Advertisements
Advertisements
Question
पता लगाएँ कि आपके क्षेत्र में एक विशेष मौसम से कौन से गाने, नृत्य, पर्व एवं भोजन संबंधित हैं? क्या भारत के दूसरे क्षेत्रों से इनमें कुछ समानता है?
Solution
भारत के लोक-नृत्य भारत के लोक-नृत्य निम्नलिखित हैं:
- कालबेलिया - राजस्थान की कालेबिया जनजाति की महिलाओं का लोक-नृत्य है।
- बिदेशिया - भिखारी ठाकुर द्वारा रचित यह लोक-नृत्य उत्तर प्रदेश तथा बिहार के भोजपुरी समाज में प्रचलित है। छऊ-बिहार, पश्चिम बंगाल तथा उड़ीसा (ओडिशा) के आदिवासियों द्वारा किये जाने वाला एक युद्धनृत्य है जो प्रमुखतः पुरुषों द्वारा किया जाता है।
- भांगड़ा - पंजाब का यह उत्साह भरा लोक-नृत्य मुख्यतः पुरुषों द्वारा ढोल की ताल-लय पर किया जाता है।
- गरबा - गुजरात में नवरात्रि के पर्व पर किये जाने वाला यह लोक-नृत्य मिट्टी के घड़े के ऊपर दीपक रखकर उसके चारों ओर घेरा बनाकर किया जाता है। महिलाओं के सिर पर मिट्टी के पात्र में दीपक भी रखा जाता है।
- बिहु - असम का यह लोक-नृत्य कचारी तथा कछारी जनजातियों में प्रचलित है और वर्ष में तीन बार आयोजित किया जाता है।
- घूमर - राजस्थान में महिलाओं द्वारा होली तथा नवरात्रि में किये जाने वाला विशिष्ट लोक-नृत्य है।
- रउफ - जम्मू-कश्मीर के इस ग्रामीण लोक-नृत्य में महिलाएँ पंक्तियों में एक-दूसरे के सामने खड़े होकर तथा गले में बाँहें डालकर नृत्य करती हैं।
भारत के अलग-अलग भागों में उन भागों की सांस्कृतिक विशेषता के अनुरूप नृत्यों का प्रचलन है। इन नृत्यों की शैली में हमें पर्याप्त भिन्नता देखने को मिलती है। इन नृत्यों के माध्यम से हमें लोक-संस्कृति को समझने में सहायता मिलती है तथा हम अपनी सांस्कृतिक पृष्ठभूमि से भी जुड़े रहते हैं।
भारत के पर्व निम्नलिखित हैं:
- दीपावली - दीपावली का त्यौहार भगवान राम के 14 वर्ष का वनवास काटकर अपने राज्य अयोध्या लौटने की खुशी में मनाया जाता है। राम के वापस लौटने पर अयोध्यावासियों ने दीपावली मनाई थी। दीपावली को प्रकाश-उत्सव के रूप में मनाया जाता है। इस दिन देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है। ऐसी मान्यता है कि इस अवसर पर लक्ष्मी जी घर आती हैं। भगवान राम ने असुरों के राजा रावण को मारकर लोगों की असुरों से रक्षा की थी। इसे बुराई पर अच्छाई का, असत्य पर सत्य की जीत भी कहते हैं। इस अवसर पर घर-द्वार आदि की सफाई की जाती है। ऐसा विश्वास है कि स्वच्छता रखने से घर में लक्ष्मी का प्रवेश होता है। दीपावली के दिन सूर्यास्त के बाद धन की देवी लक्ष्मी और बुद्धि के देवता गणेश की विशेष रूप से पूजा की जाती है।
- मकरसंक्रांति - मकर संक्रांति हिंदू धर्म के प्रमुख त्यौहारों में शामिल है। यह त्यौहार सूर्य के उत्तरायण होने पर मनाया जाता है। प्रायः यह त्यौहार प्रतिवर्ष 14 जनवरी को मनाया जाता है लेकिन कभी-कभार यह 13 और 15 जनवरी को भी मनाया जाती है। मकर संक्रान्ति का सीधा सम्बन्ध पृथ्वी और सूर्य की स्थिति से है। जब सूर्य मकर रेखा पर आता है तब मकर संक्रांति मनायी जाती है। ज्योतिष की दृष्टि से इस दिन सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करता है और सूर्य के उत्तरायण की गति आरंभ होती है। भारत के अलग-अलग क्षेत्रों में मकर संक्रांति के पर्व को अलग-अलग तरह से मनाया जाता है। आंध्र प्रदेश, केरल और कर्नाटक में इसे संक्रान्ति कहा जाता है और तमिलनाडु में इसे पोंगल पर्व के रूप में मनाया जाता है, वहीं असम (असोम) में इसे बिहू के रूप में मनाया जाता है। इस तरह देश के प्रत्येक प्रांत में इसे मनाने का तरीका अलग-अलग है।
