Advertisements
Advertisements
Question
कॉलम I में दी गई संरचनाओं को कॉलम II में दिए गए नामों से सुमेलित कीजिए।
कॉलम I | कॉलम II | |
(i) | ![]() |
(a) फिटिग अभिक्रिया |
(ii) | ![]() |
(b) वुर्ट्ज फिटिग अभिक्रिया |
(iii) | ![]() |
(c) फिंकेल्स्टाइन अभिक्रिया |
(iv) | \[\ce{C2H5Cl + NaI ->[{शुष्क ऐसीटोन}] C2H5I + NaCl}\] | (d) सैन्डमायर अभिक्रिया |
Solution
कॉलम I | कॉलम II |
![]() |
(b) वुर्ट्ज फिटिग अभिक्रिया |
![]() |
(a) फिटिग अभिक्रिया |
![]() |
(d) सैन्डमायर अभिक्रिया |
\[\ce{C2H5Cl + NaI ->[{शुष्क ऐसीटोन}] C2H5I + NaCl}\] | (c) फिंकेल्स्टाइन अभिक्रिया |
स्पष्टीकरण:
-
ऐल्किल हैलाइड तथा ऐरिल हैलाइड का मिश्रण, सोडियम के साथ शुष्क ईंथर की उपस्थिति में गरम करने पर ऐल्किलऐरीन देता है तथा इसे वुर्ट्ज फिटिग अभिक्रिया कहते हैं।
-
ऐरिल हैलाइड भी शुष्क ईथर में सोडियम के साथ अभिक्रिया द्वारा सजातीय यौगिक देते हैं, जिसमें दो ऐरिल समूह परस्पर जुड़े रहते हैं। इसे फिटिग अभिक्रिया कहते हैं।
- डाइऐज़ोनियम लवण को जब क्यूप्रस क्लोराइड अथवा क्यूप्रस ब्रोमाइड से उपचारित किया जाता है तो क्लोरोबेन्जीन या ब्रोमोबेन्जीन देता है। इसे सैन्डमायर अभिक्रिया कहते हैं।
-
ऐल्किल आयोडाइडों का विरचन प्राय: ऐल्किल क्लोराइडों/ब्रोमाइडों की शुष्क ऐसीटोन में NaI के साथ अभिक्रिया से होता है। इस अभिक्रिया को फिंकेल्स्टाइन अभिक्रिया कहते हैं।
APPEARS IN
RELATED QUESTIONS
निम्नलिखित में से किस अणु में तारांकित (*) कार्बन परमाणु असममित है?
(a) \[\begin{array}{cc}
\ce{H}\\
|\\
\phantom{.}\ce{C^*}\phantom{}\\
\phantom{}/\phantom{..}|\phantom{..}\backslash\phantom{}\\
\phantom{..}\ce{I}\phantom{...}\ce{Br}\phantom{.}\ce{Cl}\phantom{.}
\end{array}\]
(b) \[\begin{array}{cc}
\ce{D}\\
|\\
\phantom{.}\ce{C^*}\phantom{}\\
\phantom{}/\phantom{..}|\phantom{..}\backslash\phantom{}\\
\phantom{..}\ce{I}\phantom{...}\ce{Br}\phantom{.}\ce{Cl}\phantom{.}
\end{array}\]
(c) \[\begin{array}{cc}
\ce{H}\\
|\\
\phantom{.}\ce{C^*}\phantom{}\\
\phantom{}/\phantom{..}|\phantom{..}\backslash\phantom{}\\
\phantom{..}\ce{HO}\phantom{..}\ce{C2H5}\phantom{}\ce{CH3}\phantom{}
\end{array}\]
(d) \[\begin{array}{cc}
\ce{H}\\
|\\
\phantom{.}\ce{C^*}\phantom{}\\
\phantom{}/\phantom{..}|\phantom{..}\backslash\phantom{}\\
\phantom{....}\ce{H}\phantom{..}\ce{C2H5}\phantom{}\ce{CH3}
\end{array}\]
क्लोरोबेन्जीन को AlCl3 की उपस्थिति में क्लोरीन की बेन्जीन से अभिक्रिया द्वारा बनाया जा सकता है। इस अभिक्रिया में निम्नलिखित में से कौन-सी स्पीशीज़ बेन्जीन बलय पर आक्रमण करती है?
निम्नलिखित में से कौन-सा ऐल्किल हैलाइड सर्वाधिक आसानी से SN1 अभिक्रिया देगा?
