मराठी

निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर इस पर आधारित प्रश्नों के लिए सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्‍प चुनकर लिखिए: शोर से होने वाली बहरेपन की बीमारी एक गंभीर स्वास्थ्यगत समस्या है। तेज़ आवाज़ - Hindi Course - B

Advertisements
Advertisements

प्रश्न

निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर इस पर आधारित प्रश्नों के लिए सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्‍प चुनकर लिखिए:

शोर से होने वाली बहरेपन की बीमारी एक गंभीर स्वास्थ्यगत समस्या है। तेज़ आवाज़ हमारी श्रवण कोशिकाओं पर बहुत दबाव डालती है, जिससे वे स्थायी रूप से चोटिल हो सकती हैं। यदि सुनने की क्षमता एकबार चली गई तो उसे पुनः पाना नामुमकिन है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की 'वर्ल्ड हीयरिंग रिपोर्ट' के मुताबिक विश्व की 1.5 अरब आबादी बहरेपन के साथ जी रही है। ध्वनि प्रदूषण दरअसल ऐसे अवांछित विद्युत चुंबकीय संकेत हैं, जो इंसान को कई रूपों में नुकसान पहुँचाते हैं। इसीलिए, शोर-प्रेरित बहरेपन पर फौरन ध्यान देने की ज़रूरत है। वैश्विक अध्ययन बताते हैं कि निर्माण कार्य, औद्योगिक कामकाज़, जहाज बनाने या मरम्त करने संबंधी काम, अग्निश्मन, नागरिक उड्डयन आदि सेवाओं में लगे श्रमिकों में शोर-प्रेरित बहरेपन का खतरा अधिक होता है। आकलन है कि 15 फीसदी नौजवान संगीत-कार्यक्रमों, खेल-आयोजनों और दैनिक कामकाज़ में होने वाले शोर से बहरेपन का शिकार होते हैं। शोर-प्रेरित बहरनेपन की समस्या विकासशील देशों में ज़्यादा है, जहाँ तीव्र औद्योगीकरण, अनौपचारिक क्षेत्र के विस्तार और सुरक्षात्मक व शोर-नियंत्रणरोधी उपायों की कमी से लोग चौतरफ़ा शोर-शराबे में दिन-बिताने को अभिशप्त हैं। हमें यह समझना ही होगा कि श्रवण-शक्ति का ह्रास न सिर्फ़ इंसान को प्रभावित करता है, बल्कि समाज पर भी नकारात्मक असर डालता है।
  1. शोर-प्रेरित बहरेपन का खतरा किस क्षेत्र से जुड़े लोगों को कम है?
    (a) जहाज-निर्माण से जुड़े लोगों को
    (b) स्वास्थ्य-सेवाओं से जुड़े लोगों को
    (c) खेल-आयोजनों से जुड़े लोगों को
    (d) संगीत-कार्यक्रमों से जुड़े लोगों को
  2. गद्यांश के संदर्भ में अनुपयुक्त कथन है -
    (a) विकासशील देशों में अनौपचारिक क्षेत्र विस्तार की समस्या नहीं है।
    (b) विकासशील देशों में शोर-निंयत्रणरोधी उपायों पर अधिक ध्यान नहीं दिया जाता है।
    (c) कुछ सेवाओं से जुडे लोग अन्य की तुलना में बहरेपन के अधिक शिकार हैं।
    (d) कुछ खास सेवाओं से जुड़े युवा भी आज बहरेपन का शिकार हो रहे हैं।
  3. विकासशील देशों के लोगों के जीवन को अभिशप्त क्यों कहा गया है?
    (a) उनका जीवन अनेक सामाजिक संकटों से घिरा है।
    (b) उनका जीवन अनेक आर्थिक संकटों से घिरा है।
    (c) वे खराब सेहत वाली विवश ज़िंदगी बसर करते हैं।
    (d) वे शोर-शराबे से भी ज़िंदगी जीने को विवश हैं।
  4. तीव्र आवाज़ का हमारे शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता है?
    (a) तंत्रिका-कोशिकाएँ क्षतिग्रस्त
    (b) श्रवण-कोशिकाएँ क्षतिग्रस्त
    (c) रक्त-कोशिकाएँ क्षतिग्रस्त
    (d) हृदय-कोशिकाएँ क्षतिग्रस्त
  5. निम्नलिखित कथन (A) तथा कारण (R) को ध्यानपूर्वक पढ़िए। उसके बाद दिए गए विकल्पों में से कोई एक सही विकल्प चुनकर लिखिए:
    कथन (A) - वर्तमान में श्रवण शक्ति का ह्रास एक सार्वजनिक समस्या बन गई है।
    कारण (R) - आर्थिक विकास की अनियमित होड़ इस समस्या के मूल कारणों में से एक है।
    (a) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों गलत हैं।
    (b) कथन (A) सही है, लेकिन कारण (R) गलत है।
    (c) कथन (A) सही है तथा कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या करता है।
    (d) कथन (A) सही है परंतु कारण (R) कथन (A) की गलत व्याख्या करता है।
टीपा लिहा

उत्तर

  1. स्वास्थ्य-सेवाओं से जुड़े लोगों को
  2. विकासशील देशों में अनौपचारिक क्षेत्र विस्तार की समस्या नहीं है।
  3. वे शोर-शराबे से भी ज़िंदगी जीने को विवश हैं।
  4. श्रवण-कोशिकाएँ क्षतिग्रस्त
  5. कथन (A) सही है परंतु कारण (R) कथन (A) की गलत व्याख्या करता है।
shaalaa.com
अपठित गद्यांश
  या प्रश्नात किंवा उत्तरात काही त्रुटी आहे का?
2022-2023 (March) Outside Delhi Set 1

संबंधित प्रश्‍न

निम्नलिखित अपठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:

          जापानी और चीनी वैज्ञानिकों ने भूकंप आने के कुछ दिन पूर्व जीव-जन्तुओंकी गतिविधियों के आधार पर चेतावनी देने का प्रयत्न किया है। वास्तव में ४ फरवरी, १९७५ को चीन के हाइचेंग क्षेत्र में आए भूकंप का पूर्वानुमान चीनी वैज्ञानिकों ने भूकंप आने के कुछ दिन पूर्व से मेंढकों व साँपों के अपने बिलों से एकाएक बाहर निकल आने, मुर्गियों की बेचैनी और अपने दरबों से दूर भागने तथा कुत्तों के भाैंकने और लगातार इधर-उधर भागने के आधार पर, काफी सफलतापूर्वक किया; परंतु वही वैज्ञानिक सन् १९७६ के विध्वंसक भूकंप की पूर्वसूचना नहीं दे सके। महाराष्ट्र के भूकंप के पूर्व भी वहाँ के निवासियों ने ऐसा दावा किया है कि पालतू पशु विचित्र व्यवहार कर रहे थे। जीव-जन्तुओंके विचित्र व्यवहार के अतिरिक्त, भूकंप पूर्व मिलने वाले कुछ मुख्य संकेत, जिनपर वैज्ञानिक बिरादरी एकमत हैं।

1. उत्तर लिखिए: (2)

चीनी वैज्ञानिकों द्वारा भूकंप आने के पूर्वानुमान लगाने के आधार -

  1. ______
  2. ______

2. 'भूकंप से होने वाली हानि से बचने के उपाय' विषय पर २५ से ३० शब्दों में अपने विचार लिखिए। (2)


निम्नलिखित अपठित गद्यांश पढ़कर सूचना के अनुसार कृतियाँ पूर्ण कीजिए:

           रविशंकर जी भारत के जाने-माने सितार वादक व शास्त्रीय संगीतज्ञ हैं। उन्होंने बोटल्स व विशेष तौर पर जॉर्ज हैरीसन के सहयोग से भारतीय शास्त्रीय संगीत को, विदेशों तक पहुँचाने में अहम भूमिका निभाई थी।

           उनका जन्म ०७ अप्रैल, १९२० को वाराणसी में हुआ। उनके बड़े भाई उदयशंकर एक प्रसिद्ध शास्त्रीय नर्तक थे। प्रारंभ में रविशंकर जी उनके साथ विदेश यात्राओं पर जाते रहे व कई नृत्य-नाटिकाओं में अभिनय भी किया।

           १९३८ में उन्होंने नृत्य कों छोड़कर संगीत को अपना लिया व मेहर घराने के उस्ताद अलाउद्‌दीन खाँ से सितार वादन का प्रशिक्षण लेने लगे। १९४४ में अपनो प्रशिक्षण समाप्त करने के बाद, उन्होंने आई. पी. टी. ए. में दाखिला लिया व बैले के लिए सुमधुर धुनें बनाने लगे। वे ऑल इंडिया रेडियो में वाद्‌यवृंद प्रमुख भी रहे।