इस पर्व के पकवान भी अलग-अलग होते हैं, किंतु दाल और चावल की खिचड़ी इस पर्व की पहचान बन गयी है। इसके अतिरिक्त तिल व गुड़ का भी इस मकर संक्रांति में विशेष महत्त्व है। इस दिन लोग पवित्र नदियों में स्नान करते हैं और दान आदि देते हैं। ऐसी मान्यता है कि इस दिन किए गए दान से सूर्य देवता प्रसन्न होते हैं। इस अवसर पर पतंग उड़ाने की परंपरा रही है। - होली - बहुत साल पहले हिरण्यकश्यप नाम के दुष्ट भाई की एक दुष्ट बहन होलिका थी, जो अपने भाई के पुत्र प्रहलाद को अपनी गोद में बैठाकर जलाना चाहती थी। प्रहलाद भगवान विष्णु के भक्त थे जिन्होंने होलिका की आग से प्रहलाद को बचाया। होलिका उस आग में जलकर मर गयी। तभी से हिन्दू धर्म के लोग बुरी शक्तियों पर अच्छाई की जीत के रूप में होली का त्योहार हर्षोल्लासपूर्वक मनाते हैं। रंगों के इस उत्सव में लोग एक-दूसरे को अबीर-गुलाल लगाते हैं। प्रतिवर्ष यह त्योहार चैत्र महीने के पहले दिन मनाया जाता है। होली का यह उत्सव फाल्गुन मास के अंतिम दिन होलिका दहन की शाम से शुरू होता है।
मौसम के अनुसार भोजन की पहचान कीजिए:
प्रायः भारतीय व्यंजन में चावल, दाल, रोटी, सब्जी सामान्य रूप से प्रचलित है, किंतु फिर यदि हम मौसम के अनुरूप देखें तो सर्दी के मौसम में हमें हल्दी, अनार, तिल, दालचीनी, गाजर, हरी मिर्च, मीट, अंडा, चिकन, मछली, शहद, खट्टे फल, बादाम, लहसुन, लौंग, प्याज, ड्राई फूट, मूंगफली, अमरूद, बाजरा, मेथी का साग, गुड़ आदि का सेवन करना चाहिए। इसके साथ मसालेदार और गरिष्ठ भोजन सर्दियों में सरलता से पच जाता है।
गर्मी का मौसम आते ही कई तरह की स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्यायें जैसे- डिहाडेशन, भूख न लगना, अत्यधिक पसीना आना आदि शुरू हो जाती है। इस कारण गर्मियों के मौसम में अपने आपको सन-स्ट्रोक (लू) से बचाना व शरीर के तापमान को नियंत्रित रखना एक चुनौती होती है। शरीर में नमी के स्तर को बनाए रखने के लिए हमें अधिक से अधिक पानी पीना चाहिए। गर्मी में हमें दही सेवन करना चाहिए। इसके अलावा खीरा, तरबूज, नारियल पानी, गन्ने का रस, फालूदा, लौकी, करेला, तोरी, कद्द, टिंडा, परमल, भिंडी, चौलाई का सेवन करना लाभकारी होता है। गर्मियों में मसालों का प्रयोग कम से कम करना चाहिए। तैलीय पदार्थों का भी सेवन कम-से-कम करना चाहिए क्योंकि अधिक तैलीय पदार्थ का सेवन शरीर में गर्मी पैदा करता है और कई तरह की शारीरिक समस्यायें उत्पन्न होती हैं। गर्मियों में जंक-फूड के सेवन से फूड-प्वाइजनिंग का खतरा रहता है अतः इससे बचना चाहिए। चाय और काफी का भी गर्मियों में सेवन कम करना चाहिए क्योंकि इससे व्यक्ति शरीर में गर्मी अनुभव करता है। पपीता, अनन्नास जैसे गर्म फलों का सेवन गर्मी में नहीं करना चाहिए।
APPEARS IN
RELATED QUESTIONS
निम्नलिखित में से कौन-सा कारण भारत के उत्तर-पश्चिम भाग में शीत ऋतु में होने वाली वर्षा के लिए उत्तरदायी है-
भारत की जलवायु को प्रभावित करने वाले कौन-कौन से कारक हैं?
