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निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर दीजिए −'आत्मत्राण' शीर्षक की सार्थकता कविता के संदर्भ में स्पष्ट कीजिए। - Hindi Course - B

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Question

निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर दीजिए 
'आत्मत्राणशीर्षक की सार्थकता कविता के संदर्भ में स्पष्ट कीजिए।

Short Note

Solution

आत्मत्राण का अर्थ है आत्मा का त्राण अर्थात आत्मा या मन के भय का निवारणउससे मुक्ति। कवि चाहता है कि जीवन में आने वाले दुखों को वह निर्भय होकर सहन करे। दुख न मिले ऐसी प्रार्थना वह नहीं करता बल्कि मिले हुए दुखों को सहनेउसे झेलने की शाक्ति के लिए प्रार्थना करता है। इसलिए यह शीर्षक पूर्णतया सार्थक है।

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आत्मत्राण
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Chapter 1.9: आत्मत्राण - प्रश्न-अभ्यास (क) [Page 49]

APPEARS IN

NCERT Hindi - Sparsh Part 2 Class 10
Chapter 1.9 आत्मत्राण
प्रश्न-अभ्यास (क) | Q 5 | Page 49

RELATED QUESTIONS

निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर दीजिए 
कवि सहायक के न मिलने पर क्या प्रार्थना करता है?


निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर दीजिए 
अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिए आप प्रार्थना के अतिरिक्त और क्या-क्या प्रयास करते हैंलिखिए।


निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर दीजिए 
क्या कवि की यह प्रार्थना आपको अन्य प्रार्थना गीतों से अलग लगती हैयदि हाँतो कैसे?


निम्नलिखित अंशों का भाव स्पष्ट कीजिए-
तरने की हो शक्ति अनामय
मेरा भार अगर लघु करके न दो सांत्वना नहीं सही।


रवींद्रनाथ ठाकुर ने अनेक गीतों की रचना की है। उनके गीत-संग्रह में से दो गीत छाँटिए और कक्षा में कविता-पाठ कीजिए।


अनेक अन्य कवियों ने भी प्रार्थना गीत लिखे हैं, उन्हें पढ़ने का प्रयास कीजिए; जैसे

  1. महादेवी वर्मा- क्या पूजा क्या अर्चन रे!
  2. सूर्यकांत त्रिपाठी निराला- दलित जन पर करो करुणा।
  3. इतनी शक्ति हमें देना दाता
    मन का विश्वास कमज़ोर हो न
    हम चलें नेक रस्ते पर हम से
    भूल कर भी कोई भूल हो न

इसे प्रार्थना को ढूँढ़कर पूरा पढ़िए और समझिए कि दोनों प्रार्थनाओं में क्या समानता है? क्या आपको दोनों में कोई भी अंतर प्रतीत होता है? इस पर आपस में चर्चा कीजिए।


रवींद्रनाथ ठाकुर को नोबेल पुरस्कार पाने वाले पहले भारतीय होने का गौरव प्राप्त है। उनके विषय में और जानकारी एकत्र कर परियोजना पुस्तिका में लिखिए।


रवींद्रनाथ ठाकुर ने कलकत्ता (कोलकाता) के निकट एक शिक्षण संस्थान की स्थापना की थी। पुस्तकालय की मदद से उसके विषय में जानकारी एकत्रित कीजिए।


रवींद्रनाथ ठाकुर ने अनेक गीत लिखे, जिन्हें आज भी गाया जाता है और उसे रवींद्र संगीत कहा जाता है। यदि संभव हो तो रवींद्र संगीत संबंधी कैसेट व सी.डी. सुनिए।


‘दुख’ के संबंध में हमारी प्रार्थना और कवि की प्रार्थना में क्या अंतर है?


‘सुख के दिन’ के संबंध में जन सामान्य और कवि के दृष्टिकोण में अंतर स्पष्ट कीजिए।


‘आत्मत्राण’ कविता में निहित संदेश स्पष्ट कीजिए।


“आत्मत्राण’ कविता हमें दुख से संघर्ष करने का मार्ग दिखाती है। स्पष्ट कीजिए।


'तव मुख पहचानूँ छिन-छिन में' का भाव है - 


'आत्मत्राण' कविता में कवि अपने व्यथित चित्त के लिए ईश्वर से क्या माँगता है?


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