           १९५४ में उन्होंने सर्वप्रथम सोवियत यूनियन में पहला विदेशी प्रदर्शन दिया। फिर एडिनबर्ग फेस्टिवल के अतिरिक्त रॉयल फे. स्टिवल हॉल में भी प्रदर्शन किया। १९६० के दर्शक में ब्रीटल्स के साथ काम करके उन्होंने भारतीय शास्त्रीय संगीत की धूम विदेशों तक पहुँचा दी।

           वे १९८६ से १९९२ तक राज्य सभा के मनोनीत सदस्य रहे। १९९९ में उन्हें भारतरत्न से सम्मानित, किया गया। उन्हें पद्मविभूषण, मैग्सेसे, ग्रेमी, क्रिस्टल तथा फूकुओका आदि अनेक पुरस्कार भी प्राप्त हुए।

           उनकी पुत्री अनुष्का का जन्म १९८२ में, लंदन में हुआ। अनुष्का का पालन-पोषण दिल्‍ली व न्यूयार्क में हुआ। अनुष्काने पिता से सितार वादन सीखा व अल्प आयु में ही अच्छा कैरियर बना लिया। वे बहुप्रतिभाशाली कलाकर हैं। उन्होंने पिता को समर्पित करते हुए एक पुस्तक लिखी- ‘बापी, द लव ऑफ माई लाईफ।’ इसके अतिरिक्त उन्होंने एक फिल्म में भरतनाट्यम नर्तकी का रोल भी अदा किया।

           पंडित रविशंकर जी ने अनेक नए रागों की रचना की। सन्‌ २००० में उन्हें तीसरी बार ग्रेमी-पुरस्कार से सम्मानित किया गया। पंडित जी ने सही मायने में पूर्व तथा पश्चिमी संगीत के मध्य एक से हेतु कायम किया है। दिसंबर २०१२ में उनका स्वर्गवास हुआ।

(१) तालिका पूर्ण कीजिए: (२)

रविशंकर जी को प्राप्त पुरस्कार

(१)  
 
(२)   
 
(३)  
 
(४)  

(२) निम्नलिखित शब्दों का लिंग परिवर्तन कीजिए: (२)

  1. नर्तक - ______
  2. माता - ______
  3. पंडिताईन - ______
  4. पुत्र - ______

(३) ‘संगीत का जीवन में महत्व’ इस विषय पर अपने विचार ४० से ५० शब्दों में लिखिए। (२)


निम्नलिखित पठित गद्यांश पर आधारित बहुविकल्पी प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए-

कुछ नहीं पूछ पाए हालदार साहब। कुछ पल चुपचाप खड़े रहे, फिर पान के पैसे चुकाकर जीप में आ बैठे और रवाना हो गए। बार-बार सोचते, क्या होगा उस कौम का जो अपने देश की खातिर घर-गृहस्थी-जवानी-ज़िंदगी सब कुछ होम देनेवालों पर भी हँसती है और अपने लिए बिकने के मौके ढूँढ़ती है। दुखी हो गए। पंद्रह दिन बाद फिर उसी कस्बे से गुज़रे। कस्बे में घुसने से पहले ही खयाल आया कि कस्बे की हृदयस्थली में सुभाष की प्रतिमा अवश्य ही प्रतिष्ठापित होगी, लेकिन सुभाष की आँखों पर चश्मा नहीं होगा। ...क्योंकि मास्टर बनाना भूल गया। ...और कैप्टन मर गया। सोचा, आज वहाँ रुकेंगे नहीं, पान भी नहीं खाएँगे, मूर्ति की तरफ़ देखेंगे भी नहीं, सीधे निकल जाएँगे। ड्राइवर से कह दिया, चौराहे पर रुकना नहीं, आज बहुत काम है, पान आगे कहीं खा लेंगे। लेकिन आदत से मजबूर आँखें चौराहा आते ही मूर्ति की तरफ़ उठ गईं। कुछ ऐसा देखा कि चीखे, रोको! जीप स्पीड में थी, ड्राइवर ने ज़ोर से ब्रेक मारे। रास्ता चलते लोग देखने लगे। जीप रुकते-न-रुकते हालदार साहब जीप से कूदकर तेज़-तेज़ कदमों से मूर्ति की तरफ़ लपके और उसके ठीक सामने जाकर अटेंशन में खड़े हो गए। मूर्ति की आँखों पर सरकंडे से बना छोटा-सा चश्मा रखा हुआ था, जैसा बच्चे बना लेते हैं। हालदार साहब भावुक हैं। इतनी-सी बात पर उनकी आँखें भर आईं।
  1. हालदार साहब क्या सोचकर दुखी हो गए?
    (क) नेता जी की मूर्ति की आँखों पर चश्मा न देखकर
    (ख) देशभक्तों का मज़ाक उड़ाने वाली बिकाऊ कौम को देखकर
    (ग) घर-गृहस्थी, जवानी-ज़िंदगी आदि की बीती हुई बातें सोचकर
    (घ) देश में अलग-अलग कौमों की विचारधारा में बहुत अंतर देखकर

  2. 'सुभाष चंद्र बोस की मूर्ति की आँखों पर चश्मा नहीं होगा...!'  हालदार साहब ऐसा क्यों सोच रहे थे?
    (क) कैप्टन के सारे चश्मे बिक जाने के कारण
    (ख) कैप्टन के गंभीर रूप से बीमार हो जाने के कारण
    (ग) मूर्तिकार मास्टर की भूल और कैप्टन की मृत्यु के कारण
    (घ) नटखट बच्चों द्वारा चश्मा बार-बार उतार दिए जाने के कारण

  3. हालदार साहब की आदत से मजबूर आँखों ने क्या किया?
    (क) चौराहे पर आते ही पान की दुकान खोजने लगीं
    (ख) उन्होंने कैप्टन का स्मरण किया और वे नम हो गईं
    (ग) चौराहे पर आते ही स्वभावतः मूर्ति की ओर उठ गईं
    (घ) बाँस पर चश्मे लगाकर उन्हें बेचते हुए कैप्टन को खोजने लगीं

  4. हालदार साहब क्यों चीख पड़े?
    (क) पानवाले का बदला हुआ व्यवहार देखकर
    (ख) नेता जी की मूर्ति पर सरकंडे का चश्मा लगा देखकर
    (ग) नेता जी की मूर्ति के पास बहुत सारे बच्चों को एकत्र देखकर
    (घ) ड्राइवर के द्वारा उनके आदेश का पालन न किए जाने के कारण

  5. सरकंडे से बना छोटा-सा चश्मा किस बात का प्रतीक था?
    (क) राष्ट्रीय धरोहरों को संरक्षण देने का
    (ख) हस्तकला के प्रति बढ़ रहे अनुराग का
    (ग) देशभक्तों के प्रति श्रद्धा व सम्मान का
    (घ) सरकंडे जैसी वनस्पति को संरक्षित करने का

निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:

आने वाली महिला की तबीयत थोड़ी खराब थी और पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल में उनका इलाज होना था। चूँकि वह मेरी बुआ जी को जानते थे और बुआ जी के छोटे भाई का परिवार पटना में था इसलिए ये तो सोचने की बात नहीं थी कि वह कहाँ रहेंगे। वह बिना किसी पूर्व सूचना के हमारे 'घर पहुँच गए थे। उनकी ट्रेन तो शाम को थी, लेकिन ट्रेन के टाइम से न चलने का बुरा कौन मानता है। ट्रेन पाँच घंटे लेट पहुँची थी और हमारे वह मेहमान बिना खाए-पिए आधी रात में हमारे घरपहुँच गए थे।

फटाफट खाना बना। सोने का जुगाड़ हुआ।
और सुबह उन्हें अस्पताल पहुँचाने का भी।

वे कोई सप्ताह भर हमारे घर रहे। हम खूब घूल-मिल गए। हम रोज ठहाके लगाते, साथ खातेऔर पूरी मस्ती करते। ऐसा लग रहा था, मानो हम सदियों से एक-दूसरे को जानते हों। बुआ जी ने'तिल की मिठाई भेजी थी। दिल्‍ली में उसे गजक कहते हैं, हमारे यहाँ सब तिलकुंट कहते थे। हम सबने तिल और गुड़ की उस मिठाई को खूब मजे लेकर खाया। हमारी बुआ जी सारे संसार का ख्याल रखतीथीं और भाई-भतीजों में तो उनकी आत्मा ही बसती थी।

