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Maharashtra State BoardSSC (English Medium) 7th Standard

किसी कार्य की परख करते हुए उसे करने या न करने का निर्णय लेने के लिए प्रेरित करें। - Hindi (Second/Third Language) [हिंदी (दूसरी/तीसरी भाषा)]

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Question

किसी कार्य की परख करते हुए उसे करने या न करने का निर्णय लेने के लिए प्रेरित करें।

Long Answer

Solution

किसी कार्य की परख करते हुए उसे करने या न करने का निर्णय लेने के लिए विद्यार्थियों को सही और गलत में अंतर समझना बहुत जरूरी है। निर्णय लेने से पहले उन्हें चार मुख्य बिंदुओं पर विचार करना चाहिए – उद्देश्य, परिणाम, नैतिकता और आत्म-संतोष। यदि किसी कार्य का उद्देश्य अच्छा है, उसके परिणाम सकारात्मक हैं, वह नैतिक रूप से सही है और उसे करने के बाद आत्म-संतोष मिलता है, तो वह कार्य करना उचित होगा। उदाहरण के लिए, यदि कोई मित्र परीक्षा में नकल करने के लिए कहे, तो सही निर्णय यही होगा कि मेहनत से सफलता पाई जाए, क्योंकि नकल करना गलत आदत है। इसी तरह, जेब खर्च के पैसों को फिजूलखर्च करने की बजाय ज़रूरी चीज़ों पर खर्च करना एक सही निर्णय होगा। निर्णय लेने की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए "सोचो-समझो-फैसला लो" नियम अपनाया जा सकता है, जिसमें पहले कार्य के लाभ और हानि पर विचार किया जाए, फिर माता-पिता या शिक्षकों से राय ली जाए, और अंत में आत्मविश्वास के साथ सही निर्णय लिया जाए। विद्यार्थियों को सही निर्णय लेने की प्रेरणा देने के लिए समूह चर्चा, निबंध लेखन और नाट्य प्रस्तुति जैसी गतिविधियाँ कराई जा सकती हैं, जिससे वे अपने अनुभवों को साझा कर सकें और निर्णय लेने की कला को समझ सकें। इस प्रकार, सही और गलत की परख करने से वे अपने जीवन में अच्छे और सार्थक निर्णय लेने में सक्षम होंगे।

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Chapter 3.2: चंदा मामा की जय - अंतःपाठ प्रश्न [Page 55]

APPEARS IN

Balbharati Integrated 7 Standard Part 4 [Marathi Medium] Maharashtra State Board
Chapter 3.2 चंदा मामा की जय
अंतःपाठ प्रश्न | Q ५. | Page 55
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