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Question
सरल सहसंबंध गुणांक की तुलना में कोटि सहसंबंध गुणांक कब अधिक परिशुद्ध होता है?
Short Note
Solution
सरल सहसंबंध गुणांक की तुलना में कोटि सहसंबंध गुणांक अधिक परिशुद्ध होता है क्योंकि
- इस विधि का उस स्थिति में भी सुगमता से प्रयोग किया जाता है जबकि आँकड़ों के स्थान पर केवल श्रेणियाँ ही दी गई हों तथा साधारण गुणात्मक श्रृंखलाओं के ढीले सहसंबंध अनुमान लगाने के लिए भी प्रयोग किया जा सकता है।
- स्पीयरमैन श्रेणी अंतर सह-संबंध विधि पियरसन के सह-संबंध गुणांक की अपेक्षा समझने में सरल है।
- यह विधि गुणात्मक चरों की अच्छाई, बुराई, बुद्धिमत्ता, सुंदरता व पवित्रता आदि के सह-संबंधों को ज्ञात करने के लिए श्रेष्ठ है।
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संबंधों के प्रकार
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कद (फुटों में) तथा वजन (किलोग्राम में) के बीच सहसंबंध गुणांक की इकाई है
सरल सहसंबंध गुणांक का परास निम्नलिखित होगा
यदि rxy धनात्मक है तो x और y के बीच का संबंध इस प्रकार का होता है।
यदि rxy = 0 तब चर x और y के बीच
यदि परिशुद्ध रूप में मापित आँकड़े उपलब्ध हों, तो सरल सहसंबंध गुणांक
कुछ ऐसे चरों की सूची बनाएँ जिनका परिशुद्ध माप कठिन हो।
पिताओं (x) और उनके पुत्रों (y) के कदो का माप नीचे इंचों में दिया गया है। इन दोनों के बीच सहसंबंध गुणांक परिकलित कीजिए।
X |
65 |
66 |
57 |
67 |
68 |
69 |
70 |
72 |
Y |
67 |
56 |
65 |
68 |
72 |
72 |
69 |
71 |