उन्होंने अपने परिचित भेज दिए, हमने उन्हें रिश्तेदार बना लिया।
आप जानकर हैरान रह जाएँगे कि हम दुबारा कभी उन रिश्तेदारों से नहीं मिल पाए जो उस रातहमारे घर आए थे। लेकिन हम सभी भाई-बहनों के जेहन में उस रिश्ते की याद आज भी ताजा है। हम आज भी उनके आने और अपनी रजाई छिन जाने को याद कर खुश होते हैं।

  1. कृति पूर्ण कीजिए:   [2]
  2. उत्तर लिखिए:     [2]
    1. बुआ जी की आत्मा बसंती थी - __________
    2. आने वाली महिला की तबीयत थी - __________
    3. बुआ जी खयाल रखती थीं - ____________
    4. अतिथि लेखक के घर रहे - __________
  3. 'संयुक्त परिवार' इस विषय पर 30 से 40 शब्दों में अपने विचार लिखिए।     [3]

निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर इसके आधार पर सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प चुनकर लिखिए- 

परिश्रम यानी मेहनत अपना जवाब आप ही है। उसका अन्य कोई जवाब न है, न हो सकता है अर्थात जिस काम के लिए परिश्रम करना आवश्यक हो, हम चाहें कि वह अन्य किसी उपाय से पूरा हो जाए, ऐसा हो पाना कतई संभव नहीं। वह तो लगातार और मन लगाकर परिश्रम करने से ही होगा। इसी कारण कहा जाता है कि 'उद्योगिनं पुरुषसिंहमुपैति लक्ष्मी' अर्थात उद्योग या परिश्रम करने वाले पुरुष सिंहों का ही लक्ष्मी वरण करती है। सभी प्रकार की धन-संपत्तियाँ और सफलताएँ लगातार परिश्रम से ही प्राप्त होती हैं। परिश्रम ही सफलता की कुंजी है, यह परीक्षण की कसौटी पर कसा गया सत्य है। निरंतर प्रगति और विकास की मंज़िलें तय करते हुए हमारा संसार आज जिस स्तर और स्थिति तक पहुँच पाया है, वह सब हाथ पर हाथ रखकर बैठे रहने से नहीं हुआ। कई प्रकार के विचार बनाने, अनुसंधान करने, उनके अनुसार लगातार योजनाएँ बनाकर तथा कई तरह के अभावों और कठिनाइयों को सहते हुए निरंतर परिश्रम करते रहने से ही संभव हो पाया है। आज जो लोग सफलता के शिखर पर बैठकर दूसरों पर शासन कर रहे हैं, आदेश दे रहे हैं, ऐसी शक्ति और सत्ता प्राप्त करने के लिए पता नहीं किन-किन रास्तों से चलकर, किस-किस तरह के कष्ट और परिश्रमपूर्ण जीवन जीने के बाद उन्हें इस स्थिति में पहुँच पाने में सफलता मिल पाई है। हाथ-पैर हिलाने पर ही कुछ पाया जा सकता है, उदास या निराश होकर बैठ जाने से नहीं। निरंतर परिश्रम व्यक्ति को चुस्त-दुरुस्त रखकर सजग तो बनाता ही है, निराशाओं से दूर रख आशा-उत्साह भरा जीवन जीना भी सिखाया करता है।
  1. परीक्षण की कसौटी पर कसे जाने से तात्पर्य है-
    (क) सत्य सिद्ध होना
    (ख) कथन का प्रामाणिक होना
    (ग) आकलन प्रक्रिया तीव्र होना
    (घ) योग्यता का मूल्यांकन होना

  2. 'हाथ-पैर हिलाने से कुछ पाया जा सकता है।' पंक्ति के माध्यम से लेखक ______ की प्रेरणा दे रहे हैं।
    (क) तैराकी
    (ख) परिश्रम
    (ग) परीक्षण
    (घ) हस्तशिल्प

  3. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए -
    1. परिश्रम व्यक्ति को सकारात्मक बनाता है।
    2. आज संसार पतन की ओर बढ़ रहा है।
    3. पुरुषार्थ के बल पर ही व्यक्ति धनार्जन करता है।
      उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा /कौन-से कथन सही है / हैं?

      (क) केवल (i)
      (ख) केवल (ii)
      (ग) (i) और (iii)
      (घ) (ii) और (iii)
  4. निम्नलिखित में से कौन-सा शब्द गद्यांश में दिए गए 'अनुसंधान' शब्द के सही अर्थ को दर्शाता है-
    (क) परीक्षण
    (ख) योजनाएँ
    (ग) अन्वेषण
    (घ) सिंहमुपैति
  5. निम्नलिखित में से किस कथन को गद्यांश की सीख के आधार पर कहा जा सकता है -
    (क) अल्पज्ञान खतरनाक होता है।
    (ख) गया समय वापस नहीं आता है।
    (ग) मेहनत से कल्पना साकार होती है।
    (घ) आवश्यकता आविष्कार की जननी है।

निम्नलिखित अपठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:

             हमेशा यह कहा जाता है कि जीवन में जितनी भी तकलीफ हो, पीड़ा हो, दुख हो, कष्ट हो, हमें बहुत धैर्यपूर्वक इन सभी का प्रतिकार करना चाहिए। दुख के समय या विपत्ति के समय हमें बहुत शांत रहकर इनको सहन करना चाहिए, क्योंकि संसार में यह धारणा बहुत साफ दिखती है कि व्यक्ति अपने मन की व्यथा को खुद संभालकर रखे, नहीं तो वह उपहास का पात्र भी बन सकता है। यदि हम अपने मन की बातों या दुख होने पर इसे समाज के साथ बाँटते हैं, तो कुछ लोग इस पर ध्यान नहीं देते, अपितु वह इन्हें एक सामान्य सी बात कहकर मजाक भी बना डालते हैं। अत: कहा भी गया है-

रहिमन निज मन की व्यथा, मन में राखो गोय।
सुनि इठलैहैं लोग सब, बाटि न लैहैं कोय।।

(1) उत्तर लिखिए- (2)

समाज में लोगों की विशेषताएँ-

  1. ______
  2. ______

(2) मन की प्रवृत्ति पर अपने विचार 25 से 30 शब्दों में लिखिए। (2)


निम्नलिखित अपठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:

            अंजुना बीच नीले पानीवाला, पथरीला बहुत ही खूबसूरत हैं। इसके एक ओर लंबी-सी पहाड़ी है, जहाँ से बीच का मनोरम दृश्य देखा जा सकता है। समुद्र तक जाने के लिए थोड़ा नीचे उतरना पड़ता है। नीला पानी काले पत्थरों पर पछाड़ खाता रहता है। पानी ने काट-काटकर इन पत्थरों में कई छेद कर दिए हैं जिससे ये पत्थर कमजोर भी हो गए हैं। साथ ही समुद्र के काफी पीछे हट जाने से कई पत्थरों के बीच में पानी भर गया है। इससे वहाँ काई ने अपना घर बना लिया है। फिसलने का डर हमेशा लगा रहता है, लेकिन संघर्षों में ही जीवन है, इसलिए यहाँ घूमने का भी अपना अलग आनंद है। यहाँ युवाओं का दल तो अपनी मस्ती में डूबा रहता है, लेकिन परिवार के साथ आए पर्यटकों का ध्यान अपने बच्चों को खतरों से सावधान रहने के दिशानिर्देश देने में ही लगा रहता है। मैंने देखा कि समुद्र किनारा होते हुए भी बेनालियम बीच तथा अंजुना बीच का अपना-अपना सौंदर्य है। बेनालियम बीच रेतीला तथा उथला है। यह मछुआरों की पहली पसंद है।

(1) विशेषताएँ लिखिए: (2)

अंजुना बीच बेनालियम बीच
(i) ______ (i) ______
(ii) ______ (ii) ______

(2) निम्नलिखित विधान सही अथवा गलत पहचानकर लिखिए: (2)

  1. पानी ने काट-काटकर इन पत्थरों में कई छेद नहीं कर दिए हैं।
  2. समुद्र तक जाने के लिए थोड़ा नीचे उतरना पड़ता है।
  3. बेनालियम बीच नीले पानीवाला है।
  4. अंजुना बीच पर फिसलने का डर हमेशा लगा रहता है।

(3) ‘संघर्षों में ही जीवन है’- इस विषय पर अपने विचार 25 से 30 शब्दों में लिखिए। (2)


निम्नलिखित अपठित गद्यांश पढ़कर सूचना के अनुसार कृतियाँ पूर्ण कीजिए:

          एक बार अंग्रेजी के मशहूर साहित्यसेवी डॉ. जॉनसन के पास उनका एक मित्र आया और अफसोस जाहिर करने लगा कि उसे धार्मिक ग्रंथ पढ़ने के लिए समय ही नहीं मिलता।

