मराठी

Write a composition in approximately 400 words in Hindi on the topic given below: नीचे दिए गए विषय पर हिन्दी में निबन्ध लिखिए जो लगभग 400 शब्दों से कम न हो। 'प्रकृति माँ के समान हमारा पालन-पोषण - Hindi (Indian Languages)

Advertisements
Advertisements

प्रश्न

Write a composition in approximately 400 words in Hindi of the topic given below:

नीचे दिए गए विषय पर हिन्दी में निबन्ध लिखिए जो लगभग 400 शब्दों से कम न हो।

'प्रकृति माँ के समान हमारा पालन-पोषण ही नहीं करती बल्कि एक कुशल शिक्षिका की भाँति हमें जीवन की महत्वपूर्ण शिक्षा भी देती है।' प्रकृति से मिलने वाली कुछ सीखों का वर्णन करते हुए लिखिए कि किस प्रकार इन सीखों को अपनाकर हम अपने भविष्य को उज्ज्वल बना सकते हैं।

थोडक्यात उत्तर

उत्तर

प्रकृति हमारे जीवन में एक माँ के समान है, जो हमें केवल भोजन और पानी ही नहीं देती, बल्कि हमारे लिए सुरक्षित और सुंदर वातावरण भी प्रदान करती है। प्रकृति के विभिन्न रूपों और रंगों में हमें जीवन की कई महत्वपूर्ण सीखें मिलती हैं, जिन्हें अपनाकर हम अपने भविष्य को उज्ज्वल बना सकते हैं।

प्रकृति से सबसे पहली सीख हमें संतुलन की मिलती है। प्रकृति में हर चीज़ का एक निश्चित स्थान और समय होता है। पेड़-पौधे, पशु-पक्षी, नदियाँ और पर्वत, सभी अपने-अपने स्थान पर अपनी भूमिका निभाते हैं। इस संतुलन को बनाए रखना ही प्रकृति की सबसे बड़ी शिक्षा है। जब हम अपने जीवन में भी संतुलन बनाए रखते हैं, तो हम कठिनाइयों का सामना आसानी से कर सकते हैं और सफलता प्राप्त कर सकते हैं।

दूसरी महत्वपूर्ण सीख है धैर्य और सहनशीलता। एक बीज को पेड़ बनने में समय लगता है। हमें इस प्रक्रिया में धैर्य रखना होता है। इसी प्रकार, जीवन में भी धैर्य और सहनशीलता के साथ काम करने पर ही सफलता मिलती है। हमें छोटी-छोटी असफलताओं से निराश नहीं होना चाहिए बल्कि उन्हें सीखने का अवसर मानकर आगे बढ़ना चाहिए।

प्रकृति से हमें मेहनत और परिश्रम की भी शिक्षा मिलती है। एक किसान अपनी मेहनत से खेतों में फसल उगाता है। यह हमें सिखाता है कि बिना मेहनत के कुछ भी प्राप्त नहीं होता। हमें अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए निरंतर प्रयास करना चाहिए।

प्रकृति से हमें सह-अस्तित्व की भी सीख मिलती है। विभिन्न प्राणी और वनस्पतियाँ मिल-जुलकर रहती हैं और एक-दूसरे के साथ सामंजस्य बनाए रखते हैं। हमें भी अपने समाज में मिल-जुलकर और सामंजस्य के साथ रहना चाहिए। इससे हम एक सुखी और समृद्ध समाज का निर्माण कर सकते हैं।

प्रकृति द्वारा मिलने वाली सीखें इस प्रकार हैं-

  1. कुसंगति में रहकर भी अपनी पहचान बनाए रखना:
    कमल का फूल कीचड़ में उगता है, फिर भी वह अपनी सुंदरता और पवित्रता को बनाए रखता है। यह हमें सिखाता है कि हमें नकारात्मक परिस्थितियों में भी अपने गुणों और मूल्यों को बनाए रखना चाहिए। अपने आदर्शों को न छोड़कर सही मार्ग पर चलना चाहिए।
  2. पतझड़ आने से अंत नहीं होता:
    पतझड़ के मौसम में पेड़ अपनी पत्तियों को खो देते हैं, लेकिन वसंत ऋतु के आगमन पर वे पुनः हरे-भरे हो जाते हैं। यह हमें सिखाता है कि जीवन में कठिनाइयाँ और असफलताएँ आती हैं, लेकिन यह अंत नहीं होता। हर कठिनाई के बाद पुनः उठने और आगे बढ़ने की आवश्यकता है।
  3. ऊँचे पर्वतों के समान अडिग और विशाल:
    पर्वत अपनी जगह पर अडिग और स्थिर रहते हैं, वे मजबूती और स्थिरता का प्रतीक हैं। यह हमें सिखाता है कि जीवन में स्थिरता और मजबूती बनाए रखनी चाहिए। कठिनाइयों और चुनौतियों का सामना करने के लिए हमें अपने निर्णयों में अडिग रहना चाहिए।
  4. नदी के समान गंभीरता, गहराई और पवित्रता:
    नदी अपनी धारा के साथ निरंतर बहती रहती है, उसमें गहराई और पवित्रता होती है। यह हमें सिखाती है कि हमें भी जीवन में गंभीरता, गहराई और पवित्रता बनाए रखनी चाहिए। निरंतरता और समर्पण के साथ हमें अपने उद्देश्यों को प्राप्त करने का प्रयास करना चाहिए।
shaalaa.com
उपयोजित / रचनात्मक लेखन (लेखन कौशल)
  या प्रश्नात किंवा उत्तरात काही त्रुटी आहे का?
2023-2024 (February) Official

