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वर्तमान समय में संतान द्वारा माँ-बाप के प्रति उपेक्षा का भाव दर्शाया जाने लगा है जिससे वृद्धों की समस्याएँ बढ़ी हैं तथा समाज में वृद्धाश्रमों की जरूरत बढ़ गई है। माता का अँचल’ पाठ उन मूल्यों को उभारने - Hindi Course - A

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Question

वर्तमान समय में संतान द्वारा माँ-बाप के प्रति उपेक्षा का भाव दर्शाया जाने लगा है जिससे वृद्धों की समस्याएँ बढ़ी हैं तथा समाज में वृद्धाश्रमों की जरूरत बढ़ गई है। माता का अँचल’ पाठ उन मूल्यों को उभारने में कितना सहायक है जिससे इस समस्या पर नियंत्रण करने में मदद मिलती हो।

Short Note

Solution

वर्तमान समय में भौतिकवाद का प्रभाव है। अधिकाधिकथन कमाने एवं सुख पाने की चाहत ने मनुष्य को मशीन बनाकर रख दिया है। ऐसे में संतान के पास बैठने, उसके साथ खेलने और घूमने-फिरने का माता-पिता के पास समय नहीं हैं। इस कारण एक ओर माता-पिता बूढ़े होने पर उपेक्षा का शिकार होते हैं तो दूसरी ओर वृद्धाश्रमों की संख्या बढ़ रही है। ‘माता का अंचल’ पाठ में भोलानाथ का अधिकांश समय अपने पिता के साथ बीतता था। वह अपने पिता के साथ पूजा में शामिल होता था तो पिता जी भी मनोविनोद के लिए उसके साथ खेलों में शामिल होते थे। इससे भोलानाथ में अपने माता-पिता से अत्यधिक लगाव, सहानुभूति, मिल-जुलकर साथ रहने की भावना, माता-पिता के प्रति दृष्टिकोण में व्यापकता, माता-पिता के प्रति उत्तरदायित्व, सामाजिक सरोकारों में प्रगाढ़ता, आएगी जिससे वृद्धों की उपेक्षा एवं वृद्धाश्रम की बढ़ती आवश्यकता पर रोक लगाने में सहायता मिलेगी।

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माता का आँचल
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Chapter 1: माता का आँचल - अतिरिक्त प्रश्न

APPEARS IN

NCERT Hindi - Kritika Part 2 Class 10
Chapter 1 माता का आँचल
अतिरिक्त प्रश्न | Q 12

RELATED QUESTIONS

आपके विचार से भोलनाथ अपने साथियों को देखकर सिसकना क्यों भूल जाता है?


आपने देखा होगा कि भोलानाथ और उसके साथी जब−तब खेलते−खाते समय किसी न किसी प्रकार की तुकबंदी करते हैं। आपको यदि अपने खेलों आदि से जुड़ी तुकबंदी याद हो तो लिखिए।


भोलनाथ और उसके साथियों के खेल और खेलने की सामग्री आपके खेल और खेलने की सामग्री से किस प्रकार भिन्न है?


पाठ में आए ऐसे प्रसंगों का वर्णन कीजिए जो आपके दिल को छू गए हों?


पाठ पढ़ते−पढ़ते आपको भी अपने माता−पिता का लाड़−प्यार याद आ रहा होगा। अपनी इन भावनाओं को डायरी में अंकित कीजिए।


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इस पाठ में बच्चों की जो दुनिया रची गई है वह आपके बचपन की दुनिया से किस तरह भिन्न है?


फणीश्वरनाथ रेणु और नागार्जुन की आंचलिक रचनाओं को पढ़िए।


‘माता का अँचल’ पाठ में भोलानाथ के पिता की दिनचर्या का वर्णन करते हुए आज के एक सामान्य व्यक्ति की दिनचर्या से उसकी तुलना कीजिए।


चिड़िया उड़ाते-उड़ाते भोलानाथ और उसके साथियों ने चूहे के बिल में पानी डालना शुरू किया। इस घटना का के या परिणाम निकला?


भोलानाथ और उसके साथी खेल-खेल में फ़सल कैसे उगाया करते थे?


भोलानाथ की माँ उसे किस तरह कन्हैया बना देती?


भोलानाथ के पिता भोलानाथ को पूजा-पाठ में शामिल करते, उसे गंगा तट पर ले जाते तथा लौटते हुए पेड़ की डाल पर झुलाते। उनका ऐसा करना किन-किन मूल्यों को उभारने में सहायक है?


'माता का अँचल' पाठ में भोलानाथ का अपने माता-पिता से बहुत लगाव है। बचपन में हर बच्चा एक पल के लिए भी माता-पिता का साथ नहीं छोड़ना चाहता है, किंतु माता-पिता के बूढ़े हो जाने पर इनमें से ही कुछ उन्हें साथ न रखकर वृद्धाश्रम में पहुँचा देते हैं। ऐसे लोगों को आप किन शब्दों में समझाएँगे? विचार करके लिखिए।


पिता द्वारा भोलानाथ को खाना खिलाने के बाद भी उसकी माँ उसे खाना खिलाती थी, क्यों? ‘माता का अँचल’ पाठ के आधार पर लिखिए।


'पूरक पाठ्य-पुस्तक' के पाठ पर आधारित निम्नलिखित प्रश्न के उत्तर लगभग 50-60 शब्दों में लिखिए -

यह स्वाभाविक है कि बच्चा माता या पिता किसी एक से अधिक नज़दीकी का अनुभव करता हो - 'माता का आँचल' के भोलानाथ के संदर्भ से इस कथन पर प्रकाश डालें। इसके साथ ही अपने जीवन के अनुभव से इसके पक्ष या विपक्ष में टिप्पणी कीजिए।


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