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कांग्रेस किन अर्थों में एक विचारधारात्मक गठबंधन थी? कांग्रेस में मौजूद विभिन्न विचारधारात्मक उपस्थितियों का उल्लेख करें। - Political Science (राजनीति विज्ञान)

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Question

कांग्रेस किन अर्थों में एक विचारधारात्मक गठबंधन थी? कांग्रेस में मौजूद विभिन्न विचारधारात्मक उपस्थितियों का उल्लेख करें।

Answer in Brief

Solution

कांग्रेस कई अर्थो में एक विचारात्मक गठबंधन थी। जब भारत को आजादी मिली उस समय तक कांग्रेस एक सतरंगे गठबंधन की शक्ल अपना चुकी थी और इसमें सभी प्रकार की विचारधाराओं का समर्थन करने वाले विचारकों तथा समूहों ने अपने को कांग्रेस के साथ समाहित कर लिया था। 1924 में भारतीय साम्यवादी दल की स्थापना हुई, सरकार ने इसे प्रतिबंधित कर दिया। यह दल 1942 तक कांग्रस के एक गुट के रूप में रहकर ही काम करता रहा। 1942 में इस गुट को कांग्रेस से अलग करने के लिए ही सरकार ने इस पर से प्रतिबंध हटाया। कांग्रेस में शांतिवादी क्रन्तिकारी, रूढ़िवादी और प्रगतिवादी, गरमपंथी और नरमपंथी, दक्षिणपंथी और वामपंथी सभी विचारधारा के मध्यमार्गियों का स्थान प्राप्त था। कांग्रेस ने समाजवादी समाज की स्थापना को अपना लक्ष्य निश्चित किया था और यही कारण था की स्वतंत्रता के बाद कई समाजवादी पार्टियाँ बनी परन्तु विचारधारा के आधार पर वे अपनी अलग पहचान नहीं बना सकी और कांग्रेस के प्रभुत्व को नहीं ललकार सकीं। यदि देखा जाए तो कांग्रेस एक ऐसा मंच था जिस पर अनेकों समूह, हित और राजनितिक दल तक आ जुटते थे। कांग्रेस में बहुत से ऐसे गुट थे जिनके अपने अलग संविधान तक थे और संगठन नात्म्क ढाँचा भी अलग था जैसे की कांग्रेस सोशलिस्ट पार्टी। फिर भी उन्हें कांग्रेस के एक गुट में बनाए रखा गया। आज तो विभिन्न दलों के गठबंधन बनते हैं और सत्ता की प्राप्ति के प्रयत्न करते हैं, परन्तु आजादी के समय कांग्रेस ही एक प्रकार से एक विचारधारा त्मक गठबंधन था, इस दल में ही कई समूह तथा गुट सम्मिलित थे।

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कांग्रेस के प्रभुत्व की प्रकृति
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Chapter 2: एक दल के प्रभुत्व का दौर - प्रश्नावली [Page 44]

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NCERT Political Science [Hindi] Class 12
Chapter 2 एक दल के प्रभुत्व का दौर
प्रश्नावली | Q 5. | Page 44

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- रजनी कोठरी

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