संबंधित प्रश्‍न

शब्‍दों के आधार पर कहानी लिखो :

ग्रंथालय, स्‍वप्न, पहेली, काँच


किसानों के सामने आने वाली समस्‍याओं की जानकारी प्राप्त करके उन समस्‍याओं को दूर करने हेतु चर्चा करो।


मैंने समझा मेरा विद्रोह पाठ से 



।। वृक्षवल्ली आम्हां सोयरे वनचरे।।


किसी महान विभूति का जीवनक्रम वर्षानुसार बनाकर लाओ और पढ़ो : जैसे- जन्म, शालेय शिक्षा आदि।


।। जीवन चलता ही रहता।।


हजारी प्रसाद द्विवेदी की ‘कबीर ग्रंथावली’ से पाँच दोहे ढूँढकर सुंदर अक्षरों में लिखो।


किसी दुकानदार और ग्राहक के बीच होने वाला संवाद लिखो और सुनाओ: जैसे - माँ और सब्जीवाली।


मैंने समझा रहस्य पाठ से 


चित्रवाचन करके अपने शब्दों में कहानी लिखो और उचित शीर्षक बताओ। अंतिम चित्र में दोनों ने एक-दूसरे से क्या कहा होगा? लिखो:


चित्र पहचानकर उनके नाम लिखो:

____________


।। ईमानदारी चरित्र निर्माण की नींव है ।।


हमें सदैव प्रसन्न रहना चाहिए।


नीचे दिए गए नोबल पुरस्कार प्राप्त विभूति के चित्र चिपकाओ। उन्हें यह पुरस्कार किस लिए प्राप्त हुआ है, बताओ।

१. गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर २. सर चंद्रशेखर वेंकटरमन  ३. डॉ. हरगोबिंद खुराना ४. मदर टेरेसा
५. सुब्रह्मण्यम चंद्रशेखर   ६. अमर्त्यकुमार सेन  ७. वेंकटरमन रामकृष्णन ८. कैलास सत्यार्थी

महान विभूतियों की सूची बनाकर उनके कार्यों का उल्लेख करते हुए निबंध लिखो।


अपने परिवार के प्रिय व्यक्ति के लिए चार काव्य पंक्तियाँ लिखो।


मॉं को एक दिन की छुट्‌टी दी जाए तो क्या होगा ?


अपने परिवार का वंश वृक्ष तैयार करो और रिश्ते-नातों के नाम लिखो।


विद्‌यालय के स्नेह सम्मेलन का वर्णन करो।


यदि समय का चक्र रुक जाए तो ......


।। करत-करत अभ्यास के जड़मति होत सुजान ।।


अंधश्रद्‌धा के कारण और उसे दूर करने के उपाय ढूँढ़ो और किसी एक प्रसंग को प्रस्तुत करो।


यदि खनिज तेल का खजाना समाप्त हो जाए तो...


।। जीवदया ही भूतदया है ।।


निम्नलिखित परिच्छेद पढ़कर इसपर आधारित ऐसे चार प्रश्न तैयार कीजिए. जिनके उत्तर एक-एक वाक्य में हों:

“कोई काम छोटा नहीं। कोई काम गंदा नहीं। कोई भी काम नीचा नहीं। कोई काम असंभव भी नहीं कि व्यक्ति ठान ले और ईश्वर उसकी मदद न करे। शर्त यही है कि वह काम, काम का हो। किसी भी काम के लिए 'असंभव', 'गंदा' या 'नीचा' शब्द मेरे शब्दकोश में नहीं है।'' ऐसी वाणी बोलने वाली मदर टेरेसा को कोढ़ियों की सेवा करते देखकर एक बार एक अमेरिकी महिला ने कहा, “मैं यह कभी नहीं करती।'' मदर टेरेसा के उपरोक्त संक्षिप्त उत्तर से वह महिला शर्म से सिकुड़ गई थी। सचमुच ऐसे कार्य का मूल्य क्या धन से आँका जा सकता है या पैसे देकर किसी की लगन खरीदी जा सकती है ? यह काम तो वही कर सकता है, जो ईश्वरीय आदेश समझकर अपनी लगन इस ओर लगाए हो। जो गरीबों, वंचितों, जरूरतमंदों में ईश्वरीय उपासना का मार्ग देखता हो और दुखी मानवता में उसके दर्शन करता हो। ईसा, गांधी, टेरेसा जैसे परदुखकातर, निर्मल हृदयवाले लोग ही कोढ़ियों और मरणासन्न बीमारों की सेवा कर सकते हैं और 'निर्मल हृदय' जैसी संस्थाओं की स्थापना करते हैं।

Write a composition in approximately 400 words in Hindi of the topic given below:

नीचे दिए गए विषय पर हिन्दी में निबन्ध लिखिए जो लगभग 400 शब्दों से कम न हो।

'उपहार देना प्यार जताने और सम्मान करने का परिचायक है वर्तमान में उपहार का स्वरूप प्यार कम, व्यापार अधिक हो गया है।' - इस कथन के पक्ष अथवा विपक्ष में अपने तर्क प्रस्तुत कीजिए।


'किसी के क्षणिक आडम्बर और व्यवहार पर आँख मुँदकर विश्वास कर लेना घातक सिद्ध हो सकता है।-'सती' कहानी के प्रसंग में मदालसा के चरित्र को ध्यान में रखते हुए इस कथन की व्याख्या कीजिए।


'भक्तिन' एक कर्मठ नारी के संघर्षमय जीवन की कहानी है। इस कथन को भक्तिन के जीवन के चार अध्यायों के आधार पर स्पष्ट कीजिए।


Share
Notifications

Englishहिंदीमराठी


      Forgot password?
Use app×