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Question
जिनके उत्तर निम्न शब्द हों, ऐसे प्रश्न तैयार कीजिए :
तितली
Solution
पद्यांश में किसके टूटे पर की तरह बनने के लिए कहा गया है?
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RELATED QUESTIONS
गजल की पंक्तियों का तात्पर्य :
नींव के अंदर दिखाे - ______
गजल की पंक्तियों का तात्पर्य :
आईना बनकर दिखो - ______
कृति पूर्ण कीजिए :
जिनके उत्तर निम्न शब्द हों, ऐसे प्रश्न तैयार कीजिए :
भीड़
जिनके उत्तर निम्न शब्द हों, ऐसे प्रश्न तैयार कीजिए :
जुगनू
जिनके उत्तर निम्न शब्द हों, ऐसे प्रश्न तैयार कीजिए :
आसमान
निम्नलिखित पंक्तियों से प्राप्त जीवनमूल्य लिखिए :
आपको महसूस ______
______ भीतर दिखो ।
निम्नलिखित पंक्तियों से प्राप्त जीवनमूल्य लिखिए :
कोई ऐसी शक्ल ______
______ मुझे अक्सर दिखो ।
कृति पूर्ण कीजिए :
प्रस्तुत गजल की अपनी पसंदीदा किन्हीं चार पंक्तियों का केंद्रीय भाव स्पष्ट कीजिए।
निम्नलिखित पठित पद्यांश दी गई पढ़कर सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:
एक जुगनू ने कहा मैं भी तुम्हारे साथ हूँ, वक्त की इस धुंध में तुम रोशनी बनकर दिखो। एक मर्यादा बनी है हम सभी के वास्ते, गर तुम्हें बनना है मोती सीप के अंदर दिखो। डर जाए फूल बनने से कोई नाजुक कली, तुम ना खिलते फूल पर तितली के टूटे पर दिखो। कोई ऐसी शक्ल तो मुझको दिखे इस भीड़ में, मैं जिसे देखूँ उसी में तुम मुझे अक्सर दिखो। |
1. पद्यांश के आधार पर संबंध जोड़कर उचित वाक्य तैयार कीजिए: (2)
- जुगनू - धुंध
- रोशनी - तितली
मैं
- ______
- ______
2.
i. निम्नलिखित के लिए पद्यांश से शब्द ढूँढ़कर लिखिए: (1)
- लोगों का समूह - ______
- सीप में बनने वाला रत्न् - ______
ii. पद्यांश में आए 'पर' शब्द के अलग-अलग अर्थ लिखिए: (1)
- ______
- ______
3. अंतिम चार पंक्तियों का सरल अर्थ २५ से ३० शब्दों में लिखिए: (2)
निम्नलिखित पठित पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:
आपसे किसने कहा स्वर्णिम शिखर बनकर दिखो, चल पड़ी तो गर्द बनकर आसमानों पर लिखो, सिर्फ देखने के लिए दिखना कोई दिखना नहीं, जिंदगी की शक्ल जिसमें टूटकर बिखरे नहीं, |
(1) उचित जोड़ियाँ मिलाइए: (2)
‘अ’ | ‘आ’ |
(i) शिखर | गर्द |
(ii) आसमान | जिंदगी |
(iii) पत्थर | स्वर्णिम |
(iv) शक्ल | मील |
नींव |
(2) उत्तर लिखिए: (2)
(i) मनुष्य को ये बनकर दिखाना है:
- ______
- ______
(ii) कवि दिखने के लिए कहते हैं:
- ______
- ______
(3) प्रथम चार पंक्तियों का भावार्थ लिखिए। (2)
पहले शेर में चिराग शब्द एक बार बहुवचन में आया है और दूसरी बार एकवचन में। अर्थ एवं काव्य-सौंदर्य की दृष्टि से इसका क्या महत्त्व है?
गज़ल के तीसरे शेर को गौर से पढ़े। यहाँ दुष्यंत का इशारा किस तरह के लोगों की ओर है?
आशय स्पष्ट करें:
तेरा निज़ाम है सिल दे जुबान शायर की,
ये एहतियात ज़रूरी है इस बहर के लिए।
दुष्यंत की इस गज़ल का मिजाज बदलाव के पक्ष में है। इस कथन पर विचार करें।
'यहाँ दरख्तों के साये में धूप लगती है' यह वाक्य मुहावरे की तरह अलग-अलग परिस्थितियों में अर्थ दे सकता है। मसलन, यह ऐसी अदालतों पर लागू होता है, जहाँ इंसाफ़ नहीं मिल पाता। कुछ ऐसी परिस्थितियों की कल्पना करते हुए निम्नांकित अधूरा वाक्य को पूरा करें।
यह ऐसे नाते-रिश्तों पर लागू होता है, ______।
'यहाँ दरख्तों के साये में धूप लगती है' यह वाक्य मुहावरे की तरह अलग-अलग परिस्थितियों में अर्थ दे सकता है। मसलन, यह ऐसी अदालतों पर लागू होता है, जहाँ इंसाफ़ नहीं मिल पाता। कुछ ऐसी परिस्थितियों की कल्पना करते हुए निम्नांकित अधूरा वाक्य को पूरा करें।
यह ऐसे विद्यालयों पर लागू होता है, ______।
'यहाँ दरख्तों के साये में धूप लगती है' यह वाक्य मुहावरे की तरह अलग-अलग परिस्थितियों में अर्थ दे सकता है। मसलन, यह ऐसी अदालतों पर लागू होता है, जहाँ इंसाफ़ नहीं मिल पाता। कुछ ऐसी परिस्थितियों की कल्पना करते हुए निम्नांकित अधूरा वाक्य को पूरा करें।
यह ऐसी पुलिस व्यवस्था पर लागू होता है, ______।