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प्रश्न
पद्य खंड पर आधारित निम्नलिखित प्रश्न के उत्तर लगभग 60 शब्दों में लिखिए:
'बाजार दर्शन' पाठ से ली गई पंक्ति− 'जहाँ तृष्णा है, बटोर रखने की स्पृहा है, वहाँ उस बल का बीज नहीं है।' −में किस बल की बात कही गई है? इस बल से युक्त और हीन व्यक्ति की विशेषताएँ लिखिए।
लघु उत्तर
उत्तर
'बाजार दर्शन' पाठ में 'उस बल' का तात्पर्य मनुष्य की आत्मनियंत्रण और विवेकशीलता से है, जो उसे अनावश्यक वस्तुओं के आकर्षण से बचने की शक्ति प्रदान करती है। मनुष्य चेतन है, जबकि धन जड़ है, लेकिन मनुष्य धन की चाह में उसके वश में हो जाता है। तृष्णा की लालसा में व्यक्ति निर्बल साबित होता है। वहीं, जहाँ इच्छा शक्ति होती है, वहीं ध्यान केन्द्रित रहता है। उस बल का तात्पर्य बाज़ार से वस्तु खरीदने के निश्चय और निर्णय से है। आम व्यक्ति अक्सर आकर्षण के प्रभाव में आकर निरर्थक वस्तुएँ खरीद लेता है।
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या प्रश्नात किंवा उत्तरात काही त्रुटी आहे का?