          “क्यों?” डॉ. जॉनसन ने फौरन पूछा।

           “आप ही देखिए, दिन-रात मिलाकर सिर्फ चौबीस घंटे होते हैं, इसमें से आठ घंटे तो सोने में निकल जाते हैं।”

          “पर यह बात सब ही के लिए लागू है।” डॉ. जॉनसन ने कहा।

          “और करीब आठ ही घंटे ऑफिस में काम करना पड़ता है।”

           “और बाकी आठ घंटे?” डॉ. जॉनसन ने पूछा।

          “इन्हीं आठ घंटों में खाना-पीना, हजामत बनाना, नहाना-धोना, ऑफिस आना-जाना, मित्रों से मिलना-जुलना, चिट्ठी-पत्री का जबाब देना, इत्यादि कितने काम रहते हैं। मैं तो बड़ा परेशान हूँ।”

          “तब तो मुझे भी अब भूखों मरना पड़ेगा।” डॉ. जॉनसन एक गहरी साँस लेकर बोले।

          “क्यों? क्यों?” उनके मित्र ने तुरंत पूछा।

          “मैं काफी खाने वाला आदमी हूँ और अन्न उपजाने के लिए दुनिया में एक चौथाई ही तो जमीन है, तीन-चौथाई तो पानी ही है और संसार में मेरे जैसे करोड़ों लोग हैं जिन्हें अपना पेट भरना पड़ता है।”

          “पर इतने लोगों के लिए फिर तो भी जमीन काफी है।”

          “काफी कहाँ है? इस एक-चौथाई जमीन में कितने पहाड़ हैं, ऊबड़-खाबड़ स्थल हैं, नदी-नाले हैं, रेगिस्तान और बंजर भूमि हैं। अब मेरा भी कैसे निभ सकेगा भगवान! मित्र महोदय बड़ी हमदर्द के साथ डॉ. जॉनसन को दिलासा देने लगे कि उन्हे परेशान होने की बिल्कुल जरूरत नहीं है। दुनिया में करोड़ों लोग रहते आए हैं और उन्हें सदा अन्न मिलता ही रहा है।”

(१) तालिका पूर्ण कीजिए: (२)

(२) परिच्छेद में आए हुए शब्दयुग्म के कोई भी चार उदाहरण ढूँढ़कर लिखिए: (२)

  1. ______
  2. ______
  3. ______
  4. ______

(३) ‘समय अनमोल है’ इस विषय पर अपने विचार ४० से ५० शब्दों में लिखिए। (२)


निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर उस पर आधारित प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए -

कोलकाता भी दूसरे बड़े शहरों की तरह एक बड़ी नदी के किनारे बसा है। गंगा से निकली एक धारा ही है हुगली नदी। लेकिन दूसरे कई नगरों की तरह कोलकाता में नदी का बहाव एकतरफा नहीं है। हुगली ज्वारी नदी है और बंगाल की खाड़ी से उसका मुहाना 140 किलोमीटर की दूरी पर ही है। हर रोज़ ज्वार के समय समुद्र नदी के पानी को वापस कोलकाता तक ठेलता है। ज्वार और भाटे के बीच जल स्तर एक ही दिन में कई फुट ऊपर-नीचे हो जाता है।

शहर के पश्चिम में बहने वाली हुगली नदी में कोलकाता अपना मैला पानी बहाकर उसे भुला नहीं सकता। नीचे बह जाने की बजाए क्या पता ज्वार के पानी के साथ अपशिष्ट पदार्थ वापस शहर लौट आएँ? शहर के कुल मैले पानी का एक छोटा-सा हिस्सा ही हुगली में बहाया जाता है, वह भी चोरी-छिपे। इसका परिणाम यह है कि कोलकाता में हुगली अधिक दूषित नहीं है। लेकिन हर बड़े शहर को अपना मैला पानी फेंकने के लिए एक नदी चाहिए। तो फिर कोलकाता का मैला कहाँ जाता है?

हुगली से उल्टी दिशा में, शहर के पूरब में बहने वाली एक छोटी-सी नदी कुल्टीगंग में। पर नदी तक पहुँचने के पहले इस मैले पानी के बड़े हिस्से का उपचार होता है। कुल्टीगंग में गिरने वाला मैला पानी उतना दूषित नहीं होता है जितना वह शहर से निकलते समय होता है। यहाँ मैले पानी की सफाई का तरीका भी दूसरे शहरों से निराला है। कोई 30,000 एकड़ में फैले तालाब और खेत कोलकाता के कुल मैले पानी का दो-तिहाई हिस्सा साफ करते हैं। यही नहीं, इससे कई हज़ार लोगों को रोज़गार मिलता है मैले पानी से मछलियाँ, सब्जियाँ और धान उगाकर।

इसका एक कारण है यहाँ का अनूठा भूगोल, जो बना है गंगा के मुहाने पर होने वाले मिट्टी और पानी के प्राकृतिक खेल से। पता नहीं कब से गंगा की बड़ी धार यहाँ से बहकर बंगाल की खाड़ी में विसर्जित होती थी। पर यह संगम केवल गंगा और बंगाल की खाड़ी भर का नहीं रहा है। छोटी-बड़ी कई नदियों की कई धाराएँ हिमालय की मिट्टी गाद या साद के रूप में लाकर यहाँ जमा करती रही हैं। कह सकते हैं कि यहाँ हिमालय और समुद्र मिलते हैं।

  1. कोलकाता में बहने वाली किन-किन नदियों का उल्लेख अनुच्छेद में हुआ है?
    1. गंगा, कुल्टीगंग, यमुना
    2. गंगा, हुगली, उल्टीगंगा
    3. गंगा, यमुना, हुगली
    4. हुगली, गंगा, कुल्टीगंग
  2. गद्यांश आधारित निम्नलिखित कथनों को पढ़कर सही विकल्प का चयन कीजिए -
    कथन 
    (क) हुगली नदी में जल-स्तर ज्वार और भाटे के अनुरूप ऊपर-नीचे होता रहता है।
    (ख) कुल्टीगंग कोलकाता के पूरब में बहती है।
    (ग) कोलकाता की अधिकतर नदियाँ उल्टी दिशा की ओर बहती हैं।
    विकल्प
    1. कथन (क) सही है।
    2. कथन (क) और (ख) सही हैं।
    3. कथन (ख) और (ग) सही हैं।
    4. कथन (ग) और (क) सही हैं।
  3. कुल्टीगंग में गिरने वाला कोलकाता का मैला पानी उतना दूषित क्यों नहीं होता?

    1. क्योंकि वह पहले हुगली नदी में जाता है।
    2. कोलकाता के लोग पानी मैला नहीं करते।
    3. नदी में गिरने से पूर्व खेतों और तालाबों से उपचारित होता है।
    4. क्योंकि कुल्टीगंग स्वयं ही गंदगी को उपचारित कर लेती है।
  4. निम्नलिखित कथन (A) और कारण (R) को पढ़कर उपयुक्त विकल्प चुनिए -
    कथन (A): कोलकाता के बंगाल में बंगाल की खाड़ी में हिमालय और समुद्र मिलते हैं।
    कारण (R): यहाँ गंगा और अन्य नदियाँ मिट्टी गाद या साद इकट्ठा करती हैं।

    1. कथन (A) गलत है पर कारण (R) सही है।
    2. कथन (A) सही है पर कारण (R) गलत है।
    3. कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं।
    4. कथन (A) और कारण (R) दोनों गलत हैं।
  5. कोलकाता हुगली नदी में अपना मैला पानी क्यों नहीं बहा सकता?

