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“एंन की डायरी अगर एक एतिहासिक शेर का जीवत दस्तावेज है, तरे साथ ही उसके निजी सुख-दुख और भावनात्मक उथलपुथल का र्भा। इन मुष्ठा’ में दानी’ का फ़र्क मिट गया तो ” - Hindi (Core)

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Question

“ऐन  की डायरी अगर एक एतिहासिक शेर का जीवत दस्तावेज है, तरे साथ ही उसके निजी सुख-दुख और भावनात्मक उथलपुथल का र्भा। इन मुष्ठा’ में दानी’ का फ़र्क मिट गया तो ” हस कथन पर विचार करतै हुए अपनी सहमति या असहमति तर्कपूवंक व्यक्त करों।

Answer in Brief

Solution

ऐन फ्रैंक की डायरी से हमें उसके जीवन व तत्कालीन परिवेश का परिचय मिलता है। इसमें ऐतिहासिक दूब्रितीय विश्व युदृध की घटनाओ, नाजियों के अत्याचारों आदि का वर्णन मिलता है, साथ ही ऐन के निजी सुरद्र-दुख व भावनात्मक क्षण भी व्यक्त हुए हैं। ऐन ने यहूदी परिवारों की अकथनीय यंत्रणाआँ व पीडाओं का चित्रण किया है। लये अरसे तक गुप्त स्थानों पर छिपे रहना, गोलीबारी का आतंक, भूख, गरीबी, बीमारी, मानसिक तनाव, जानवरों जैसा जीवन, चारी का भय, नाजियों का आतंक आरि अमानवीय दृश्य मिलते हैं।

साथ ही ऐन का अपने परिवार, विशेषता माँ और सहयोगियों से मतभेद, डाँट फटकार, खीझ, निराशा, एकांत का दुख, दूसरों दवारा स्वय पर किए गए आक्षेप, प्रकृति के लिए बेचैनी, पीटर के साथ सबंध आदि का वर्णन मिलता है। उसके व्यक्तिगत सुख-दुख भी इन पृष्ठों में युदृध की विभीषिका में एकमेक हो गए हैँ। इस प्रकार यह डायरी एक ऐतिहासिक दस्तावेज होते हुए भी ऐन के व्यक्तिगत सुख-दुख और भावनात्मक उथल-पुथल को व्यक्त करती है।

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डायरी के पन्ने
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Chapter 4: डायरी के पन्ने (ऐन फैंक) - अभ्यास [Page 77]

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NCERT Hindi - Vitaan Class 12
Chapter 4 डायरी के पन्ने (ऐन फैंक)
अभ्यास | Q 4. | Page 77

RELATED QUESTIONS

‘यह साठ लाख लोगों की तरफ से बोलने वाली एक आवाज हैं। एक ऐसी आवाज, जो नहीं, बल्कि एक साधारण लड़की की हैं।” इल्या इहरनबुर्ग की इस टिप्पणी के सदर्भ में पठित अशों पर विचार करें।


‘काश, कोई तो होता जो मेरी भावनाओं को गभीरता से समझ पाता। अफसोस, ऐसा व्यक्ति मुझे अब तक नहीं मिला। ” क्या आपको लगता है कि ऐन के इस कथन में उसके डायरी-लेखन का कारण छिपा हैं?


‘प्रकृति-प्रदत्त प्रजनन-शक्ति के उपयोग का अधिकार बच्चे पैदा करें या न करें अथवा कितने बच्चे पैदा करें-इस की स्वतत्रता स्त्री सी छीनकर हमारी विश्व-व्यवस्था न न सिर्फ स्त्री की व्यक्तित्व-विकास के अनक अवसरों से वचित किया है बल्कि जनाधिक्य की समस्या भी पैदा की हैं।’ ऐन की डायरी के 13 जून, 1944 के अश में व्यक्त विचारों के सदर्भ में इस कथन का औचित्य ढूंढ़े।


ऐन ने अपनी डायरी ‘किट्टी’ (एक निजीव गुड़िया) को सबोधित चिट्ठी की शक्ल में लिखने की जरूरत क्यों महसूस की होगी?


इसे भी जानें
नाजी दस्तावेजों के पाँच करोड़ पन्नों में ऐन फ्रैंक का नाम केवल एक बार आया है लेकिन अपने लेखन के कारण आज ऐन हजारों पन्नों में दर्ज हैं जिनका एक नमूना यह खबर भी है-


एन फ्रैंक की डायरी किट्टी को संबोधित कर ही क्यों लिखी गई है ? यह डायरी वह किसी अपने को भी संबोधित कर सकती थी ?तर्क सहित उत्तर दीजिए।


“काश, कोई तो होता जो मेरी भावनाओं को गम्भीरता से समझ पाता। अफसोस, ऐसा व्यक्ति मुझे अब तक नहीं मिला।” एन फ्रैंक की इस पंक्ति का आशय स्पष्ट करें।


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