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किन बातों के कारण गोर्बाचेव सोवियत संघ में सुधार के लिए बाध्य हुए? - Political Science (राजनीति विज्ञान)

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Question

किन बातों के कारण गोर्बाचेव सोवियत संघ में सुधार के लिए बाध्य हुए?

Long Answer

Solution

निम्नलिखित बातों के कारण गोर्बाचेव सोवियत संघ में सुधार के लिए बाध्य हुए -

  1. गिरती हुई अर्थव्यवस्था - जब गोर्बाचेव सोवियत संघ की बागडोर संभाली तो इसकी अर्थव्यवस्था काफ़ी गिर गई थी और गिरती जा रहे थी। विकास की दर काफी घट गई थी। उत्पादन की गुणवत्ता पश्चिमि देशों के उत्पादन की गुणवत्ता के मुकाबले में निम्न स्तर की थी। उत्पादन की मात्रा भी घटती जा रही थी। वस्तुएँ रियायती कीमतों पर दिए जाने के कारण सरकार को काफी जा रहा था गोर्बाचेव के लिए अर्थव्यवस्था में सुधार करना आवश्यक हो गया था और यह तभी संभव था की अर्थव्यवस्था को सरकार के पूर्ण नियंत्रण से मुक्ति दी जाए।
  2. प्रशासन में भ्र्ष्टाचार - शासन पर साम्यवादी दल का पूर्ण नियंत्रण था। वह जनमत के प्रति उत्तरदायी नहीं था और लम्बे समय की तानाशाही ने साम्यवादी दल को जनता की आवश्यकताओं तथा कल्याण से बेखबर कर दिया था। साम्यवादी दल में सदस्यों का विशेष वर्ग उभर आया था जो विशेषाधिकारों का प्रयोग करते थे और भ्र्ष्टाचार में वृद्धि के कारण थे। जनता में अशंतोष बढ़ता जा रहा था। गोर्बाचेव को विश्वास हो गया की शासन व्यवस्था का भी पुर्नगठन किया जाना आवश्यक हैं।
  3. पशिचमी देशो की सूचना और प्रौद्योगिकी में प्रगति - गोर्बाचेव ने देखा की पशिचमी देशों में सुचना और प्रौद्योगिकी में क्रांति आई है जबकि सोवियत संघ इस क्षेत्र में बहुत पीछे है। सोवियत संघ को पशिचमी देशों के समान लेन के लिए अर्थव्यवस्था और शासन में सुधार लाने आवश्यक है। उसने सहसूस किया की शीतयुद्ध अथवा पश्चमी गुट के साथ स्पर्धा में काफी धन और समय नष्ट होता है। इन देशों से संबंधो को सुधारकर, शांति का वातावरण स्थापित कर, विज्ञान और प्रौद्योगिकी में आगे बढ़ाने के कदम उठाए जाने अधिक लाभदायक हैं।
  4. गोर्बाचेव के विचार - गोर्बाचेव के निजी विचारो ने भी उन्हें अर्थव्यवस्था और शासन में सुधार के कदम उठाने को बाध्य किया। वे बहुध्रुवीय विश्व के समर्थक थे, तानाशाही व्यवस्था के स्थान पर लोकतान्त्रिक व्यवस्था को शांति और सुरक्षा तथा विकास के लिए अधिक उपयोगी मानते थे। वे लोगों की स्वतंत्रता और अधिकारों के भी समर्थक थे। यही कारण है की सोवियत के इतिहास में स्टालिन को शीतयुद्ध के जनक के रूप में जाना जाता है तो गोर्बाचेव को शीतयुद्ध का अंत करने वाले नेता के रूप में जाना जाता हैं।
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गोर्बाचेव और सोवियत संघ का विघटन
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Chapter 2: दो ध्रुवीयता का अंत - प्रश्नावली [Page 30]

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NCERT Political Science [Hindi] Class 12
Chapter 2 दो ध्रुवीयता का अंत
प्रश्नावली | Q 7. | Page 30
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