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निर्धारित कविता के आधार पर निम्नलिखित प्रश्न के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में लिखिए: संगतकार द्वारा अपनी आवाज को ऊँचा न उठाने की कोशिश उसकी नाकामयाबी क्यों नहीं है? 'संगतकार' - Hindi Course - A

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Question

निर्धारित कविता के आधार पर निम्नलिखित प्रश्न के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में लिखिए:

संगतकार द्वारा अपनी आवाज को ऊँचा न उठाने की कोशिश उसकी नाकामयाबी क्यों नहीं है? 'संगतकार' कविता के संदर्भ में लिखिए।

Short Answer

Solution

कविता में 'संगतकार' द्वारा अपनी आवाज को ऊँचा न उठाने की कोशिश उसकी नाकामयाबी नहीं है, बल्कि यह उसकी विनम्रता और गुरु के प्रति श्रद्धा का प्रतीक है। संगतकार के मन में मुख्य गायक या अपने गुरु के प्रति श्रद्धा और पूर्ण समर्पण का भाव होता है। इसी कारण, वह शक्ति, सामर्थ्य और प्रतिभा से संपन्न होने के बावजूद अपने गुरु की कला को ही महत्व देना चाहता है। वह प्रयास करता है कि उसका स्वर किसी भी स्थिति में मुख्य गायक के स्वर से ऊँचा न हो। इस प्रयास में उसकी आवाज में संकोच स्पष्ट रूप से सुनाई देता है, इसलिए संगतकार द्वारा अपनी आवाज ऊँची न करने की कोशिश को उसकी विफलता नहीं, बल्कि उसकी मनुष्यता समझना चाहिए।

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