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भारत में भूमि उपयोग प्रारुप का वर्णन करें | वर्ष 1960-61 से वन के अंतर्गत क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण वृद्धि नहीं हुई, इसका क्या कारण है? - Social Science (सामाजिक विज्ञान)

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Question

भारत में भूमि उपयोग प्रारुप का वर्णन करें | वर्ष 1960-61 से वन के अंतर्गत क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण वृद्धि नहीं हुई, इसका क्या कारण है?

Answer in Brief

Solution

भारत का कुल भौगोलिक क्षेत्रफल 32.89 वर्ग किलोमीटर है। कुछ क्षेत्रों को छोड़कर इसके लगभग 93% भाग के भूमि उपयोग के आंकड़े उपलब्ध हैं। वर्ष 2014-15 के आंकड़ों के अनुसार देश में भू उपयोग आंकड़े निम्नलिखित है-

  1. 45.5% भूमि शुद्ध बोया गया क्षेत्र
  2. 23.3% वन क्षेत्र
  3. 5.5% बंजर तथा कृषि अयोग्य भूमि,
  4. 8.7% गैर- कृषि प्रयोजनार्थ प्रयुक्त भूमि,
  5. 3.3% स्थायी चारागाह तथा गोचर भूमि
  6. 1% भूमि विविध वृक्षों, वृक्ष फसलों तथा उपवनों के अंतर्गत
  7. 4% कृषि योग्य बंजर भूमि 
  8. 3.6% पुरातन परती भूमि 
  9. 4.9% वर्तमान परती भूमि के अंतर्गत क्षेत्र है।
    राष्ट्रीय वन नीति के अनुसार देश में 33 प्रतिशत भौगोलिक क्षेत्र पर वन होने चाहिए किंतु वन क्षेत्र काफी कम है। स्थायी चरागाहों के अंतर्गत भी भूमि में कमी आई है। 1960-61 की तुलना में वन क्षेत्र में थोड़ी वृद्धि हुई है किंतु राष्ट्रीय वन नीति के अनुसार अभी यह काफी कम है। बढ़ती हुई जनसंख्या, औद्योगिकरण, पर्यावरण प्रदूषण, भूमि निम्नीकरण तथा कृषि के विस्तार के कारण वन क्षेत्र में उल्लेखनीय वृद्धि नहीं हुई है। इसके अलावा गैर- कृषि उद्देश्यों में भूमि उपयोग बढ़ा है। कुल मिलाकर इन सब कारणों से वन क्षेत्र में महत्वपूर्ण वृद्धि नहीं हुई है।
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भारत में भू-उपयोग प्रारूप
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Chapter 1: संसाधन एवं विकास - अभ्यास [Page 14]

APPEARS IN

NCERT Social Science - Contemporary India 2 [Hindi] Class 10
Chapter 1 संसाधन एवं विकास
अभ्यास | Q 3. (i) | Page 14
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