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भाव-सौंदर्य स्पष्ट कीजिए - 'यह सदा-द्रवित, चिर-जागरूक .......... चिर-अखंड अपनापा।' - Hindi (Elective)

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Question

भाव-सौंदर्य स्पष्ट कीजिए -

'यह सदा-द्रवित, चिर-जागरूक .......... चिर-अखंड अपनापा।'

Short Note

Solution

दीप सदैव आग को धारण किए रहता है। इस कारण से वह उसके दुख को बहुत अच्छी तरह से जानता है। इस सबके बाद भी वह दयाभाव से युक्त होकर स्वयं जलता है और दूसरों को प्रकाश देता है। वह सदा जागरूक रहता है, सावधान है और सबके साथ प्रेम का भाव रखता है।

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यह दीप अकेला
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Chapter 1.03: सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन 'अज्ञेय' (यह दिप अकेला, मैंने देखा, एक बूँद) - प्रश्न-अभ्यास [Page 19]

APPEARS IN

NCERT Hindi - Antara Class 12
Chapter 1.03 सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन 'अज्ञेय' (यह दिप अकेला, मैंने देखा, एक बूँद)
प्रश्न-अभ्यास | Q 6. (ख) | Page 19

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'दीप अकेला' के प्रतीकार्थ को स्पष्ट करते हुए बताइए कि उसे कवि ने स्नेह भरा, गर्व भरा एवं मदमाता क्यों कहा है?


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भाव-सौंदर्य स्पष्ट कीजिए -
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'यह दीप अकेला' एक प्रयोगवादी कविता है। इस कविता के आधार पर 'लघु मानव' के अस्तित्व और महत्व पर प्रकाश डालिए।


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