Advertisements
Advertisements
Question
सप्रसङ्गं व्याख्यायन्ताम्-
न वयमयोग्यमूल्यत्वात् पट निर्मामः।
Solution
प्रसंग- प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्य पुस्तक ‘भास्वती प्रथमो भागः’ के अध्याय ‘वस्त्रविक्रयः’ में से उद्धृत किया गया है। यह अध्याय महामहोपाध्याय पं. मथुराप्रसाद दीक्षितकृत भारतविजयनाटकम् के प्रथम अंक से संकलित है। प्रस्तुत पाठ में व्यापारियों के साथ जुलाहों का वस्त्र विक्रय हेतु वार्तालाप होता है। उसी समय विदेशी गौराग का प्रवेश होता है। वह राजकीय मुद्रा से अंकित प्रमाणपत्र दिखाकर बहुत कम मूल्य देकर वस्त्र ले लेता है और डाँट-डपट कर जुलाहे को वहाँ से भगा देता है। वह जुलाहा उसे इतनी कम कीमत में वस्त्र देना ही नहीं चाहता, अतः वह बहाने लगता हुआ कहता है-
अर्थ – हम अनुचित मूल्य के कारण वस्त्र नहीं बनाते।
व्याख्या – इस पर वह विदेशी जुलाहे को अच्छी कीमत का लालच देकर उसे और वस्त्र देने को कहता है। वह इन जुलाहों से सारा वस्त्र लेकर, पैसे जबरदस्ती लेकर उनके व्यापार को ठप्प करना चाहता है। वस्त्र न बनाने की बात कहने पर विदेशी जुलाहे को डाँटता-डपटता है और उसे लालच भी देता है।
APPEARS IN
RELATED QUESTIONS
अयं पाठः कस्मात् ग्रन्थात् सङ्कलितः कश्च तस्य प्रणेता?
वैदेशिको गौराङ्गः किं संदर्य श्रेष्ठिनौ तन्तुवायञ्च भर्त्सयति?
तन्तुवायेन कथं पटः निष्पादितः?
यन्मया निश्चिीयते दीयते च तदेव मूल्यमिति कथनं कस्यास्ति?
तन्तुवायाः कीदृशस्य पटस्य निर्माणमकुर्वन्?
यूयं निर्मितान् पटान् मह्यं दत्त इति कः कान् प्रति कथयति?
गौराङ्गः तन्तुवायान् कथं निष्काशयति?
वैदेशिको गौराङ्गः तन्तुवायान् कया ताडयितुं भर्त्सयति?
कथमेतेन मम कुटुम्बस्य ______ भविष्यतः।
अनिर्वचनीयम् ______ सौन्दर्यम्।
शोभनं पट निर्माय मह्यं ______ योग्यं ______ भविष्यति।
कथमेत्समक्षमस्मद्देशीयानां ______ विक्रयो भविष्यति।
यूयं पटान् निर्माय ______ सविधे विक्रीणीध्वे।
सप्रसङ्गं व्याख्यायन्ताम्-
युष्मत्कुटुम्बरक्षायै ………………. जानीहि व्रजाधुना।
सन्धिविच्छेदं क्रियताम्-
विंशत्यधिकम् ।
सन्धिविच्छेदं क्रियताम्-
मुद्राङ्कितम्।
सन्धिविच्छेदं क्रियताम्-
विधेरुन्मूलम् ।
सन्धिविच्छेदं क्रियताम्-
मोचयिष्याम्यतः।
सन्धिविच्छेदं क्रियताम्-
सामर्षम्।
सन्धिविच्छेदं क्रियताम्-
मिथ्यैतत् ।
‘एतत्सूक्ष्मपटस्येति’ श्लोकस्य स्वमातृभाषया अनुवादः कार्यः-
अधोलिखितेषु पदेषु धातु प्रत्यय च पृथक्कृत्य लिखत-
घातु | प्रत्यय | |
विक्रेतुम् | ______ | ______ |
अनिर्वचनीयम् | ______ | ______ |
विचिन्त्य | ______ | ______ |
गत्वा | ______ | ______ |
निबध्य | ______ | ______ |
निर्माय | ______ | ______ |
अभिलक्ष्य | ______ | ______ |