Advertisements
Advertisements
Question
निम्नलिखित काव्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले सही विकल्प चुनकर लिखिए:
हो गया पूर्ण अज्ञातवास, पांडव लौटे वन से सहास, पावक में कनक-सदूश तप कर वीरत्व लिए कुछ और प्रखर नस-नस में तेज-प्रवाह लिये, कुछ और नया उत्साह लिये। सच है, विपत्ति जब आती है कायर को ही दहलाती है, शूरमा नहीं विचलित होते, क्षण एक नहीं धीरज खोते, विघ्नों को गले लगाते हैं, काँटों में राह बनाते हैं। मुख से न कभी उफ कहते हैं, संकट का चरण न गहते हैं, जो आ पड़ता सब सहते हैं उद्योग निरत नित रहते हैं भूलों का मूल नसाने को खुद बढ़ विपत्ति पर छाने को। है कौन विघ्न ऐसा जग में टिक सके वीर नर के मग में खम ठोंक ठेलता है जब नर, पर्वत के जाते पाँव उखड़। मानव जब जोर लगाता है, पत्थर पानी बन जाता है। |
- 'अज्ञातवास' का अर्थ है? [1]
- वन में बसना।
- गाँव में बसना।
- अनजान स्थान पर रहना।
- गुप्त रूप से रहना।
- पांडव वन से किस रूप में लौटे थे? [1]
- कमजोर होकर
- दृढ़ होकर
- निर्विकार भाव से
- बदले की भावना से
- विपत्ति में किसे घबराहट होती है? [1]
- कायर को
- कमजोर को
- साहसी को
- वीर को
- 'पर्वत के जाते पाँव उखड़' −पंक्ति का भाव है: [1]
- उत्साह का संचार होना।
- कठिनाइयों का समाप्त होना।
- अवरोध का सामने आना।
- हिम्मत का समाप्त होना।
- 'मानव जब जोर लगाता है' −पंक्ति में मनुष्य के किस प्रकार के गुण की ओर संकेत है? [1]
- साहस
- शक्ति
- परिश्रम
- समर्पण
Comprehension
Solution
- अनजान स्थान पर रहना।
- दृढ़ होकर
व्याख्या: पांडव अज्ञातवास से दृढ़ होकर लौटे थे। - कायर को
- कठिनाइयों का समाप्त होना।
- समर्पण
shaalaa.com
Is there an error in this question or solution?