निम्नलिखित यौगिकों को नाभिकरागी प्रतिस्थापन अभिक्रिया में अभिक्रिया दर के बढ़ते क्रम में व्यवस्थित कीजिए।
(a) | ![]() |
(b) | ![]() |
(c) | ![]() |
निम्नलिखित यौगिकों को नाभिकरागी प्रतिस्थापन अभिक्रिया में अभिक्रिया दर के बढ़ते क्रम में व्यवस्थित कीजिए।
(a) | ![]() |
(b) | ![]() |
(c) | ![]() |
निम्नलिखित यौगिकों को नाभिकरागी प्रतिस्थापन अभिक्रिया में अभिक्रिया दर के बढ़ते क्रम में व्यवस्थित कीजिए।
(a) | ![]() |
(b) | ![]() |
(c) | ![]() |
इस अभिक्रिया की क्रियाविधि के संबंध में कौन-से कथन सही हैं?
(i) अभिक्रिया में कार्बधनायन (कार्बोकैटायन) माध्यमिक बनेगा।
(ii) OH− क्रियाधर (b) पर एक ओर से जुड़ेगा और उसी समय Cl− इसे छोड़ेगा।
(iii) एक अस्थायी माध्यमिक बनेगा जिसमें OH− और Cl− दुर्बल आबंधों से जुड़े होंगे।
(iv) अभिक्रिया SN1 क्रियाविधि से बढ़ेगी।
एथिलीन क्लोराइड एवं एथिलिडीन क्लोराइड समावयव हैं। इनके विषय में सही कथन पहचानिए।
(i) ऐल्कोहॉली KOH से अभिक्रिया में दोनों यौगिक एक ही उत्पाद् बनाते हैं।
(ii) जलीय NaOH के साथ अभिक्रिया में दोनों यौगिक एक ही उत्पाद् बनाते हैं।
(iii) दोनों यौगिक अपचयन से एक ही उत्पाद् बनाते हैं।
(iv) दोनों यौगिक ध्रुवण घूर्णक हैं।
निम्नलिखित में से कौन-से यौगिक सेकेन्डी ब्रोमाइड हैं?
(i) (CH3)2CHBr
(ii) (CH3)3C CH2Br
(iii) CH3CH(Br)CH2CH3
(iv) (CH3)2CBrCH2CH3
हैलोऐरीन, हैलोऐल्केन और हैलोऐल्कीन से कम क्रियाशील होती हैं। समीक्षा कीजिए।
ग्रीन्यार अभिकर्मक के उपयोग में लेशमात्र नमी भी न होना क्यों आवश्यक है?
ऐल्किल हैलाइडों में निराकरण अभिक्रियाएँ (विशेषकर β-निराकरण) उतनी ही सामान्य हैं जितनी प्रतिस्थापन अभिक्रियाएँ। दोनों के अभिकर्मकों का उल्लेख कीजिए।
हैलोएरीनों के C−X आबंध की प्रकृति की विवेचना कीजिए।
अभिकथन - tert-ब्यूटिल ब्रोमाइड वुर्ट्ज अभिक्रिया द्वारा 2, 2, 3, 3-टेट्रामेथिलब्यूटेन देता है।
तर्क - वुर्टज अभिक्रिया में ऐल्किल हैलाइड शुष्क ईथर में सोडियम से अभिक्रिया करते हैं और हैलाइड में उपस्थित कार्बन परमाणुओं की संख्या से दुगनी संख्या वाला हाइड्रोकार्बन बनाते हैं।
अभिकथन - ऑर्थो और पैरा स्थितियों पर नाइट्रो समूह की उपस्थिति हैलोऐरीनों की नाभिकरागी प्रतिस्थापन के प्रति क्रियाशीलता बढ़ा देती है।
तर्क - नाइट्रो समूह इलेक्ट्रॉन अपनयक समूह होने के कारण बेन्ज़ीन वलय पर इलेक्ट्रॉन का घनत्व कम कर देता है।
अभिकथन - मोनोहैलोएरीनों में अगला इलेक्ट्रॉनरागी प्रतिस्थापन ऑर्थो और पैरा स्थितियों पर होता है।
तर्क - हैलोजन परमाणु वलय को निष्क्रिय करता है।
अभिकथन - क्लोरोएथेन की अपेक्षा क्लोरोबेन्जीन की क्लोरीन को −OH द्वारा प्रतिस्थापित करना कठिन है।
तर्क - अनुनाद के कारण क्लोरोबेन्जीन के C−Cl आबंध में आंशिक द्विआबंध गुण आ जाता है।