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शॉक थेरेमी क्या थी? क्या साम्यवादी से पूँजीवाद की तरफ संक्रमण का यह सबसे बेहतर तरीका था? - Political Science (राजनीति विज्ञान)

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Question

शॉक थेरेमी क्या थी? क्या साम्यवादी से पूँजीवाद की तरफ संक्रमण का यह सबसे बेहतर तरीका था?

Long Answer

Solution

शॉक थेरेपी - साम्यवाद की समाप्ति के बाद पूर्व सोवियत संघ के गणराज्य एक सत्तावादी, समाजवादी व्यवस्था से लोकतान्त्रिक पूँजीवादी व्यवस्था तक के कष्टप्रद संक्रमण से होकर गुजरे। रूस, मध्य एशिया के गणराज्यों और पूर्वी योरोप के देशों में साम्यवाद से पूँजीवाद की ओर संक्रमण का एक खास मॉडल अपनाया गया। विश्व बैंक और अंतर्राष्टीय मुद्रा कोष द्वारा निर्देशित इस मॉडल को 'शॉक थेरेपी' अर्थात (आघात पहुंचकर उपचार करना) कहा गया। भूतपूर्ण 'दूसरी दुनिया' के देशों में शॉक थेरेपी की गीत और गहनता अलग - अलग रही लेकिन इसकी दिशा और चरित्र बड़ी सिमा तक एक जैसे थे। साम्यवादी से पूंजीवाद की ओर संक्रमण एवं शॉक थेरेपी:

  1. प्रत्यक देश पूँजीवादी अर्थव्यवस्था की ओर पूरी तरह मुड़ना चाहता था। इसका अर्थ था सोवियत संघ के दौरे की हर संरचना में पुरी तरह मुक्ति पाना। 'शॉक थेरेपी' की सर्वोपरि मान्यता थी की मिल्कियत का सबसे प्रभावी रूप निजी स्वामित्व होगा। इसके अंतर्गत राज्य की संपदा के निजीकरण और व्यावसायिक स्वामित्व के ढांचे को तुरंत अपनाने की बात शामिल थी। सामूहिक 'फार्म' की निजी 'फार्म' में बदला गया और पूँजीवादी पद्धति से खेती शुरू हुई। इस संक्रमण में राज्य नियंत्रण समाजवाद या पूंजीवाद के अतिरिक्त किसी भी वैकल्पिक व्यवस्था या 'तीसरे रुख' को मंजूर नहीं किया गया।
  2. 'शॉक थेरेपी' के कारण इन अर्थव्यवस्थाओं के बाहरी व्यवस्थाओं के प्रति रुझान बुनियादी तौर पर परिवर्तित हो गए। अब समझा जाने लगा की अधिक से अधिक व्यपार करके ही विकास किया जा सकता है। इस कारण 'मुक्त व्यपार' को पूर्ण रूप से अपनना आवश्यक माना गया। पूँजीवादी व्यवस्था को अपनाने के लिए वित्तीय खुलापन, मुद्राओ की आपसी परिवर्तनीयता और मुक्त व्यपार की निति महत्त्वपूर्ण मानी गई।
  3. अंततः इस संक्रमण में सोवियत खेमे के देशों के मध्य मैजूदा व्यापारिक गठबंधनों को समाप्त कर दिया गया। खेमे के प्रत्यक देश को एक - दूसरे से जोड़ने की जगह सीधे पशिचमी देशों से जोड़ा गया। इस तरह धीरे - धीरे इन देशों को पश्चिमी अर्थतंत्र में समाहित किया गया। पशिचमी दुनिया के पूँजीवादी देश अब नेता की भूमिका निभते हुए अपनी विभिन्न - विभिन्न एजेंसियों और संगठनों के सहारे इस खेमे के देशों के विकास का मार्गदर्शन और नियंत्रण करेंगे।
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'शॉक थेरेपी' के परिणाम
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Chapter 2: दो ध्रुवीयता का अंत - प्रश्नावली [Page 30]

APPEARS IN

NCERT Political Science [Hindi] Class 12
Chapter 2 दो ध्रुवीयता का अंत
प्रश्नावली | Q 9. | Page 30
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