भारत की जलवायु अवस्थाओं की क्षेत्रीय विभिन्नताओं को उदाहरण सहित समझाएँ।
भारत के रेखा मानचित्र पर निम्नलिखित को दर्शाएँ-
- 400 सें.मी. से अधिक वर्षा वाले क्षेत्र
- 20 सें.मी. से कम वर्षा वाले क्षेत्र
- भारत में दक्षिण-पश्चिम मानसून की दिशा
दस स्थानों को तीन भिन्न क्रमों में लिखिए-
- विषुवत् वृत्त से उनकी दुरी के क्रम में
- समुद्रतल से उनकी ऊँचाई के क्रम में
केंद्र | देशांतर | अक्षांश | जन. | फर. | मार्च. | अप्रै. | मई. | जून. | जुलाई. | अग. | सित. | अक्टू. | नव. | दिस. | वार्षिक वर्षा |
तापमान(°से.) |
20.5 |
22.7 |
25.2 |
27.1 |
26.7 |
24.2 |
23.0 |
23.0 |
23.1 |
22.9 |
18.9 |
20.2 |
|||
बेंगलुरु | 12°58'उ. | 909 |
|
|
|
||||||||||
वर्षा (से. मी.) | 0.7 | 0.9 | 1.1 | 4.5 | 10.7 | 7.1 | 11.1 | 13.7 | 16.4 |
15.3 |
6.1 |
1.3 |
88.9 | ||
तापमान(°से.) |
24.4 |
24.4 |
26.7 |
28.3 |
30.0 |
28.9 |
27.2 |
27.2 |
27.2 |
27.8 |
27.2 |
25.0 |
|||
मुंबई |
19° उ. | 11 |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
वर्षा (से. मी.) |
0.2 |
0.2 |
– |
– |
1.8 |
50.6 |
61.0 |
36.9 |
26.9 |
4.8 |
1.0 |
– |
183.4 | ||
तापमान(°से.) |
19.6 |
22.0 |
27.1 |
30.1 |
30.4 |
29.9 |
28.9 |
28.7 |
28.9 |
27.6 |
23.4 |
19.7 |
|||
कोलकाता |
22°34'उ. | 6 |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
वर्षा (से. मी.) |
1.2 |
2.8 |
3.4 |
5.1 |
13.4 |
29.0 |
33.1 |
33.4 |
25.3 |
12.7 |
2.7 |
0.4 |
162.5 | ||
तापमान(°से.) |
14.4 |
16.7 |
23.3 |
30.0 |
33.3 |
33.3 |
30.0 |
29.4 |
28.9 |
25.6 |
19.4 |
15.6 |
|||
दिल्ली |
29° उ. | 219 |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
वर्षा (से. मी.) |
2.5 |
1.5 |
1.3 |
1.0 |
1.8 |
7.4 |
19.3 |
17.8 |
11.9 |
1.3 |
0.2 |
1.0 |
67.0 | ||
तापमान(°से.) |
16.8 |
19.2 |
26.6 |
29.8 |
33.3 |
33.9 |
31.3 |
29.0 |
20.1 |
27.0 |
20.1 |
14.9 |
|||
जोधपुर |
26°18'उ. | 224 |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
वर्षा (से. मी.) |
0.5 |
0.6 |
0.3 |
0.3 |
1.0 |
3.1 |
10.8 |
13.1 |
5.7 |
5.7 |
0.2 |
0.2 |
36.6 | ||
तापमान(°से.) |
24.5 |
25.7 |
27.7 |
30.4 |
33.0 |
32..5 |
31.0 |
30.2 |
29.8 |
28.0 |
25.9 |
24.9 |
|||
चेन्नई |