    1. शहर में हुगली को पवित्र मानकर उसकी पूजा की जाती है।
    2. हुगली एक छोटी नदी है, मैला पानी बहाने लायक नहीं है।
    3. हुगली में समुद्र पानी वापस भेजता है, अपशिष्ट लौट सकता है।
    4. हुगली पश्चिम में बहती है, अपशिष्ट उस ओर लाना कठिन है।

निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर इसके आधार पर सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प चुनकर लिखिए -

    आदमी की पहचान उसकी भाषा से होती है और भाषा संस्कार से बनती है। जिसके जैसे संस्कार होंगे, वैसी उसकी भाषा होगी। जब कोई आदमी भाषा बोलता है, तो साथ में उसके संस्कार भी बोलते हैं। यही कारण है कि भाषा शिक्षक का दायित्व बहुत गुरुतर और चुनौतीपूर्ण है। परंपरागत रूप में शिक्षक की भूमिका इन तीन कौशलों - बोलना, पढ़ना और लिखना तक सीमित कर दी गई है। केवल यांत्रिक कौशल किसी जीती-जागती भाषा का उदाहरण नहीं हो सकते हैं। सोचना और महसूस करना दो ऐसे कारक हैं, जिनमें भाषा सही आकार पाती है। इनके बिना भाषा, भाषा नहीं है, इनके बिना भाषा संस्कार नहीं बन सकती, इनके बिना भाषा युगों-युगों का लंबा सफ़र तय नहीं कर सकती, इनके बिना कोई भाषा किसी देश या समाज की धड़कन नहीं बन सकती। केवल संप्रेषण ही भाषा नहीं है। दर्द और मुस्कान के बिना कोई भाषा जीवंत नहीं हो सकती।

    भाषा हमारे समाज के निर्माण, विकास, अस्मिता, सामाजिक व सांस्कृतिक पहचान का भी महत्वपूर्ण साधन है। भाषा के बिना मनुष्य पूर्ण नहीं है। भाषा में ही हमारे भाव राज्य, संस्कार, प्रांतीयता झलकती है। इस झलक का संबंध व्यक्ति की मानवीय संवेदना और मानसिकता से भी होता है। जिस व्यक्ति के जीवन का उद्देश्य और मानसिकता जिस स्तर की होगी, उसकी भाषा के शब्द और मुख्यार्थ भी उसी स्तर के होंगे। साहित्यकार ऐसी भाषा को आधार बनाते हैं, जो उनके पाठकों एवं श्रोताओं की संवेदना के साथ एकाकार करने में समर्थ हों।

  1. आदमी की पहचान उसकी भाषा से होती है, क्योंकि -
    (A) मनुष्य की पूर्णता भाषा द्वारा ही संभव है।
    (B) व्यक्ति के मनोभाव भाषा से ही व्यक्त होते हैं।
    (C) भाषा का प्रचार और विकास कोई रोक नहीं सकता।
    (D) दर्द और मुस्कान के बिना भाषा जीवित नहीं हो सकती।
  2. निम्नलिखित कथन (A) तथा कारण (R) को ध्यानपूर्वक पढ़िए। उसके बाद दिए गए विकल्पों में से कोई एक सही विकल्प चुनकर लिखिए।
    कथन (A): जब कोई आदमी बोलता है, तो साथ में उसके संस्कार भी बोलते हैं।
    कारण (R): भाषा शिक्षक का दायित्व बहुत चुनौतीपूर्ण होता है, क्योंकि उसे कौशलों का विकास करना होता है।
    (A) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों गलत है।
    (B) कथन (A) गलत है, लेकिन कारण (R) सही है।
    (C) कथन (A) सही है, लेकिन कारण (R) उसकी गलत व्याख्या करता है।
    (D) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों सही हैं तथा कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या करता है।
  3. गद्यांश में साहित्यकार द्वारा किए गए कार्य का उल्लेख इनमें से कौन-से विकल्प से ज्ञात होता है -
    (A) साहित्य समाज का दर्पण है।
    (B) साहित्यकार साहित्य सृजन में व्यस्त रहता है।
    (C) साहित्यकार सामाजिक व सांस्कृतिक पहचान बनाता है।
    (D) साहित्यकार जन सामान्य की अस्मिता का परिचायक होता है।
  4. 'दर्द और मुसकान के बिना भाषा जीवंत नहीं हो सकती।' लेखक द्वारा ऐसा कथन दर्शाता है -
    (A) यथार्थ की समझ
    (B) सामाजिक समरसता
    (C) साहित्य-प्रेम
    (D) भाषा कौशल
  5. भाषा तब सही आकार पाती है, जब -
    (A) मनुष्य निरंतर उसका अभ्यास करता रहता है।
    (B) भाषा को सरकारी समर्थन भी प्राप्त होता है।
    (C) भाषा सामाजिक संस्थाओं से प्रोत्साहन प्राप्त करती है।
    (D) भाषायी कौशलों के साथ मनुष्य सोचता और महसूस भी करता है।

निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर इसके आधार पर सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प चुनकर लिखिए -

    साहित्य को समाज का प्रतिबिंब माना गया है अर्थात समाज का पूर्णरूप साहित्य में प्रतिबिंबित होता रहता है। अनादि काल से साहित्य अपने इसी धर्म का पूर्ण निर्वाह करता चला आ रहा है। वह समाज के विभिन्न रूपों का चित्रण कर एक ओर तो हमारे सामने समाज का यथार्थ चित्र प्रस्तुत करता है और दूसरी ओर अपनी प्रखर मेधा और स्वस्थ कल्पना द्वारा समाज के विभिन्न पहलुओं का विवेचन करता हुआ यह भी बताता है कि मानव समाज की सुख-समृद्धि, सुरक्षा और विकास के लिए कौन-सा मार्ग उपादेय है? एक आलोचक के शब्दों में - "कवि वास्तव में समाज की व्यवस्था, वातावरण, धर्म-कर्म, रीति-नीति तथा सामाजिक शिष्टाचार या लोक व्यवहार से ही अपने काव्य के उपकरण चुनता है और उनका प्रतिपादन अपने आदर्शों के अनुरूप करता है।”

     साहित्यकार उसी समाज का प्रतिनिधित्व करता है, जिसमें वह जन्म लेता है। वह अपनी समस्याओं का सुलझाव, अपने आदर्श की स्थापना अपने समाज के आदर्शों के अनुरूप ही करता है। जिस सामाजिक वातावरण में उसका जन्म होता है, उसी में उसका शारीरिक, बौद्धिक और मानसिक विकास भी होता है। अत: यह कहना सर्वथा असंभव और अविवेकपूर्ण है कि साहित्यकार समाज से पूर्णतः निरपेक्ष या तटस्थ रह कर साहित्य सृजन करता है। वाल्मीकि, तुलसी, सूर, भारतेंदु , प्रेमचंद आदि का साहित्य इस बात का सर्वाधिक सशक्त प्रमाण है कि साहित्यकार समाज से घनिष्ठ रूप से संबंध रखता हुआ ही साहित्य सृजन करता है। समाज की अवहेलना करने वाला साहित्य क्षणजीवी होता है।

  1. साहित्य समाज का प्रतिबिंब है क्योंकि यह -
    (A) समाज की वास्तविकता का द्योतक है।
    (B) समाज में लोक व्यवहार का समर्थक है।
    (C) व्यक्ति की समस्याओं का निदान करता है।
    (D) साहित्य को दिशा प्रदान करता है।
  2. गद्यांश दर्शाता है -
    (A) समाज एवं साहित्य का पारस्परिक संबंध
    (B) समाज एवं साहित्य की अवहेलना
    (C) साहित्यकार की सृजन शक्ति
    (D) सामाजिक शिष्टाचार एवं लोक व्यवहार
  3. साहित्य की क्षणभंगुरता का कारण होगा -
    (A) सामाजिक अवज्ञा
    (B) सामाजिक समस्या
    (C) सामाजिक सद्भाव
    (D) सामाजिक समरसता
  4. वाल्मीकि, तुलसी, सूर के उदाहरण द्वारा लेखक चाहता है -
    (A) भाव साम्यता
    (B) प्रत्यक्ष प्रमाण
    (C) सहानुभूति
    (D) शिष्टाचार
  5. निम्नलिखित कथन (A) तथा कारण (R) को ध्यानपूर्वक पढ़िए। उसके बाद दिए गए विकल्पों में से कोई एक सही विकल्प चुनकर लिखिए।
    कथन (A) - कवि अपने काव्य के उपकरणों का प्रतिपादन अपने आदर्शों के अनुरूप करता है।
    कारण (R) - कवि हृदय अत्यधिक संवेदनशील होता है एवं सदैव देशहित चाहता है।
    (A) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों गलत है।
    (B) कथन (A) गलत है लेकिन कारण (R) सही है।
    (C) कथन (A) सही है लेकिन कारण (R) उसकी गलत व्याख्या करता है।
    (D) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों सही हैं तथा कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या करता है।

निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्‍प चुनकर लिखिए:

