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पृथ्वी के विकास संबंधी अवस्थाओं को बताते हुए हर अवस्था/चरण को संक्षेप में वर्णित करें। - Geography (भूगोल)

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प्रश्न

पृथ्वी के विकास संबंधी अवस्थाओं को बताते हुए हर अवस्था/चरण को संक्षेप में वर्णित करें।

थोडक्यात उत्तर

उत्तर

पृथ्वी का विकास विभिन्न अवस्थाओं में हुआ है। पृथ्वी का निर्माण 460 करोड़ वर्ष पहले हुआ। उस वक्त पृथ्वी तरल अवस्था में थी क्योंकि पृथ्वी पर हाइड्रोजन और हीलियम गैस की अधिकता थी जोकि काफी गर्म होती है। बाद में अत्यधिक ताप के कारण पृथ्वी आंशिक रूप से द्रव अवस्था में रह गई और ताप की अधिकता के कारण ही हल्के और भारी घनत्व के मिश्रण वाले पदार्थ घनत्व में अंतर के कारण अलग होने शुरू हो गए। इसी अलगाव से भारी पदार्थ जैसे लोहा पृथ्वी के केंद्र में चले गए और हल्के पदार्थ पृथ्वी की सतह या ऊपरी भाग की तरफ आ गए। समय के साथ ये और ठंडे हुए और ठोस रूप में परिवर्तित होकर छोटे आकार के हो गए। अंततोगत्वा ये पृथ्वी की भूपर्पटी के रूप में विकसित हो गए।
वर्तमान वायुमंडल के विकास की तीन अवस्थाएँ हैं। प्रारंभिक वायुमंडल, जिसमें हाइड्रोजन व हीलियम की अधिकता थी, सौर पवन के कारण पृथ्वी से दूर हो गया। पृथ्वी के ठंडा होने और विभेदन के दौरान, इसके अंदरूनी भाग से बहुत-सी गैसें वे जलवाष्प बाहर निकले। इसी से आज के वायुमंडल का उद्भव हुआ। आरंभ में वायुमंडल में जलवाष्प, नाइट्रोजन, कार्बन डाइऑक्साइड, मीथेन व अमोनिया अधिक मात्रा में और स्वतंत्र ऑक्सीजन बहुत कम थी। ऐसा माना जाता है कि जीवन का विकास लगभग 380 करोड़ वर्ष पहले आरंभ हुआ। एककोशीय जीवाणु से आज के मनुष्य तक जीवन के विकास का सार भूवैज्ञानिक काल मापक्रम से ज्ञात किया जा सकता है।

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पृथ्वी का उद्भव
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पाठ 2: पृथ्वी की उत्पत्ति एवं विकास - अभ्यास [पृष्ठ २०]

APPEARS IN

एनसीईआरटी Fundamentals of Physical Geography [Hindi]
पाठ 2 पृथ्वी की उत्पत्ति एवं विकास
अभ्यास | Q 3. (ii) | पृष्ठ २०
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