Advertisements
Advertisements
Question
‘सिंदूरी’ और ‘अपने सपनों के गाँव' में उसे क्या अंतर मिला?
Solution
सिंदूरी में प्रत्येक वस्तु पैसों से मिलती थी। सिंदूरी में यदि कोई बीमार पड़ जाता तो डॉक्टरों से अस्पताल में दिखाना पड़ता था, अस्पताल में दवा भी नहीं मिलती थी, जबकि जात्र्या के गाँव में बीमार पड़ने पर जड़ी बूटी से इलाज हो जाया करता था।
APPEARS IN
RELATED QUESTIONS
ये बच्चे किस तरह के काम करते हैं? क्यों करने पड़ते होंगे?
क्या तुम किसी पक्षी की आवाज़ की नकल कर सकते हो? करके दिखाओ।
जात्र्या के खेड़ी के परिवार में कितने लोग थे? जात्र्या जब अपने परिवार के बारे में सोचता तो उसके मन में कौन-कौन आता?
अपने परिवार के बारे में सोचते हो तो तुम्हारे मन में कौन-कौन आता है?
क्या तुमने ऐसे लोगों के बारे में सुना है, जो अपनी पुरानी जगह से हटना पसंद नहीं करते? उनकी कुछ बातें बताओ।
क्या सिंदूरी गाँव जात्र्या के सपनों के गाँव जैसा था?
जात्र्याभाई ने क्या सोचकर मुंबई जाने की ठानी? क्या उन्हें मुंबई वैसा ही मिला?
क्या तुम किसी बच्चे या परिवार को जानते हो, जो अपनी जगह से हटाए गए हों? उनसे बात करो।
क्या वे कुछ ऐसी चीज़ें बनाना जानते हैं, जो तुम नहीं जानते? क्या?
जात्र्या के परिवार जैसे लाखों परिवार अलग-अलग कारणों से बड़े शहरों में रहने के लिए जाते हैं। मगर इन बड़े शहरों में उनकी ज़िंदगी क्या पहले से अच्छी होती है? बड़े शहरों में उन्हें किस तरह के अनुभव होते होंगे?