13°4'उ. | 7 |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
वर्षा (से. मी.) |
4.6 |
1.3 |
1.3 |
1.8 |
3.8 |
22.2 |
8.7 |
11.3 |
11.9 |
30.6 |
35.0 |
0.2 |
128.6 | ||
तापमान(°से.) |
21.5 |
23.9 |
28.3 |
32.7 |
35.5 |
32.0 |
27.7 |
27.3 |
27.9 |
26.7 |
23.1 |
20.7 |
|||
नागपुर |
21°9'उ. | 312 |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
वर्षा (से. मी.) |
1.1 |
2.3 |
1.7 |
1.6 |
2.1 |
22.2 |
37.6 |
28.6 |
18.5 |
5.5 |
2.0 |
13.9 |
124.2 | ||
तापमान(°से.) |
9.8 |
11.3 |
15.9 |
18.5 |
19.2 |
20.5 |
21.1 |
20.9 |
20.9 |
17.2 |
13.3 |
10.4 |
|||
शिलांग |
24°34'उ. | 1461 |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
वर्षा (से. मी.) |
1.4 |
2.9 |
5.6 |
14.6 |
29.5 |
47.6 |
35.9 |
34.3 |
30.2 |
18.8 |
3.8 |
1.0 |
225.3 | ||
तापमान(°से.) |
26.7 |
27.3 |
28.3 |
28.7 |
28.6 |
26.6 |
26.2 |
26.2 |
26.5 |
26.7 |
26.6 |
26.5 |
|||
तिरुवंतपुरम |
8°29'उ. | 61 |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
वर्षा (से. मी.) |
2.3 |
2.1 |
3.7 |
10.6 |
20.8 |
35.6 |
22.3 |
14.6 |
13.8 |
27.3 |
20.6 |
7.5 |
181.2 | ||
तापमान(°से.) |
−8.5 |
−7.2 |
−0.6 |
6.1 |
10.0 |
14.4 |
17.2 |
16.1 |
12.2 |
6.1 |
0.0 |
−5.6 |
|||
लेह |
34°उ. | 3506 |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
वर्षा (से. मी.) |
1.0 |
0.8 |
0.8 |
0.5 |
0.5 |
0.5 |
1.3 |
1.3 |
0.8 |
0.5 |
– |
0.5 |
8.5 |
सरणी में दस प्रतिनिधि स्थानों के औसत माध्य मासिक तापमान तथा औसत मासिक वर्षा दिया गया है। इसका अध्ययन करके प्रत्येक स्थान के तापमान और वर्षा के आरेख बनाइए। इन आरेखों को देखकर आपको इन स्थानों के तापमान और वर्षा के अंतर का तुरंत पता चल जाएगा। यहाँ एक आरेख उदाहरण के लिए दिया गया है। क्या आप इसके अध्ययन से अपने देश की जलवायु की विभिन्न दशाओं के बारे में कोई अनुमान लगा सकते हैं? हमें आशा है कि इन्हें जानकर आपको बड़ी प्रसन्नता होगी। निम्नलिखित अभ्यास कीजिए।
जलवायु में अत्यधिक अंतर वाले दो स्थान
निम्नलिखित महीने में सर्वाधिक गर्म दो स्थान
मई
निम्नलिखित महीने में सर्वाधिक गर्म दो स्थान
जून
अब सोचिए ! ऐसा क्यों होता है-
देश के अधिकतर भागों में मानसूनी वर्षा के समाप्त होने के बाद ही चेन्नई में अधिक वर्षा होती है।