    कृषि में हरी खाद उस सहायक फ़सल को कहते हैं जिसकी खेती मुख्यतः भूमि में पोषक तत्त्वों को बढ़ाने तथा उसमें जैविक पदार्थों की पूर्ति करने के उद्देश्य से की जाती है। प्रायः इस तरह की फ़सल को हरित स्थिति में हल चलाकर मिट्टी में मिला दिया जाता है। हरी खाद से भूमि की उपजाऊ शक्ति बढ़ती है और भूमि की रक्षा होती है। मृदा के लगातार उपयोग से उसमें उपस्थित पौधे की बढ़वार के लिए आवश्यक तत्त्व नष्ट होते जाते हैं। इनकी क्षतिपूर्ति के लिए और मिट्टी की उपजाऊ शक्ति को बनाए रखने के लिए हरी खाद एक उत्तम विकल्प है। बिना गले-सड़े हरे पौधे (फ़सलों अथवा उनके भाग) को जब मिट्टी की नत्रजन या जीवांश की मात्रा बढ़ाने के लिए खेत में दबाया जाता है तो इस क्रिया को हरी खाद देना कहते हैं।
हरी खाद के उपयोग से न सिर्फ़ जीवांश भूमि में उपलब्ध होता है बल्कि मृदा की भौतिक, रासायनिक एवं जैविक दशा में भी सुधार होता है। वातावरण तथा भूमि प्रदूषण की समस्या को समाप्त किया जा सकता है। लागत घटने से किसानों की आर्थिक स्थिति बेहतर होती है, भूमि में सूक्ष्म तत्त्वों की आपूर्ति होती है साथ ही साथ मृदा की उर्वरा शक्ति भी बेहतर हो जाती है।

  1. हरी खाद का उपयोग खेतों में क्यों किया जाना चाहिए?
    (a) रासायनिक खाद की महँगी लागत से बचने के लिए।
    (b) रासायनिक खाद के ज़हर से बचने के लिए।
    (c) खेती के पारंपरिक तरीकों को बढ़ावा देने के लिए।
    (d) मिट्टी की उर्वरता और गुणवत्ता बढ़ाने के लिए।
  2. मिट्टी का उपजाऊपन कैसे कम हो जाता है?
    (a) रासायनिक खाद के उपयोग से।
    (b) समय पर वर्षा न होने से।
    (c) मिट्टी के निरंतर उपयोग से।
    (d) तेज़ आँधी-तूफान के आने से।
  3. 'हरी खाद देना' क्रिया कहा जाता है:
    (a) खेतों में हरे रंग की खाद का प्रयोग करने को।
    (b) खेतों में ताज़ी खाद का प्रयोग करने को।
    (c) गलने-सड़ने से पूर्व सहायक फसल को खेतों में दबाने को।
    (d) गलने-सड़ने के बाद सहायक फ़सल को खेतों में दबाने को।
  4. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
    (I) हरी खाद के उपयोग से भूमि में नमी बढ़ती है।
    (II) हरी खाद के उपयोग से भूमि की उर्वरता बढ़ती है।
    (III) हरी खाद के उपयोग से वातावरण शुद्ध होता है।
    (IV) हरी खाद के उपयोग से मिट्टी में जीवांश बढ़ते हैं।
    उपयुक्त कथनों में से कौन-सा/कौन-से कथन सही है/हैं?
    (a) केवल (II)
    (b) केवल (I)  
    (c) (I), (II) और (IV)
    (d) (II), (III) और (IV)
  5. निम्नलिखित कथन (A) तथा कारण (R) को ध्यानपूर्वक पढ़िए, उसके बाद दिए गए विकल्पों में से कोई एक सही विकल्प चुनकर लिखिए:
    कथन (A) - मिट्टी की उपजाऊ शक्ति को बनाए रखने के लिए हरी खाद एक उत्तम विकल्प है।
    कारण (B) - हरी खाद से मृदा की भौतिक, रासायनिक एवं जैविक दशा में सुधार होता है और लागत घटती है।
    (a) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों गलत हैं।
    (b) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों सही हैं।
    (c) कथन (A) सही है तथा कारण (R) उसकी गलत व्याख्या करता है।
    (d) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों सही हैं, तथा कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या करता है।

निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले बिकल्प चुनकर लिखिए:

     अनुभवी व्यक्तियों का कहना है, लक्ष्य चुनना ही काफ़ी नहीं होता, बल्कि उसे जितनी जल्दी चुना जाए, उतना ही बेहतर है। कई बड़े का बिल लोग लक्ष्य चुनने में इतनी देर कर देते हैं कि उसे हासिल करने के लिए जीवन में समय ही नहीं बचता। इसीलिए स्कूली स्तर पर ही भाषा, गणित, विज्ञान समेत सभी विषयों के साथ-साथ खेल-कूद, नृत्य-संगीत जैसी विधाओं को भी पाठ्यक्रमों से जोड़ा जाता है, ताकि कच्ची उम्र से ही बच्चे अपनी रुचि के अनुरूप जीवन का लक्ष्य तय कर उस दिशा में आगे बढ़ सकें। मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि अपने शौक को लक्ष्य और फिर पेशे के रूप में चुनने से सफ़लता सुनिश्चित हो जाती है, क्योंकि इन्हें हासिल करने में इंसान अपना दिल, दिमाग और ताक़त लगा देता है। लक्ष्य-निर्धारण में देरी का अर्थ ही दूसरों से पिछड़ना है। आमतौर पर बच्चे कहते हैं कि मैं बड़ा होकर डॉक्टर, इंजीनियर या आई.ए.एस. बनूँगा, लेकिन इससे आगे बढ़ने का प्रयास नहीं करते। स्वर कोकिला लता मंगेशकर ने तो किशोरावस्था में ही गायिका बनने का प्रयास शुरू कर दिया था और इतिहास रच दिया। तय है, लक्ष्य के साथ जीना सीखने वाले मुडकर नहीं देखते। कई सारे उदाहरण हैं, जो बताते हैं कि सफ़लता का बड़ा हिस्सा लक्ष्य-निर्धारण में जल्दी या देरी पर टिका है। महज़ आठ वर्ष की आयु में अमेरिकी तैराक माइकल फेलप्स ने तैराकी में ओलिम्पिक पदक जीतने का लक्ष्य साधा और आगे चलकर कुल अट्ठाईस पदक जीतकर ओलिम्पिक रिकॉर्ड कायम कर दिया। शिवाजी महाराज ने कहा था 'एक छोटा कदम लक्ष्य-निर्धारण की ओर बाद में सम्पूर्ण लक्ष्य हासिल करा देता है।' इसलिए सोच-विचार में समय गँंवाने के बजाए लक्ष्य चुनिए और उड़ान भरना शुरू कीजिए।
  1. अनुभवी व्यक्तियों का लक्ष्य-चयन के विषय में क्या मत है?
    (a) लक्ष्य सोच-विचार कर शीघ्र निर्धारित करना चाहिए।
    (b) लक्ष्य-निर्धारण करने में बड़ों की सलाह लेनी चाहिए।
    (c) लक्ष्य-निर्धारण करने में जल्दबाज़ी नहीं करनी चाहिए।
    (d) लक्ष्य-निर्धारण आर्थिक लाभ को देखकर किया जाना चाहिए।
  2. स्कूली स्तर पर विभिन्‍न विषयों के साथ अन्य विधाओं को पाठ्यक्रम का हिस्सा क्यों बनाया जाता है?
    (a) बच्चों के दिमाग को कुछ समय आराम मिल सके।
    (b) बच्चे रुचि के अनुरूप लक्ष्य निर्धारित कर आगे बढ़ सकें।
    (c) बच्चों को अन्य विधाओं की जानकारी मिल सके ।
    (d) बच्चों का पढ़ाई के साथ-साथ मनोरंजन भी हो सके।
  3. गद्यांश में लेखक ने प्रसिद्ध व्यक्तियों के उदाहरण क्यों दिए हैं?
    (a) उनके जीवन से प्रेरणा प्राप्त करने के लिए।
    (b) सही उम्र में लक्ष-निर्धारण की महत्ता समझाने के लिए।
    (c) उनकी तरह परिश्रम कर महान बनने के लिए।
    (d) उनके जीवन के इतिहास से परिचित कराने के लिए।
  4. गद्यांश में प्रयुक्त 'उड़ान भरना' का अर्थ है:
    (a) सपने देखना
    (b) कल्पना करना
    (c) हवाई यात्रा करना
    (d) कोशिश करना
  5. निम्नलिखित कथन (A) तथा कारण (R) को ध्यानपूर्वक पढ़िए। उसके बाद दिए गए विकल्पों में से कोई एक सही विकल्प चुनकर लिखिए:
    कथन (A) - अपने शौक को लक्ष्य और पेशा बनाने से सफ़लता सुनिश्चित हो जाती है।
    कथन (R) - एक छोटा कदम लक्ष्य-निर्धारण की ओर बाद में सम्पूर्ण लक्ष्य हासिल करा देता है।
    (a) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों गलत हैं।
    (b) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों सही हैं तथा कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या करता है।
    (c) कथन (A) सही है तथा कारण (R) उसकी गलत व्याख्या करता है।
    (d) कथन (A) गलत है कारण (R) सही है।

निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प को चुनकर लिखिए:-

पश्चिमी सभ्यता मुख मोड़ रही है। वह एक नया आदर्श देख रही है। अब उसकी चाल बदलने लगी है। वह कलों की पूजा को छोड़कर मनुष्यों की पूजा को अपना आदर्श बना रही है। इस आदर्श के दर्शाने वाले देवता रस्किन और टालस्टॉय आदि हैं। पाश्चात्य देशों में नया प्रभात होने वाला है। वहाँ के गंभीर विचार वाले लोग इस प्रभात का स्वागत करने के लिए उठ खड़े हुए हैं। प्रभात होने के पूर्व ही उसका अनुभव कर लेने वाले पक्षियों की तरह इन महात्माओं को इस नए प्रभात का पूर्व ज्ञान हुआ है और हो क्यों न? इंजनों के पहिए के नीचे दबकर वहाँ वालों के भाई-बहन ही नहीं, उनकी सारी जाति पिस गई, उनके जीवन के धुरे टूट गए, उनका समस्त धन घरों से निकलकर एक-दो स्थानों में एकत्र हो गया।

साधारण लोग मर रहे हैं, मज़दूरों के हाथ-पाँव फट रहे हैं, लहू बह रहा है! सर्दी से ठिठुर रहे हैं। एक तरफ दरिद्रता का अखंड राज्य है, दूसरी तरफ अमीरी का चरम दृश्य। परंतु अमीरी भी मानसिक दुखों से विमर्दित है। मशीनें बनाई तो गई थीं मनुष्यों का पेट भरने के लिए - मज़दूरों को सुख देने के लिए - परंतु वे काली-काली मशीनें ही काली बनकर उन्हीं मनुष्यों का भक्षण कर जाने के लिए मुख खोल रही हैं। प्रभात होने पर ये काली-काली बलाएँ टूर होंगी। मनुष्य के सौभाग्य का सूर्योदय होगा।

शोक का विषय यह है कि हमारे और अन्य पूर्वी देशों में लोगों को मज़दूरी से तो लेशमात्र भी प्रेम नहीं है, पर वे तैयारी कर रहे हैं पूर्वोक्त काली मशीनों का आलिंगन करने की। पश्चिम वालों के तो ये गले पड़ी हुई बहती नदी की काली कमली हो रही हैं। वे छोड़ना चाहते हैं, परंतु काली कमली उन्हें नहीं छोड़ती। देखेंगे पूर्व वाले इस कमली को छाती से लगाकर कितना आनंद अनुभव करते हैं। यदि हम में से हर आदमी अपनी दस उँगलियों की सहायता से साहसपूर्वक अच्छी तरह काम करे तो हम मशीनों की कृपा से बढ़े हुए परिश्रम वालों को वाणिज्य के जातीय संग्राम में सहज ही पछाड़ सकते हैं। सूर्य तो सदा पूर्व ही से पश्चिम की ओर जाता है। पर आओ पश्चिम से आनेवाली सभ्यता के नए प्रभात को हम पूर्व से भेजें।

इंजनों की वह मज़दूरी किस काम की जो बच्चों, स्त्रियों और कारीगरों को ही भूखा नंगा रखती है और केवल सोने, चाँदी, लोहे आदि धातुओं का ही पालन करती है। पश्चिम को विदित हो चुका है कि इनसे मनुष्य का दुख दिन पर दिन बढ़ता है।

  1. "पाश्चात्य देशों में नया प्रभात होने वाला है।" - पंक्ति में रेखांकित पद का आशय हो सकता है?     1
    1. नया प्रकाश
    2. नया विचार
    3. नया सवेरा
    4. नया प्रभास
  2. संदर्भ के अनुसार गद्यांश में 'विमर्दित' शब्द का सटीक अर्थ क्या हो सकता है?     1
    1. ठगी हुई
    2. ग्लानिपूर्ण
    3. ईर्ष्या पूर्ण
    4. पीड़ा पूर्ण
  3. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए -     1 
    कथन (I): मानवीय दक्षता को महत्त्व देना चाहिए।
    कथन (II): मनुष्य तथा मानवीयता से प्रेम करना चाहिए।
    कथन (III): अपनी चाल को बदल लेना चाहिए।
    कथन (IV): मानव जीवन को आदर्श मानना चाहिए।
    गद्यांश के अनुसार कौन-सा/से कथन सही हैं?
    1. केवल कथन I सही है।
    2. केवल कथन II सही है।
    3. केवल कथन II और III सही हैं।
    4.  केवल कथन I और IV सही हैं।
  4. गद्यांश के अनुसार पूर्वी देशों की समस्या क्या है?     1
    1.  मज़दूरों के लिए अधिकारों की कमी
    2.  मज़दूरों का पूँजी पतियों द्वारा शोषण
    3. मज़दूरी को कम महत्त्व का आंकना
    4. मज़दूरी पर अमीरी का प्रभाव
  5. गद्यांश के अनुसार साधारण लोग क्यों मर रहे हैं?     1
    1. मानव श्रम से ज्यादा मशीनों को महत्त्व मिलने के कारण
    2. हाथ-पाँव फटने, खून रिसने और सर्दी के कारण
    3. कम मज़दूरी मिलने कारण हुई बीमारियों से
    4. कार्य क्षेत्रों के विषैले पर्यावरण व खाने की कमी से
  6. गद्यांश में मशीनों को 'काली मशीनें' कहना किस बात की ओर संकेत करता है?     1
    1. काला रंग शोक का प्रतीक होता है।
    2. मशीनों द्वारा जन साधारण में बेरोज़गारी बढ़ाने के कारण
    3. माँ दुर्गा के अवतार काली के जैसे भक्षण करने के कारण
    4. मशीनों से अमीरों द्वारा काले धन अर्जन करने के कारण
  7. "इंजनों के पहिए के नीचे दबकर वहाँ वालों के....." इस प्रक्रिया के क्या परिणाम हुए?     1
    1. आर्थिक संपदा का अनुचित वितरण
    2. भाई बहनों व अन्य रिश्तेदारों में दुराव
    3. समस्त जाति द्वारा कठिन परिश्रम
    4. मशीनों द्वारा मनुष्यों का संरक्षण 
  8. रस्किन और टालस्टॉय का महत्त्व है क्योंकि इन्होनें ______ ।   1
    1. पूर्वी देशों में साम्राज्यवाद के विरुद्ध आवाज़ उठाई थी।
    2. मानवीय संवेदनाओं एवं गुणों को महत्त्व दिया था।
    3. धार्मिक कट्टरता के प्रति चेतना जगाई थी।
    4. गाँधी जी इन दोनों के विचारों से अत्याधिक प्रभावित थे।
  9. मनुष्य के सौभाग्य का सूर्योदय कब होगा?     1
    1. मज़दूरों द्वारा क्रांति करने से
    2. मशीनों के हट जाने से
    3. सभी लोगों को काम मिलने से
    4. मानवीय दक्षताओं को महत्त्व मिलने से
  10. मनुष्य के दुख में निरंतर वृद्धि का क्या कारण बताया गया है?     1
    1. मशीनों पर अत्यधिक आश्रित हो जाना
    2. मानवीय दक्षता की आलोचना
    3. पूँजी पतियों द्वारा गरीबों का शोषण
    4. काली मशीनों द्वारा मनुष्यों का भक्षण

निम्नलिखित अपठित गद्यांश पढ़कर सूचना के अनुसार कृतियाँ पूर्ण कीजिए:

सौरमंडल के सबसे बड़े ग्रह बृहस्पति के बाद शनि ग्रह की कक्षा है। शनि सौरमंडल का दूसरा बड़ा ग्रह है। यह हमारी पृथ्वी के करीब 750 गुना बड़ा है। शनि के गोले का व्यास 116 हज़ार किलोमीटर है; अर्थात्‌, पृथ्वी के व्यास से करीब नौ गुना अधिक।

सूर्य से शनि ग्रह की औसत दूरी 143 करोड़ किलोमीटर है। यह ग्रह प्रति सेकंड 9.6 किलोमीटर की औसत गति से करीब 30 वर्षों में सूर्य का एक चक्कर लगाता है। अत: 90 साल का कोई बूढ़ा आदमी यदि शनि ग्रह पर पहुँचेगा, तो उस ग्रह के अनुसार उसकी उम्र होगी सिर्फ तीन साल!

