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Question
2 m त्रिज्या के एक वलय (छल्ले) का भार 100 kg है। यह एक क्षैतिज फर्श पर इस प्रकार लोटनिक गति करता है कि इसके द्रव्यमान केन्द्र की चाल 20 cm/s हो। इसको रोकने के लिए कितना कार्य करना होगा ?
Solution
छल्ले की त्रिज्या R =2 m, इसका द्रव्यमान M = 100 kg, द्रव्यमान केन्द्र की चाल ν = 2 cm/s = 0.20 m/s।
चूँकि छल्ला लोटनिक गति करता आगे बढ़ रही है,
अतः इसकी कुल गतिज ऊर्जा K = स्थानान्तरीय गतिज ऊर्जा + घूर्णी गतिज ऊर्जा
` = 1/2 "Mν"^2 + 1/2 "Iω"^2`
परन्तु छल्ले का जड़त्व आघूर्ण I = MR2 तथा इसका कोणीय वेग ω = `"ν"/"R"`
∴ `"K" = 1/2 "Mν"^2 + 1/2 ("MR"^2) xx ("ν"/"R")^2 = 1/2 "Mν"^2 + 1/2 "Mν"^2 = "Mν"^2`
= 100 kg × (0.20 m/s2)
= 4.0 J
रोकने के लिए किया गया कार्य = छल्ले की कुल गतिज ऊर्जा = 4.0 J
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एक ठोस गोला, भिन्न नति के दो आनत तलों पर एक ही ऊँचाई से लुढ़कने दिया जाता है।
- क्या वह दोनों बार समान चाल से तली में पहुँचेगा?
- क्या उसको एक तल पर लुढ़कने में दूसरे से अधिक समय लगेगा?
- यदि हाँ, तो किस पर और क्यों?
सूत्र `"ν"^2 = (2 "gh")/((1 + "k"^2//"R"^2))` को गतिकीय दृष्टि (अर्थात् बलों तथा बल-आघूर्णों विचार) से व्युत्पन्न कीजिए। जहाँ ν लोटनिक गति करते पिंड (वलय, डिस्क, बेलन या गोला) का आनत तल की तली में वेग है। आनत तल पर h वह ऊँचाई है जहाँ से पिण्ड गति प्रारंभ करता है। K सममित अक्ष के परितः पिंड की घूर्णन त्रिज्या है और R पिंड की त्रिज्या है।
स्पष्ट कीजिए कि चित्र में अंकित दिशा में चक्रिका की लोटनिक गति के लिए घर्षण होना आवश्यक क्यों है?
- B पर घर्षण बल की दिशा तथा परिशुद्ध लुढ़कन आरंभ होने से पूर्व घर्षणी बल-आघूर्ण की दिशा क्या है?
- परिशुद्ध लोटनिक गति आरंभ होने के पश्चात् घर्षण बल क्या है?
10 cm त्रिज्या की कोई ठोस चक्रिका तथा इतनी ही त्रिज्या का कोई छल्ला किसी क्षतिज मेज पर एक ही क्षण 10 π rad s-1 की कोणीय चाल से रखे जाते हैं। इनमें से कौन पहले लोटनिक गति आरंभ कर देगा। गतिज घर्षण गुणांक µk =0.2।
10 kg द्रव्यमान तथा 15 cm त्रिज्या का कोई सिलिंडर किसी 30° झुकाव के समतल पर परिशुद्धतः लोटनिक गति कर रहा है। स्थैतिक घर्षण गुणांक µs = 0.25 है।
- सिलिंडर पर कितना घर्षण बल कार्यरत है?
- लोटन की अवधि में घर्षण के विरुद्ध कितना कार्य किया जाता है?
- यदि समतल के झुकाव θ में वृद्धि कर दी जाए तो के किस मान पर सिलिंडर परिशुद्धतः लोटनिक गति करने की बजाय फिसलना आरंभ कर देगा?
नीचे दिए गए प्रकथन को ध्यानपूर्वक पढिए तथा कारण सहित उत्तर दीजिए कि सत्य है या असत्य?
लोटनिक गति करते समय घर्षण बल उसी दिशा में कार्यरत होता है जिस दिशा में पिण्ड का द्रव्यमान केंद्र गति करता है।
नीचे दिए गए प्रकथन को ध्यानपूर्वक पढिए तथा कारण सहित उत्तर दीजिए कि सत्य है या असत्य?
लोटनिक गति करते समय संपर्क बिंदु की तात्क्षणिक चाल शून्य होती है।
नीचे दिए गए प्रकथन को ध्यानपूर्वक पढिए तथा कारण सहित उत्तर दीजिए कि सत्य है या असत्य?
लोटनिक गति करते समय संपर्क बिंदु का तात्क्षणिक त्वरण शून्य होता है।
नीचे दिए गए प्रकथन को ध्यानपूर्वक पढिए तथा कारण सहित उत्तर दीजिए कि सत्य है या असत्य?
परिशुद्ध लोटनिक गति के लिए घर्षण के विरुद्ध किया गया कार्य शून्य होता है।
नीचे दिए गए प्रकथन को ध्यानपूर्वक पढिए तथा कारण सहित उत्तर दीजिए कि सत्य है या असत्य?
किसी पूर्णतः घर्षणरहित आनत समतल पर नीचे की ओर गति करते पहिये की गति फिसलन गति (लोटनिक गति नहीं) होगी।