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प्रश्न
‘ताई की बदलती स्वाभाविक स्थिति’ स्पष्ट कीजिए।
उत्तर
रामेश्वरी राम जी दास की पत्नी है। उसके कोई संतान नहीं है। उसका मन हमेशा अपनी संतान के लिए व्याकुल रहता है। पति राम जी दास अपने भाई के बच्चों में अपना प्यार बाँटकर खुश रहते थे। रामेश्वरी तो अपने देवर के बच्चों को चाहकर भी नहीं चाहती। यद्यपि बच्चे उसे अच्छे लगते हैं, लेकिन द्वेष और घृणा के कारण वह बच्चों से दूरी बनाकर रखती है। बच्चों के प्रति राम जी दास का लगाव भी उसे पसंद नहीं। एक दिन जब मनोहर छत की मुँडेर से गिर रहा था, तो एक बार तो उसके मन में आया कि अच्छा हो यदि गिर जाए तो पाप कटे, किंतु जब उसने मनोहर का करुण चेहरा देखा, तो उसका हृदय मनोहर के प्रति करुणा से भर गया। वह मनोहर को बचाने दौड़ पड़ी। वह मनोहर तक पहुँच पाती, इसके पहले मनोहर नीचे गिर गया। इस हादसे का रामेश्वरी पर ऐसा प्रभाव पड़ा कि वह स्वयं बेहोश होकर गिर पड़ी। इस घटना ने उसका पूरा हृदय-परिवर्तन कर दिया। ठीक हो जाने के बाद रामेश्वरी मनोहर और चुन्नी को माँ जैसा ही प्यार देने लगी।
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