हमारी पृथ्वी सूर्य से करीब 15 करोड़ किलोमीटर दूर है। तुलना में शनि ग्रह दस गुना अधिक दूर है। इसे दूरबीन के बिना कोरी आँखों से भी आकाश में पहचाना जा सकता है। पुराने ज़माने के लोगों ने इस पीले चमकीले ग्रह को पहचान लिया था। प्राचीन काल के ज्योतिषियों को सूर्य, चंद्र और काल्पनिक राहु-केतु के अलावा जिन पाँच ग्रहों का ज्ञान था उनमें शनि सबसे अधिक दूर था। 

शनि को 'शनैश्वर' भी कहते हैं। आकाश के गोल पर यह ग्रह बहुत धीमी गति से चलता दिखाई देता है, इसीलिए प्राचीन काल के लोगों ने इसे 'शनैःचर नाम' दिया था। 'शनैःचर' का अर्थ होता है - धीमी गति से चलने वाला। 

  1. तालिका पूर्ण कीजिए:     [2]
    प्राचीन ज्योतिषियों को इन ग्रहों का ज्ञान था। 
     
     
     
     
  2. परिच्छेद में आए हुए शब्दों के लिंग पहचानकर लिखिए:    [2]
    1. शनि - ______
    2. दूरबीन - ______
    3. पृथ्वी - ______
    4. आकाश - ______
  3. 'अंतरिक्ष यात्रा' इस विषय पर ४० से ५० शब्दों में अपने विचार लिखिए।      [2]  

निम्नलिखित गद्यांश पढ़कर ऐसे चार प्रश्न तैयार कीजिए, जिनके उत्तर गद्यांश में एक-एक वाक्य में हों:

स्वाधीन भारत में अभी तक अंग्रेजी हवाओं में कुछ लोग यह कहते मिलेंगे – जब तक विज्ञान और तकनीकी ग्रंथ हिंदी में न हो तब तक कैसे हिंदी में शिक्षा दी जाए। जब कि स्वामी श्रद्धानंद स्वाधीनता से भी चालीस साल पहले गुरुकुल काँगड़ी में हिंदी के माध्यम से विज्ञान जैसे गहन विषयों की शिक्षा दे रहे थे। ग्रंथ भी हिंदी में थे और पढ़ाने वाले भी हिंदी के थे। जहाँ चाह होती है वहीं राह निकलती है। एक लंबे अरसे तक अंग्रेज गुरुकुल काँगड़ी को भी राष्ट्रीय आंदोलन का अभिन्न अंग मानते रहे। इसमें कोई संदेह भी नहीं कि गुरुकुल के स्नातकों में स्वाधीनता की अजीब तड़प थी। स्वामी श्रद्धानंद जैसा राष्ट्रीय नेता जिस गुरुकुल का संस्थापक हो और हिंदी शिक्षा का माध्यम हो; वहीं राष्ट्रीयता नहीं पनपेगी तो कहाँ पनपेगी।

निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर इस पर आधारित प्रश्नों के सर्वाधिक वाले विकल्प चुनकर लिखिए।

अठारह साल के युवा ग्रैंडमास्टर आर. प्रज्ञाननंदा इन दिनों छाए हुए हैं। पाँच बार विश्व चैंपियन रहे मैग्नस कार्लसन के साथ शतरंज वर्ल्ड कप का अंतिम मुकाबला भले ही वह नहीं जीत पाए। पर, कम उम्र में ही सफलता और उम्मीदों का भारी ताज वह पहन चुके हैं। उनकी सादगी, शालीनता पसंद की जा रही है। अच्छी बात है कि वे हार-जीत दोनों में सहज दिखते हैं। बीते साल एक ऑनलाइन शतरंज टूर्नामेंट में कार्लसन को हराने के बाद प्रज्ञान ने कमाल बात कही। उन्होंने कहा, 'यह केवल एक जीत है, कोई अंतिम नहीं। आगे कई चुनौतियाँ हैं। बहुत कुछ करना है। यही हार के साथ होता है। किसी एक हार से सब खत्म नहीं हो जाता।'

अब सवाल यह है क्या अपनी सफलता की खुशी मनाना गलत है? माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक बिल गेट्स कहते हैं, 'सफलता की खुशी मनाने में हर्ज नहीं है। पर ज्यादा जरूरी है कि हम असफलताओं के सबक पर भी ध्यान देते रहें।'

सफलता के साथ बहुत कुछ बदलता है। कभी हम बदल जाते हैं तो कभी दूसरे। कितनी ही बार तो हमें अपने से आगे दिखना ही बंद हो जाता है। इस कारण कभी हम अतिआत्मविश्वास के शिकार होकर जरूरी मेहनत नहीं करते, तो कभी दूसरों से हमारे रिश्ते खराब हो जाते हैं। ऐसे में सबसे पहले अपने घमंड और आक्रामक होने की इच्छा को काबू करना जरूरी हो जाता है।

कितनी ही प्रतिभाएँ एक-दो बड़ी जीत की चमक-धमक में ही अटक कर रह जाती है। या समझ नहीं आता कि आगे क्या? ऐसे में सहजता ही हमारी उपलब्धियों के कद को बढ़ाती है। हम विनम्र रहें, सफलता की चाह हो और मेहनत करने में आगे रहें। ध्यान प्रक्रिया पर हो । हम नतीजा भले ही हार जाएँ, पर हमारा उत्साह हमेशा बना रहे।

  1. निम्नलिखित कथन तथा कारण को ध्यानपूर्वक पढ़िए। उसके बाद दिए गए विकल्प में से कोई एक सही विकल्पों चुनकर लिखिए।    [1]   

    कथन:
    सफलता के मद में हमें अपने से आगे दिखना ही बंद हो जाता है।
    कारण: हम अति आत्मविश्वास के शिकार होकर जरूरी मेहनत नहीं करते।
    1. कथन तथा कारण दोनों गलत हैं।
    2. कथन गलत हैं लेकिन कारण सही है।
    3. कथन सही है लेकिन कारण उसकी गलत व्याख्या करता है।
    4. कथन तथा कारण दोनों सही हैं तथा कारण, कथन की सही व्याख्या करता है।
  2. सफलता प्राप्ति के बाद किसे अपने नियंत्रण में रखना आवश्यक है?   [1] 
    1.  दूसरों के प्रति अपने व्यवहार को
    2.  अहंकार और आक्रोश की इच्छा को
    3. आत्मविश्वास और जीत की खुशी को
    4.  अपने प्रति दूसरों के व्यवहार को
  3. बिल गेट्स के अनुसार सफलता की खुशी मनाने से अधिक आवश्यक है:   [1] 
    1. असफलताओं की चुनौतियों को स्वीकारना
    2. असफलताओं के कारणों पर ध्यान देना
    3.  नए लक्ष्य के लिए संघर्ष करना
    4. असफलताओं से शिक्षा ग्रहण करना
  4. 'किसी एक हार से सब खत्म नहीं हो जाता' - पंक्ति का आशय है:    [1] 
    1. जीत-हार जीवन के दिन और रात हैं।
    2. असफल होने से जीवन समाप्त नहीं होता।
    3. हार के बाद जीत अवश्य आती है।
    4. लक्ष्य प्राप्ति के लिए संघर्ष करना चाहिए।
  5. प्रज्ञाननंदा की प्रसिद्धि का कारण है:     [1] 

    1. कम उम्र में शतरंज के क्षेत्र में नाम कमाना
    2. उनकी सादगी, सरलता और शालीनता
    3. हार-जीत को समान भाव से स्वीकारना
    4. जीवन को चुनौती के रूप में स्वीकरना

Read the extract given below and answer in Hindi the questions that follow:

निम्नलिखित अवतरण को पढ़िए और उसके नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर हिन्दी में लिखिए:

लगभग एक सप्ताह यही क्रम चलता रहा। हर समय एक व्यक्ति उनके पास बैठा रहता। कभी माँ तो कभी मीनू, कभी रोहित तो कभी आशा। उन सबकी सेवा व ईश्वर के आशीर्वाद से पिताजी की दशा में काफी सुधार हो गया। अब वे धीरे-धीरे अपने आप बैठने भी लगे थे, और थोड़ी देर बातें भी कर लेते थे। प्रात: लगभग नौ बजे का समय था। उस समय हल्की वर्षा की बुँदें पड़ रही थी। तभी घर के बाहर एक कार आकर रुकी।
  1. 'पिताजी' को क्या हुआ था? डॉक्टर ने उन्हें क्या सलाह दी थी?      [2]
  2. कार से कौन आए थे और क्यों?     [2]
  3. बुआ जी जाते-जाते अपने भैया को क्या-क्या सलाह दे गई? क्या उपर्युक्त अवसर पर उनकी यह सलाह उचित थी? समझाइए।     [3]
  4. पिताजी द्वारा मीनू को शादी का सुझाव दिए जाने पर मीनू ने उन्हें क्या कहकर समझाया?    [3]

Share
Notifications

Englishहिंदीमराठी


      Forgot password?
Use app×