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निम्नलिखित अंशों का भाव स्पष्ट कीजिए-हानि उठानी पड़े जगत् में लाभ अगर वंचना रहीतो भी मन में ना मानूँ क्षय। - Hindi Course - B

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प्रश्न

निम्नलिखित अंशों का भाव स्पष्ट कीजिए-
हानि उठानी पड़े जगत् में लाभ अगर वंचना रही
तो भी मन में ना मानूँ क्षय।

एका वाक्यात उत्तर

उत्तर

कवि ईश्वर से प्रार्थना करता है कि जीवन में उसे लाभ मिले या हानि ही उठानी पड़े तब भी वह अपना मनोबल न खोए। वह उस स्थिति का सामना भी साहसपूर्वक करे।

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आत्मत्राण
  या प्रश्नात किंवा उत्तरात काही त्रुटी आहे का?
पाठ 1.9: आत्मत्राण - प्रश्न-अभ्यास (ख) [पृष्ठ ४९]

APPEARS IN

एनसीईआरटी Hindi - Sparsh Part 2 Class 10
पाठ 1.9 आत्मत्राण
प्रश्न-अभ्यास (ख) | Q 2 | पृष्ठ ४९

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