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प्रश्न
200 V संभरण (सप्लाई) से एक 600 pF से संधारित्र को आवेशित किया जाता है। फिर इसको संभरण से वियोजित कर देते हैं तथा एक अन्य 600 pF वाले अनावेशित संधारित्र से जोड़ देते हैं। इस प्रक्रिया में कितनी ऊर्जा का ह्रास होता है?
उत्तर
संधारित्र की धारिता, C = 600 pF
विभवांतर, V = 200 V
संधारित्र में संग्रहित स्थिर विद्युत ऊर्जा निम्न प्रकार से दी जाती है,
E = `1/2`CV2
= `1/2 xx (600 xx 10^-12) xx (200)^2`
= 1.2 × 10−5 J
यदि संधारित्र से आपूर्ति काट दी जाए तथा C = 600 pF धारिता वाला एक अन्य संधारित्र इससे जोड़ दिया जाए, तो संयोजन की समतुल्य धारिता (C') निम्न प्रकार दी जाएगी,
`1/"C'" = 1/"C" + 1/"C"`
= `1/600 + 1/600`
= `2/600`
= `1/300`
C' = 300 pF
नई स्थिर विद्युत ऊर्जा की गणना इस प्रकार की जा सकती है
E' = `1/2 xx "C'" xx "V"^2`
= `1/2 xx 300 xx (200)^2`
= 0.6 × 10−5 J
स्थिर विद्युत ऊर्जा में हानि = E − E'
= 1.2 × 10−5 − 0.6 × 10−5
= 0.6 × 10−5
= 6 × 10−6 J
इसलिए, इस प्रक्रिया में खोई स्थिर विद्युत ऊर्जा 6 × 10−6 J है।
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