता है।
- जन्म-दर का संबंध चूंकि लोगों की मनोवृत्ति, विश्वास तथा मूल्य से है, इसलिए यह उच्च बना रहता है। जन्म-दर का संबंध धार्मिक विश्वास से भी है तथा कुल मिलाकर यह एक सामाजिक-सांस्कृतिक परिघटना है, जिसमें काफी धीमी गति से परिवर्तन होता है।
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