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पिचले पन्द्रह वर्षा में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार की बदलती प्रवृत्ति पर एक लेख लिखें? - Social Science (सामाजिक विज्ञान)

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प्रश्न

पिचले पन्द्रह वर्षा में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार की बदलती प्रवृत्ति पर एक लेख लिखें?

थोडक्यात उत्तर

उत्तर

विगत 15 वर्षें में भारत के विश्व व्यापर में भारी परिवर्तन देखने में आया है | वर्तमान में भारत से वस्तुओं के आदान - प्रदान की बजे सूचनाओं , ज्ञान और प्रौद्योगिकी के आदान - प्रदान में बढ़ोतरी हुई है | आज भारत के विदेशी व्यापर की एक सॉफ्टवेयर महाशाकित है | भारत के विदेशी व्यापर की कतिपय महत्वपूर्ण प्रवृत्तियाँ इस तरह है -

  1. भारत द्वारा आयातित वस्तुओं में पेट्रोलियम उत्पादकों में बढ़ोतरी का प्रतिशत 41.87% तथा कोक तथा कोयले का गोला एवं कोयले का आयात 94.17% रहा |
  2. भारत द्वारा तकरीबन 67.01 % उर्वरकों का विदेशी में आयात किया जाता है |
  3. भारत द्वारा किए जाने वाले वृहद् मशीनरी के आयात में 39.09 % की वृद्धि हुई है |
  4. पिछले तीन दशकों के दौरान भारत के पर्यटन उघोग में काफी बढ़ोतरी हुई है वर्ष 2004 के दौरान इसमे 23.5 % की बढ़ोतरी दर्ज की गई , जिसके परिणामस्वरूप 21,828 करोड़ रूपये विदेशी मुद्रा की प्रापित हुई |
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अंतर्राष्ट्रीय व्यापार
  या प्रश्नात किंवा उत्तरात काही त्रुटी आहे का?
पाठ 7: राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था की जीवन रेखाएँ - अभ्यास [पृष्ठ ९६]

APPEARS IN

एनसीईआरटी Social Science - Contemporary India 2 [Hindi] Class 10
पाठ 7 राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था की जीवन रेखाएँ
अभ्यास | Q 3. (ii) | पृष्ठ ९६
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