Advertisements
Advertisements
Question
पद्य खंड पर आधारित निम्नलिखित प्रश्न के उत्तर लगभग 60 शब्दों में दीजिए:
'लक्ष्मण मूर्च्छा और राम का विलाप' प्रसंग ईश्वरीय राम का पूरी तरह से मानवीकरण है। सिद्ध कीजिए।
Short Answer
Solution
लक्ष्मण मूर्च्छा और राम-विलाप के संदर्भ में तुलसीदास जी कहते हैं कि मूर्च्छित लक्ष्मण को देखकर श्री राम जी भी चिंतित हो जाते हैं। वे ऐसे वचन बोलने लगते हैं जो साधारण मनुष्य के कहने योग्य हैं। श्री राम, लक्ष्मण को इस अवस्था में देखकर कहते हैं कि आधी रात बीत चुकी है, लेकिन हनुमान अब तक नहीं आए। श्री राम लक्ष्मण को उठाकर अपने हृदय से लगा लेते हैं और उनके त्याग, प्रेम और भ्रातृभाव को प्रकट करते हैं। यह प्रसंग ईश्वर के मानवीय रूप को दिखाने का अद्भुत उदाहरण है।
shaalaa.com
Is there an error in this question or solution?